जानें, टाटा मोटर्स की 0.6 टन ऐस की खासियत और फीचर्स
भारत की सबसे बड़ी कमर्शियल वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स 600 किलोग्राम श्रेणी में एक छोटा कमर्शियल वाहन लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। कंपनी के इस कदम का लक्ष्य लास्ट माइल मोबिलिटी डिस्ट्रीब्यूशन सॉल्यूशन की बढ़ती मांग को पूरा करना है। टाटा मोटर्स को वर्तमान में ई-कॉमर्स दिग्गजों से इस क्षेत्र में काफी रुचि देखने को मिल रही है। गौरतलब है कि टाटा ऐस सीरीज भारत में बेहद लोकप्रिय हुआ है, देश भर में इसे "छोटा हाथी" के तौर पर जाना जाता है। ऐसे में ऐस सीरीज में 600 किलोग्राम कैटेगरी में बेहतरीन वाहन पेश करना कंपनी के लिए काफी अच्छा कदम साबित हो सकता है।
4 व्हीलर सेगमेंट में ही होगी लांचिंग
कंपनी थ्री व्हीलर सेगमेंट में यह वाहन लांच नहीं करेगी। कयास लगाए जा रहे थे कि 600 किलोग्राम कैटेगरी में कंपनी थ्री व्हीलर वाहनों की पेशकश करेगी। टाटा मोटर्स के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर गिरीश वाघ ने कहा, 'हम इस सेगमेंट में थ्री-व्हीलर नहीं लाएंगे, क्योंकि फोर-व्हीलर ज्यादा सुरक्षित है और यह हमारे ब्रांड के लिए भी परफेक्ट है। हालांकि Tata Motors ने इस नए वाहन के लॉन्च के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की है। यह अभी भी डेवलपमेंट के स्टेज में है।
डीजल वाहनों की होती थी सबसे ज्यादा बिक्री
बता दें कि टाटा मोटर्स के बेड़े में पहले से डीजल वाहनों की बड़ी रेंज मौजूद है। लेकिन ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक कीमत वृद्धि की वजह से ऐस डीजल की बिक्री में गिरावट आई है। पहले इसकी हिस्सेदारी कभी टाटा मोटर्स के पोर्टफोलियो में 70-75 फीसदी हुआ करती थी। लेकिन समय के साथ कंपनी ने कई सीएनजी, गैसोलिन और ईवी की पेशकश की है।
वाघ ने कहा, "हमने सक्रिय रूप से ऐस गैसोलीन, सीएनजी और अब ईवी पेश किया, लेकिन ये पूरी तरह से खोए हुए वॉल्यूम की भरपाई नहीं करते हैं।”
गौरतलब है कि टाटा मोटर्स शुरुआत से ही भारत में ग्राहकों की जरूरतों को लेकर परिवर्तनशील है। इसने भारत में लास्ट माइल मोबिलिटी को नया आकार देने में मदद की है। यह 2.3 मिलियन से ज्यादा उद्यमियों के लिए यह वाहन एक पसंदीदा विकल्प है। इसी के साथ यह देश में सबसे बड़ा कमर्शियल वाहन ब्रांड बना है।
एससीवी सेगमेंट में कम हुई है बाजार हिस्सेदारी
एससीवी सेगमेंट में टाटा मोटर्स की बाजार हिस्सेदारी कम हुई है। आंकड़ों के अनुसार कंपनी की बाजार हिस्सेदारी Q1FY24 में 35.6 प्रतिशत से घटकर Q4FY24 में 33 प्रतिशत हो गई। लेकिन अब टाटा मोटर्स अपने एससीवी पोर्टफोलियो के लिए एक जबरदस्त कम बैक स्ट्रेटजी तैयार कर रहा है, जिसमें कंपनी का SCV सेगमेंट में खरीदारों के लिए फाइनेंस की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कई बैंकों से साझेदारी किया जाना शामिल है।
टाटा मोटर्स मैकेनिक्स को भी कर रहा रणनीति में शामिल
कंपनियां अक्सर अपने मार्केट प्रजेंस को मजबूत करने के लिए मेकेनिक्स का सहारा लेती है। यह ब्रांड के एडवर्टाइजमेंट और प्रमोशन के लिए काफी अच्छा कदम होता है। टाटा मोटर्स भी इस रणनीति के तहत मैकेनिक्स को शामिल और प्रशिक्षित करके अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहा है, जिससे ग्राहकों के लिए बेहतर सेवा अनुभव सुनिश्चित हो सके। प्री-बीएस VI युग में, मैकेनिकों द्वारा वाहनों की मरम्मत करना आसान था, लेकिन टेक्नोलोजी चेंज हो चुका है। उन्होंने कहा, "हमने महाराष्ट्र में एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया है। हम उन्हें (मैकेनिक्स) अपने व्यापक नेटवर्क का हिस्सा बना रहे हैं ताकि हमारे ग्राहक के लिए सर्विसिंग की उपलब्धता आसान हो जाए। इस पहल का उद्देश्य ग्राहकों को ज्यादा बेहतर सर्विस प्रदान करना है।
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