वाहन स्क्रैपिंग के लिए सबसे आगे टाटा मोटर्स, महिंद्रा और मारुति सुजुकी
भारत सरकार की ओर से नई स्क्रैपिंग नीति लागू होने के बाद देश के कई हिस्सों में स्क्रैपिंग इकाइयां खोली जा रही हैं। इससे पुराने अवधिपार वाहनों को स्क्रैप करने के लिए आधुनिक स्क्रैप सेंटर बनाए जा रहे हैं। बता दें कि महिंद्रा सेरो कंपनी ने महाराष्ट्र में यहां की सरकार के साथ एमओयू किया है। बता दे कि कंपनी ने पहली बार महाराष्ट्र सरकार से मिलकर प्रतिवर्ष करीब 40,000 स्क्रैपिंग क्षमता वाली चार इकाइयां स्थापित हैं। इसके अलावा टाटा मोटर्स ने भी यहां की सरकार से करार किया है। वहीं मारुति सुजुकी ने जापान की कंपनी के साथ मिलकर नोएडा में रीसाइक्लिंग सेंटर खोला है। इसी तरह का सिलसिला रहा तो जल्द ही छोटे शहरों में भी पंजीकृत स्क्रेपिंग सेंटर खुल जाएंगे। जानते हैं इन इकाइयों से वाहन निर्माता कंपनियों और वाहन मालिकों को क्या-क्या होंगे फायदे।
थ्री व्हीलर और यात्री वाहनों को कराया जा सकेगा रीसाईक्लिंग
यहां बता दें कि महिंद्रा एक्सेलो सीरो द्वारा नियंत्रित मेटल एवं स्क्रैप ट्रेड कॉर्पोरेशन एवं एमएसटीसी रीसाइक्लिंग के बीच एक संयुक्त उद्योग सीरो, पुणे में अपना एक रीसाइक्लिंग सुविधा संचालित किया जा रहा है। वहीं जो चार इकाइयां स्थापित की गई हैं वे मुंबई, नागपुर, औरंगाबाद और नासिक में हैं।
भारत की आयात निर्भरता होगी कम
यहां बता दें कि महिंद्रा सीरो के साथ महाराष्ट्र में जो वाहन स्क्रैपिंग इकाइयां स्थापित की गई हैं उनमें सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा निर्धारित कानूनी एवं पर्यावरणीय मानदंडों के अनुरूप वाहन दो पहिया एवं तीन पहिया वाहनों को रिसायकल किया जा सकेगा। वहीं महिंद्रा एक्सेलो के प्रबंध निदेशक सुमित इस्सर ने कहा है कि स्थायित्व के नजरिये से हमारा लक्ष्य स्टील स्क्रैप है। इससे प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर भारत की निर्भरता को कम करना है। जानकारी के लिए बता दें कि पुणे के अलाव सीरो द्वारा गेटर नोएडा, बंगलौर, मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर , चंडीगढ, इंदौर, हैदराबाद एवं कोलकाता में भी इकाइयां स्थापित की गई हैं।
हर जिले में 3 से 4 स्क्रैपिंग केंद्र प्रस्तावित
केंद्रीय सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि हर जिले में लगभग 3 से 4 स्क्रैपिंग सेंटर स्थापित किए जाने की जरूरत है। यदि इस तरह से भारत सरकार की नई स्क्रैपिंग नीति का अनुशरण किया जाता है तो निश्चित तौर पर ज्यादा से ज्यादा पुराने अवधिपार वाहन कबाड़ में बदल जाएंगे। इससे नये वाहनों की बिक्री बढ़ेगी। लोगों को नीति का लाभ मिलेगा। नया वाहन खरीदने पर स्क्रैप कराने के सर्टिफिकेट के आधार पर इलेक्ट्रिक वाहन के लिए सब्सिडी अथवा कई प्रकार की छूट का लाभ मिल पाएगा।
भारत में बढ़ रही है पंजीकृत स्क्रैपिंग इकाइयों की संख्या
दस और पंद्रह साल या इससे भी अधिक पुराने वाहनों को स्क्रैप कराने की सुविधाओं का विस्तार तेजी से हो रहा है। महिंद्रा सीरो कंपनी के बाद अब अन्य कई कंपनियां भी पंजीकृत स्क्रैपिंग सेंटर खोलने के लिए संबंधित राज्य सरकारों से एमओयू कर रही हैं। इससे रीसाइक्लिंग को बढ़ावा मिलेगा वहीं वाहन निर्माता कंपनियों को कच्चे माल के रूप में मैटल की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में सुलभ होगी। यही नहीं स्क्रैपिंग इकाइयां ज्यादा खुलने से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री भी बढ़ेगी।
टाटा मोटर्स ने महाराष्ट्र में किया वाहन स्क्रैपिंग एमओयू
भारत की सबसे बड़ी वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस एमओयू में टाटा मोटर्स महाराष्ट्र सरकार के उद्योग एवं ऊर्जा व श्रम विभाग के सहयोग से स्क्रेपिंग फैसेलिटी स्थापित करेगी। इस मौके पर केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि प्रस्तावित स्क्रेपेज सेंटर में अपना जीवनकाल पूरा कर चुके पैसेंजर एवं कमर्शियल वाहनों के लिए एक वर्ष में लगभग 35,000 वाहनों को रिसाइक्लिंग किया जा सकेगा।
नौकरियों के अवसर होंगे सृजित
यहां बता दें कि महाराष्ट्र में वाहन स्क्रैपिंग इकाइयां खुलने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। स्क्रैप के लिए लो इम्पोर्ट बिल और क्रूड आयल, एमएसएमई के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। वहीं ओईएम के लिए नये वाहनों की बिक्री में बढ़त होने की भी संभावना है। वाहन मालिकों के लिए परिचालन की कम लागत, उपभोक्ताओं के लिए ज्यादा सुरक्षित एवं स्वच्छ वाहन के साथ वातावरण का लाभ भी मिलेगा।
गुजरात में भी टाटा मोटर्स खोलेगा स्क्रैपिंग सेंटर
जैसे महिंद्रा सीरा और टाटा मोटर्स ने महाराष्ट्र में स्क्रैपिंग इकाइयों के लिए करार किए हैं वैसे ही अब टाटा मोटर्स समूह गुजरात में भी यहां की सरकार के साथ करार किया है। टाटा मोटर्स ने एक पार्टनर के साथ मिल कर अहमदाबाद में एक रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फेसिलिटी के लिए गुजरात सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस भागीदारी पर टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने कहा है कि हम महाराष्ट्र में एक स्क्रैपिंग फैसिलिटी की स्थापना में सहयोग के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ भागीदार पर खुश हैं।
मारुति सुजुकी और टोयोत्सु इंडिया की रीसाइक्लिंग इकाई
यहां बता दें कि केंद्र सरकार की नई स्क्रैपिंग पॉलिसी के लागू होने के बाद से लगातार कई औद्योगिक घराने देश के अलग-अलग शहरों में वाहन स्क्रैपिंग सेंटर खोलने के लिए आगे आ रहे हैं। मारुति सुजुकी और टोयोत्सु इंडिया की एक संयुक्त इकाई पिछले महीने ही नोएडा में शुरू हुआ है। इसमें 24,000 वाहन प्रतिवर्ष स्क्रैप होने का अनुमान है।
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