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22 अक्टूबर 2021

सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले से ट्रक ड्राइवरों को मिलेगी राहत

By News Date 22 Oct 2021

सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले से ट्रक ड्राइवरों को मिलेगी राहत

ट्रक ड्राइवर  ध्यान दें, सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला बनेगा एक नजीर

आप देश के किसी भी सडक़ मार्ग पर ट्रक या अन्य कोई वाहन चला रहे हैं, वाहन चलाते समय आप पूरी सावधानी बरतते हैं इसके बावजूद सामने वाले की असावधानी के कारण आपकी गाडी का एक्सीडेंट हो गया तो ऐसे में किसकी गलती मानी जाएगी? 

यहां बता दें कि ऐसे दुर्घटनाओं के मामलों में कई बार जिस वाहन चालक की गलती नहीं हो उसे संबंधित कोर्ट के फैसले में दोषी करार दे दिया जाता है जबकि गलती करने वाला ड्राइवर साफ बच जाता है लेकिन हाल ही सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह के दुर्घटना मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।  ट्रक जंक्शन पर हमारे ट्रक ड्राइवर भाई इस फैसले के बारे में अवश्य जानें जिससे वे सावधानीपूर्वक ट्रक चलाएं फिर भी यदि इस प्रकार की दुर्घटना घटित हो तो उनके खिलाफ दिए गए फैसले को वकील के जरिए कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। आइए जानते हैं क्या है सुप्रीम कोर्ट का यह ताजा फैसला जो बनेगा एक नजीर। 


ऐसे बदला सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला 

माननीय सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कर्नाटक की अदालत का फैसला पलट दिया। यहीं नहीं उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा कि कर्नाटक की कोर्ट द्वारा सुनाया गया फैसला न्यायसंगत नहीं है। यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला और उसके दो बच्चों की याचिका पर यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। वर्ष 2011 में कर्नाटक में ट्रक और कार की टक्कर में कार चालक की मौत हो गई थी। 

इसके यह मामला कर्नाटक कोर्ट में पहुंचा जहां हाईकोर्ट ने ट्रक और कार चालक दोनो को बराबर का दोषी करार दिया। इसके बाद पीडित पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर कोई शख्स सावधानी से गाडी चलाता है और टक्कर से बचने में विफल रहता है तो इसे उसकी लापरवाही नहीं माना जा सकता। बशर्ते आपको यह साबित करना होगा कि आपने कोई लापरवाही नहीं की। उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा कि सडक़ पर हादसों के कई कारण होते हैं। अगर कोई व्यक्ति अचानक से चलते वाहन के बीच में आ जाता है तो इससे टक्कर हो सकती है। ऐसे में ड्राइवर की गलती नहीं मानी जा सकती। 


सुप्रीम कोर्ट ने की यह विशेष टिप्पणी 

उच्च न्यायालय ने कहा कि सडक़ पर सावधानी से चलना सभी की समान जिम्मेदारी बनती है लेकिन अगर किसी एक व्यक्ति की लापरवाही से दुर्घटना हो तो उसकी चपेट में आने वाले दूसरे लोगों को इसका जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को लेकर कहा कि किसी भी न्यायालय द्वारा ऐसा फैसला न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता। 


क्यूं पलटा गया कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला 

यहां बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने यूं ही नहीं पलटा। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने कई तरह की खामियां पाईं। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले को पलटते वक्त कहा कि असाधारण सावधानी बरत कर टक्कर से बचने में नाकाम रहना लापरवाही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार कर्नाटक हाईकोर्ट ने जो फैसला सुनाया वह साक्ष्यों पर आधारित नहीं था। यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि हाईकोर्ट ने एक अनुमान के आधार पर यह फैसला दिया है जो कतई न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता। 


दुर्घटना मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने यह सुनाया था फैसला 

कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के अनुसार कार चालक यदि सावधानी से कार चला रहा होता तो दुर्घटना से बचा जा सकता था। इस पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने दुर्घटना मामले में कार चालक और ट्रक ड्राइवर दोनों को ही समान दोषी करार दे दिया जबकि मामले में कार चालक की मौत भी हो चुकी थी। इस पर मृतक कार चालक की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।  सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट को फैसला पलट दिया जिससे पीडिता को न्याय मिला। आपको बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसा कोई साक्ष्य मौजद नहीं है जिसमें दावा किया गया हो कि कार चालक ज्यादा स्पीड से कार चला रहा था या फिर उसने यातायात के नियमों का उल्लंघन किया हो। 


पीडि़त पक्ष को मिली आर्थिक सहायता

सुप्रीम कोर्ट द्वारा कर्नाटक  हाईकोर्ट के फैसले को पलट कर याचिका कर्ता पीडि़ता को ना सिर्फ न्याय दिया बल्कि 9 प्रतिशत ब्याज की दर से उसे 5 लाख रुपये का भुगतान करने का भी आदेश सुनाया। गौरतलब है कि इस प्रकरण में याचिकाकर्ता पीडिता महिला के कार चालक पति की मौत हो गई थी। उसकी पत्नी और बच्चे भी कार में सवार थे। पत्नी का आरोप था कि ट्रक ड्राइवर ने अचानक ब्रेक लगा दिए जिससे कार ट्रक से टकरा गई और हादसा हो गया।

 

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