सड़कों के अनुसार, सर्वश्रेष्ठ हैवी ड्यूटी ट्रक वाहन चुनने के लिए ये कदम उठाएं
भारत में परिवहन व्यवसाय के लिए सबसे अच्छा और किफायती हैवी ड्यूटी ट्रक खरीदना आसान काम नहीं है। कमर्शियल व्यापार मालिक और ड्राइवरों के सामने यह समस्या तब और भी बड़ी हो जाती है, जब उन्हें भारतीय सड़कों की परिस्थितियों के अनुसार हेवी ड्यूटी प्रॉडक्ट चुना हो। क्योंकि भारतीय सड़कें अलग-अलग इलाकों, मौसम की स्थिति और विशिष्ट परिवहन आवश्यकताओं के लिए कड़ी चुनौतियां पेश करती हैं। चाहे वह राष्ट्रीय/ राजमार्ग हों या फिर दूर-दराज क्षेत्रों की ऊबड़-खाबड़ सडकें या कच्ची पटरियां, भारत में परिवहन के लिए सबसे अच्छा भारी-भरकम ट्रक वाहन जरूरी है। इसलिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि ट्रक मजबूत, ईंधन कुशल इंजन और सड़कों के अनुकूल हो। ऐसे में ट्रक खरीदने जैसा यह बड़ा फैसला अगर जल्दबाजी में किया जाता है, तो हो सकता है कि यह फायदे के स्थान पर नुकसान का सौदा भी साबित हो जाएं। इसलिए ट्रक चुनते समय जरूरी हो जाता है कि सड़क की परिस्थितियों के मुताबिक, उच्च प्रदर्शन वाले इंजन, टिकाऊपन, आराम, सुरक्षा, कम रखरखाव और कुछ तकनीकी विशेषताएं जैसे कारकों पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यह सब एक सहज और भरोसेमंद परिवहन में काफी मायने रखते हैं। सर्वश्रेष्ठ हैवी ड्यूटी ट्रक वाहन खरीदने की आपकी प्रक्रिया को आसान करने के लिए नीचे कुछ खास टिप्स पेश कर रहे हैं जो आपके बिजनेस और सड़कों के अनुसार एक बेहतर ट्रक चुनने में आपकी मदद करेगी।
हैवी ड्यूटी ट्रक खरीदने के लिए पहले आपको नीचे बताए गए पाइंटस पर जरूर विचार करना चाहिए। आइए, देखें।
सबसे पहले अपनी आवश्यकताओं काे पहचानें
हैवी ड्यूटी ट्रक, बिजनेस की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से खरीदा जाता है। इसलिए आपको पहले से यह पता होना बहुत आवश्यक है कि आपकी बिजनेस आवश्यकताएं क्या है और किस प्रकार के कार्यों के लिए ट्रक का उपयोग करेंगे। अगर आप भारी ट्रक में निवेश करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको अपनी जरूरतों को सामने रखकर प्लान तैयार करना होगा। यह आपके बिजनेस के लिए फायदेमंद सिद्ध हो सकता है। अगर आप सीमेंट, भवन निर्माण सामग्री, भारी मशीनरी, फार्मा औद्योगिकी जैसे कार्गो अनुप्रयोगों के परिवहन के लिए ट्रक में निवेश करते हैं तो आपको ध्यान रखना है कि नये ट्रक का सामना किस तरह की सड़कों से होगा। भारत में लोकप्रिय ट्रक के अंतर्गत मेंटेनेंस, ऑपरेशनल लाइफ और माइलेज आदि का काफी हद तक दारोमदार उन सड़कों पर होता है जिन पर उनका परिवहन किया जाता है। इसके अतिरिक्त, इस बात का भी मूल्यांकन करना जरूरी हो जाता है कि आपका नया ट्रक प्रतिदिन कितने समय चलेगा या कितनी दूरी तय करेगा, फ़्यूल टाइप कौन सा होगा (सीएनजी या डीजल), पेलोड, पावर और टॉर्क, ट्रक की खराबी के समय में ऑन रोड असिस्टेंस की आवश्यकता व अन्य। भारत में सबसे अच्छे हेवी ड्यूटी ट्रकों को अधिकतम भार पर विभिन्न भार ढोने के लिए डिजाइन किया गया है। इसलिए, किसी एक को चुनने से पहले सुनिश्चित करें कि आपको वह ट्रक मिले जो आपकी सभी आवश्यकताओं को आसानी से पूरा करें।
इंजन और ईंधन दक्षता की जांच पड़ताल करें
भारतीय सड़कों पर परिवहन के लिए अधिक शक्तिशाली ईंधन-कुशल इंजन वाले हैवी ड्यूटी ट्रक मॉडल की आवश्यकता होती है। इसलिए जितना ज्यादा मुमकिन हो सके आप बेहिचक होकर खूब सारे ट्रक ब्रांड्स की छानबीन करें व हर दृष्टिकोण से जांच पड़ताल करें। साथ ही हर ट्रक मॉडल, जिसको आप देख रहे हैं कि योग्यताओं और कमजोरियों को भी रेखांकित कर एक सूची तैयार करें और इनको अपनी अपेक्षाओं के अनुसार मेल करें। इस के अतिरिक्त, व्यक्तिगत अनुभव का कोई मुक़ाबला नहीं है इसलिए यदि मुमकिन हो तो उस मॉडल को चला रहे ड्राइवर्स या ट्रक मालिकों से बातचीत व चर्चा करें। इसके बाद सबसे अच्छा हैवी ड्यूटी ट्रक मॉडल चुनें, जो ईंधन दक्षता से समझौता किए बिना भारी भार का परिवहन कर सकें और लगातार बेहतर प्रदर्शन दे सकें। भारत में खूब सारे ट्रक ब्रांड्स मौजूद है, जो भारतीय सड़कों के अनुसार माइलेज से समझौता किए बिना अधिकतम शक्तिशाली प्रदर्शन देने के लिए वाले इंजन के साथ डिजाइन किए गए है। क्योंकि ईंधन की कीमतों में लगातार वृद्धि के साथ, ईंधन दक्षता सर्वोपरि हो जाती है।
ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर का विवरण लें
आपके लिए यह और भी अच्छा होगा कि आपने जो ट्रक मॉडल चयनित किया है, उसके ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर का व्यापक नेटवर्क है या नहीं, क्योंकि हैवी ड्यूटी वाहनों के लिए विश्वसनीय रखरखाव और मरम्मत नेटवर्क महत्वपूर्ण है। इसलिए ऐसे ट्रक ब्रांड चुनें जिसका भारत के सभी क्षेत्रों में सर्विस नेटवर्क उपलब्ध हो।
आपके लिए यह भी अच्छा होगा अगर आप एक बार अपने चयनित ट्रक मॉडल के करीबी ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर पर जाकर उसके स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता व सर्विस की कीमतों का विवरण लें, जिससे आपको ट्रक खरीदने से पहले उसकी मेंटेनेंस कोस्ट का कुछ हद तक अंदाजा हो जाए।
रीसेल वैल्यू के बारे में जांच पड़ताल करें
भारत में हेवी ड्यूटी ट्रक मॉडल की कीमत का मूल्यांकन करते समय, वास्तविक खरीद मूल्य के अलावा रीसेल वैल्यू के बारे में जांच पड़ताल जरूर करें। क्योंकि भविष्य में यदि आप ट्रक को बेचना चाहते हैं, तो आपको यह अंदाजा रहेगा कि इसके लिए आपको इतने पैसे मिल सकते हैं। रीसेल वैल्यू अमूमन ट्रक के माइलेज, उसकी ऑपरेशनल लाइफ, स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता और उनकी सर्विस कॉस्ट्स पर निर्भर करती है।
तकनीकी फीचर्स काे करें एक्सप्लोर
भारत में अब अधिकांश ट्रक मॉडल तकनीकी नवाचारों के साथ आते हैं, जो उन्हें अधिक कुशल और संचालन में आसान बनाते हैं। जैसे कि महिंद्रा का iMAXX फीचर्स वाहन मालिकों को वाहन के प्रदर्शन, ईंधन उपयोग और रखरखाव कार्यक्रम के बारे में वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करता है। डीआईएस-चालक सूचना प्रणाली चालकों को वाहन के स्वास्थ्य और प्रदर्शन से संबंधित जानकारी देखने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे वे सक्रिय रखरखाव और ड्राइविंग आदतों को प्राप्त कर सकें। अगर किसी मॉडल या उसके फीचर को लेकर आपके मन में कोई शंका हो, तो उसको डीलरशिप में मौजूद सेल्स प्रतिनिधि या मेनेजर की मदद से दूर करें।
वास्तविक आवश्यकताओं के अनुसार बजट तय करें
अपनी वास्तविक आवश्यकताओं के अनुसार, ट्रक मॉडल्स को देखें, उनकी कीमतों पर गौर करें और अपना बजट निश्चित करें। बजट में अपनी हैसियत के अनुसार ज्यादा से ज्यादा डाउन पेमेंट की रकम शामिल करें, साथ ही आरटीओ टैक्स और इंश्योरेंस कॉस्ट भी जोड़ें। इसके अलावा, लोकल मार्केट से में ट्रक लोडिंग डेक अथवा बॉडी बनाने के कार्य के लिए कुछ पैसे अलग रखें। भारत में खरीदे जाने वाले ज्यादातर हैवी ड्यूटी ट्रक्स व्हीकल फाइनेंसिंग एजेंसीस द्वारा ही खरीदे जाते हैं। इसलिए कुल लागत को नियंत्रित करने में सहायता के लिए वाणिज्यिक वाहनों के लिए बीमा योजनाओं और वित्तपोषण विकल्पों पर शोध करें। एडवांस में ही प्री अप्रूव्ड ट्रक लोन के लिए आवेदन कर दें। डीलरशिप पर ट्रक ब्रांड की ट्रक फाइनेन्सिंग विकल्प के बारे में पूछताछ करें। भारत में बहुत से कमर्शियल व्हीकल ब्रांड्स फाइनेंस की सुविधा उपलब्ध कराते हैं।
लंबी टेस्ट ड्राइव लें
ट्रक डीलरशिप्स का मुआयना करें और अपने द्वारा फाइनल किए गये ट्रक मॉडल्स का करीब से अनुभव करने के लिए लंबी टेस्ट ड्राइव लें। इसके लिए डीलर से आवश्यक निवेदन करें। ड्राइव के दौरान आने वाली दिक्कतों जैसे हैंडलिंग, आराम, शोर के स्तर आदि का ब्योरा तैयार करें। जितना हो सके ट्रक के हर पहलू को लेकर डीलर से सवाल करें। डिलीवरी लेते समय ट्रक की बॉडी, टायर्स, बोनट और केबिन व उसके फीचर्स की गहन जांच करें। छोटा-मोटा स्क्रेच / खरोंच का ध्यानपूर्वक मुआयना करना ना भूलें। क्योंकि छोटी सी खरोंच आप को डिलीवरी के दिन भी डिस्काउंट दिला सकती है।
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