थर्ड-पार्टी मोटर बीमा प्रीमियम पर लेटेस्ट अपडेट, जानें क्या होगा आप पर असर
क्या आपको पता है कि थर्ड-पार्टी मोटर इंश्योरेंस प्रीमियम महंगा होने वाला है! सरकार और बीमा कंपनियां मिलकर इस अनिवार्य बीमा के प्रीमियम में औसत 10% की बढ़ोतरी पर विचार कर रही हैं। यह बढ़ोतरी आपकी जेब पर कितना असर डालेगी और इसके पीछे क्या कारण हैं, आइए ट्रक जंक्शन के इस आर्टिकल के माध्यम से समझते हैं।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पर सरकार का नया प्लान?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) बीमा नियामक (IRDAI) के साथ मिलकर थर्ड-पार्टी मोटर इंश्योरेंस दरों को बढ़ाने पर बातचीत कर रहा है। इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार सूत्रों ने बताया कि औसत बढ़ोतरी लगभग 10% हो सकती है। कमर्शियल व्हीकल्स जैसे कुछ घाटे वाले सेगमेंट में यह बढ़ोतरी और अधिक हो सकती है, जबकि स्कूल बसों जैसी श्रेणियों में बढ़ोतरी बहुत कम या बिल्कुल नहीं भी हो सकती है ताकि आम जनता पर बोझ न पड़े।
कब से लागू होगी नई दरें?
हालांकि अभी कोई निश्चित तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन नई दरें इस वित्तीय वर्ष के मध्य (संभवतः 1 अक्टूबर, 2025 से) या फिर अगले वित्तीय वर्ष की शुरुआत (1 अप्रैल, 2026 से) लागू हो सकती हैं। पिछली तारीख से दरों को संशोधित करने का कोई प्रावधान नहीं है।
बीमा कंपनियों ने भारी नुकसान के बाद बढ़ोतरी का उठाया कदम
पिछले कुछ सालों से कई कारणों से बीमा कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा है। बीमा कंपनियों का कहना है कि दावों की संख्या लगातार बढ़ रही है, अदालती आदेशों के कारण मुआवजों में वृद्धि हुई है और महामारी के दौरान दावा चक्र (claims cycle) में आई गड़बड़ी के कारण भारी नुकसान हो रहा है।
कंपनियों के अनुसार, सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए 'गोल्डन आवर' के दौरान 1.50 लाख रुपए के अनिवार्य कैशलेस अस्पताल में भर्ती होने के नियम के कारण भी दावों में वृद्धि हुई है। भले ही अंतिम मुआवजा मिलने में सालों लगें, लेकिन शुरुआती भुगतान तुरंत करना पड़ता है। साथ ही, वित्त वर्ष 2024 और 2023 में मोटर थर्ड-पार्टी सेगमेंट में नेट क्लेम रेश्यो 82% रहा, जबकि अल्टीमेट लॉस रेश्यो क्रमशः 88% और 91% था। इसका मतलब है कि बीमा कंपनियां इस सेगमेंट में लगातार नुकसान झेल रही हैं।
जानिए क्या है थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस और यह क्यों है जरूरी?
भारत थर्ड-पार्टी मोटर इंश्योरेंस मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) के तहत अनिवार्य है। हर वाहन मालिक के लिए थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस लेना कानूनन जरूरी है। सरल शब्दों में कहें तो, यह एक ऐसा बीमा है जो आपकी गाड़ी से किसी दूसरे व्यक्ति या उसकी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई करता है। मान लीजिए, अगर आपकी गाड़ी से गलती से किसी और की गाड़ी को टक्कर लग जाती है, किसी दुकान को नुकसान पहुंचता है, या किसी राहगीर को चोट लग जाती है, तो थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस इन सभी खर्चों को कवर करेगा। इससे आपको अचानक आए बड़े आर्थिक बोझ से राहत मिलती है। यहां, यह जानना जरूरी है कि थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस आपकी अपनी गाड़ी को हुए नुकसान या आपको लगी चोटों को कवर नहीं करता। अपनी गाड़ी और खुद की सुरक्षा के लिए आपको कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस लेना होता है।
कमर्शियल वाहनों पर महंगाई का झटका
भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित 10% तक थर्ड पार्टी मोटर बीमा प्रीमियम में बढ़ोतरी का असर अब सिर्फ प्राइवेट गाड़ियों तक सीमित नहीं रहेगा। लाइट और हेवी कमर्शियल वाहनों (LCV और HCV) के लिए भी यह नियम लागू होने की संभावना है।
आपके लिए क्या मतलब है?
यदि आप एक वाहन मालिक हैं, तो आने वाले समय में आपको अपने थर्ड-पार्टी मोटर बीमा के लिए अधिक प्रीमियम का भुगतान करना पड़ सकता है। यह बढ़ोतरी विशेष रूप से उन लोगों को प्रभावित कर सकती है जिनके पास कमर्शियल वाहन हैं। हालांकि, सरकार आम जनता पर अत्यधिक बोझ डालने से बचने के लिए स्कूल बसों जैसे कुछ सेगमेंट को राहत दे सकती है। इस बढ़ोतरी का उद्देश्य बीमा कंपनियों को वित्तीय स्थिरता प्रदान करना है ताकि वे दावों का बेहतर ढंग से निपटान कर सकें।
अगर आप अपने बिजनेस को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए कमर्शियल वाहन खरीदना चाहते हैं तो ट्रक जंक्शन पर भरोसा कर सकते हैं। यहां ट्रक, पिकअप, टिपर, ट्रेलर, टैंपो ट्रैवलर, मिनी ट्रक, ट्रांजिट मिक्सर और इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध है। आप अपनी पंसद के अनुसार बेस्ट हैवी कमर्शियल वाहन चुन सकते हैं। साथ ही ऑफर, लोन व ईएमआई सुविधा के लिए ट्रक जंक्शन पर विजिट कर सकते हैं।
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