टाटा मोटर्स ने तैयार की लीडरशिप और डिमर्जर स्ट्रेटजी
टाटा मोटर्स अपने कमर्शियल वाहन (CV) व्यवसाय को पैसेंजर वाहन (PV) व्यवसाय से अलग कर रही है। इस डिमर्जर का उद्देश्य है कि कमर्शियल वाहन व्यवसाय को एक अलग यूनिट बनाकर उस पर ज्यादा फोकस किया जा सके। साथ ही इस बिजनेस को ज्यादा इफेक्टिव तरीके से प्रबंधित किया जा सके। इस प्रकार टाटा मोटर्स अपने सीवी सेगमेंट में नए अवसरों का लाभ उठा पाएगी और अपनी मार्केट स्थिति को और भी मजबूत कर पाएगी। इसके लिए कंपनी ने कई कदम उठाए हैं जैसे कंपनी ने लीडरशिप डेवलपमेंट के लिए कई कदम उठाए हैं जिसमें कंपनी ने आईआईएम अहमदाबाद और ग्लोबल कंसल्टेंसी से साझेदारी की है और शार्क टैंक की तर्ज पर ही कंपनी ने अपनी लीडरशिप को फ्यूचर रेडी करने के लिए लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम लांच किया है। इसमें एक्जीक्यूटिव अपने बिजनेस आइडिया को पिच करेंगे।
चलिए इस खबर के बारे में विस्तार से जानते हैं : -
क्या है टाटा का लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम?
टाटा का यह लीडरशिप प्रोग्राम अपनी लीडरशिप टीम को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए शुरू किया है। इसमें ग्लोबल कंसल्टेंसी और आईआईएम अहमदाबाद जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ सहयोग किया गया है। इस डेवलपमेंट का उद्देश्य कंपनी के एक्जीक्यूटिव और लीडरशिप को एंटरप्रेन्योरशिप के लिए सशक्त बनाया जाना है।
इस लीडरशिप डेवलपमेंट कार्यक्रम के जरिए एक्जीक्यूटिव्स को स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक्सपोजर दिया जा रहा है। जिस तरह शार्क टैंक में इन्वेस्टर के सामने आइडिया पिच किया जाता है, वैसे ही ये एक्जीक्यूटिव्स, लीडर के समक्ष अपने बिजनेस आइडिया को पिच करते हैं, जिससे उनमें इनोवेशन और रिस्क लेने की क्षमता विकसित होती है। इसके साथ ही, टाटा मोटर्स ने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर भी जोर दिया है, जिसमें एआई, एमएल और इंडस्ट्री 4.0 टेक्नोलॉजी का उपयोग करके अपने ऑपरेशंस को और भी आधुनिक बनाया जा रहा है।
इस प्रोग्राम से क्या होगा फायदा?
टाटा मोटर्स के इस प्रोग्राम से कंपनी, ग्राहक और शेयरधारकों को काफी फायदा होगा। इस डिमर्जर से टाटा मोटर्स अपने सीवी व्यवसाय को अलग यूनिट के रूप में स्थापित कर पाएगा। इससे इस बिजनेस पर अच्छी तरह से फोकस किया जा सकेगा और वैल्यू क्रिएशन ज्यादा प्रभावी तरीके से हो जाएगा। इस डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन इनिशिएटिव्स से कंपनी अपने ऑपरेशंस की एफिशिएंसी बढ़ा पाएगी और नई टेक्नोलॉजी को प्रभावी तरीके से अपना सकेगी।
इसके अलावा इस प्रोग्राम से ग्राहकों का भी फायदा है जैसे इससे टाटा मोटर्स अपने प्रोडक्ट में इनोवेशन और कस्टमाइजेशन पर और भी ज्यादा फोकस कर सकेगी । इस डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन से प्रोडक्ट क्वालिटी और ग्राहक अनुभव दोनों में सुधार होने की उम्मीद की जा रही है।
शेयरधारकों का भी होगा बंपर फायदा
कंपनी के इस कदम से शेयरहोल्डर्स का भी बंपर फायदा होने की उम्मीद है। शेयरधारकों के लिए यह एक पॉजिटिव डेवलपमेंट है क्योंकि इस डिमर्जर से कंपनी अपना प्रॉफिट और मार्केट हिस्सेदारी दोनों को बढ़ा पाएगी। जिससे शेयरधारकों को लॉन्गटर्म रिटर्न मिल सकता है।
कंपनी अपने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और इंडस्ट्री 4.0 टेक्नोलॉजी का उपयोग कर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी अपनी उपस्थिति और मजबूत कर सकेगी, जो वर्तमान में उसके सीवी सेगमेंट के लिए गेम चेंजर हो सकता है। इसके अलावा कंपनी में इनोवेशन को बल मिलेगा। साथ ही एम्पलोई रिटेंशन को भी मजबूत स्थिति में लाया जा सकेगा।