इलेक्ट्रिक सेमी ट्रक : टेस्ला की मुख्य प्रतिद्वंदी कंपनी ट्राइटन की भारत में एंट्री
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार तेजी से बढ़ेगा, इसकी संभावना सभी ऑटोमोबाइल कंपनियों को है। विश्व की प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियों ने इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट पर विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया है। कई कंपनियों ने इलेक्ट्रिक वाहन बनाकर बाजार में बेचना भी शुरू कर दिया है। भारतीय बाजारों में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर, इलेक्ट्रिक ट्रक, कार, रिक्शा, स्कूटर व बाइक बेची जा रही है। सरकार भी अपनी पॉलिसी इस प्रकार बना रही है जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन मिले। इसी क्रम में विश्व की दिग्गज कंपनी भारत में इलेक्ट्रिक सेमी ट्रक, इलेक्ट्रिक रिक्शा, सेडान कारें, लग्जरी एसयूवी बेचेगी। इसके लिए कंपनी तेलंगाना में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भी लगाएगा। आईए ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट में जानते हैं ट्राइटन इलेक्ट्रिक व्हीकल प्राइवेट लिमिटेड की भारतीय बाजार को लेकर क्या प्लानिंग हैï?
‘ट्राइटन’, तेलंगाना में खोलेगी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट
भारत में टेस्ला द्वारा रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर खोला जा चुका है। भारतीय बाजार की व्यापकता को देखते हुए टेस्ला की मुख्य प्रतिद्वंदी कंपनी ट्राइटन इलेक्ट्रिक व्हीकल प्राइवेट लिमिटेड भी अब भारत आने की तैयारी कर रही है। ट्राइटन (Triton) कंपनी तेलंगाना में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए उत्पादन यूनिट स्थापित करेगी। कंपनी ने हाल ही में ज़हीराबाद में नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड मैन्युफैक्चरिंग जोन में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए तेलंगाना सरकार के साथ एक एमओयू साइन किया है। राज्य सरकार की एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि आईटी एंड इंडस्ट्रीज के मुख्य सचिव जयेश रंजन और ट्राइटन इलेक्ट्रिक व्हीकल प्राइवेट लिमिटेड इंडिया के डेवलपमेंट हेड एम मंसूर ने आईटी और उद्योग मंत्री के टी रामा राव की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
अल्ट्रा-मॉडर्न इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में 2100 करोड़ रुपए का निवेश
कंपनी नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड मैन्युफैक्चरिंग जोन, जहीराबाद में एक अल्ट्रा-मॉडर्न इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करेगी, जिसके लिए 2100 करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट किया जाएगा। तेलंगाना के आईटी एंड इंडस्ट्रीज मिनिस्टर केटी रामाराव के अनुसार ट्राइटन का मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित होने से कम से कम 25 हजार स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। पहले पांच साल कंपनी इस उत्पादन यूनिट में 50 हजार से अधिक सेमी इलेक्ट्रिक ट्रक, इलेक्ट्रिक सेमी-ट्रक, सेडान कारें, लग्जरी एसयूवी और इलेक्ट्रिक रिक्शा का उत्पादन करेगी।
तेलंगाना राज्य सरकार करेगी पूरा सहयोग, जमीन भी मुहैया कराएगी
राज्य सरकार ने ट्राइटन के मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को स्थापित करने में हर सहयोग का आश्वासन दिया है। सरकार की विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य सरकार जहीराबाद में तेलंगाना स्टेट इंडस्ट्रीयल इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉर्पोरेशन के माध्यम से फर्म को आवश्यक जमीन उपलब्ध कराएगी। राज्य के उद्योग मंत्री केटी रामा राव ने कहा कि सरकार कंपनी को प्लांट स्थापित करने के लिए आवश्यक मंजूरी हासिल करने के लिए हर तरह से सहयोग करेगी। रामा राव ने कहा कि तेलंगाना इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों के लिए पसंदीदा राज्य बन कर उभर रहा है। राज्य सरकार ट्राइटन को मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने के लिए जल्द से जल्द अनुमोदन प्रदान करेगी, साथी ही आवश्यक प्रोत्साहन भी देगी।
ट्राइटन के इलेक्ट्रिक वाहन कई देशों में होंगे निर्यात
ट्राइटन इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग को पूरा करने की कोशिश कर रही है। इस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में सिर्फ भारत के लिए ही इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन नहीं होगा, बल्कि यहां से बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल और मिडिल ईस्ट देशों में इलेक्ट्रिक वाहनों का एक्सपोर्ट किया जाएगा। ट्राइटन इलेक्ट्रिक व्हीकल्स प्राइवेट लिमिटेज के सीईओ और फाउंडर हिमांशु बी पटेल ने जानकारी दी कि उनकी कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए तेजी से विस्तार कर रही है। उन्होंने बताया कि कंपनी ने देश के अनेक राज्यों में निवेश के अवसरों की तलाश की और अंत में अनुकूल औद्योगिक नीतियों को देखते हुए तेलंगाना में कदम रखने का फैसला किया है।
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