उबर ने कमीशन की जगह सब्सक्रिप्शन-आधारित मॉडल अपनाया, अब ऑटो सेवाएं नकद में होंगी
कैब सेवा प्रदाता उबर ने अपने किराया मॉडल में बड़ा बदलाव किया है। अब उसने ऑटो चालकों से कमीशन लेना बंद कर दिया है। कंपनी अब कमीशन की जगह सब्सक्रिप्शन-आधारित मॉडल अपना रही है। उबर ऐप ने उपयोगकर्ताओं को सूचित किया कि 18 फरवरी 2025 से सभी ऑटो सेवाएं नकद में होगी। इस बदलाव के बाद यात्री अब उबर ऑटो ड्राइवर से किराए को लेकर मोल-भाव कर सकेंगे। अंतिम किराया चालक और यात्री के बीच बार्गेनिंग के आधार पर तय होगा। उबर किराए के लिए किसी भी प्रकार के विवाद में हस्तक्षेप नहीं करेगा। आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं।
जानिए क्या है उबर का नया मॉडल?
उबर ने इस मॉडल को पिछले साल अप्रैल में चेन्नई, कोच्चि और विशाखापत्तनम सहित छह शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया था। अब इसे पूरे भारत में लागू किया जा रहा है। उबर ने अपने एक ब्लॉग पोस्ट में स्पष्ट किया कि नए SaaS (Software-as-a-Service) मॉडल में कंपनी प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगी। यह बदलाव इंडस्ट्री में बढ़ते सब्सक्रिप्शन-आधारित मॉडल को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जिससे कंपनी प्रतिस्पर्धी बनी रह सके। यहां आपको बता दें कि रैपिडो, नम्म यात्री और कुछ अन्य कंपनियां पहले ही इस मॉडल को अपना चुकी हैं जिससे ऑटो ड्राइवरों को अधिक लाभ मिल रहा है।
राइड पर कमीशन और कैंसलेशन शुल्क नहीं लेगी
उबर की अधिसूचना के अनुसार, कंपनी यात्रियों को नजदीकी ड्राइवर से जोड़ देगी लेकिन किराया और भुगतान के तरीके का अंतिम निर्णय ड्राइवर और यात्री की सहमति से फाइनल होगा। उबर अब किसी भी राइड पर कमीशन नहीं लेगा और कैंसलेशन शुल्क वसूलने से भी कोई संबंध नहीं रहेगा। उबर ने स्पष्ट किया है कि वह यात्रियों और चालकों की सुरक्षा को गंभीरता से लेता रहेगा और जरूरी कदम उठाता रहेगा।
कितना सदस्यता शुल्क वसूलेंगे, इसका खुलासा नहीं
उबर के नए मॉडल में ऑटो चालकों को प्रतिदिन कितना सदस्यता शुल्क देना होगा, इसका अभी खुलासा नहीं है। लेकिन अन्य प्लेटफॉर्म्स पर ऑटो चालक वर्तमान में प्रति शिफ्ट 25 से 30 रुपये का भुगतान कर रहे हैं और शेष किराया अपने पास रख रहे हैं। इस मॉडल में कोई कमीशन कटौती नहीं होती और राइड की संख्या पर कोई सीमा नहीं लगाई जाती। इससे चालकों की कमाई उनके कार्यभार पर निर्भर करती है।
ऑटो ड्राइवरों को होगा यह फायदा
उबर की इस घोषणा से ऑटो ड्राइवरों को कई तरीके से फायदा होगा। नए मॉडल में ड्राइवरों को राइड के बदले उबर को कमीशन नहीं देना होगा। अब हर ट्रिप की पूरी कमाई उनके पास ही रहेगी। उबर अब मध्यस्थ की भूमिका निभाएगा, जिससे ड्राइवरों की स्वतंत्रता बढ़ेगी। किराया ड्राइवर और यात्री आपसी सहमति से तय होगा। कपनी का मानना है कि यह मॉडल ड्राइवर और यात्रियों दोनों के लिए फायदेमंद होगा। उबर की इस पहल से ज्यादा ड्राइवर उबर से जुड़ सकेंगे। यहां आपको बता दें कि इससे पहले, उबर प्रति राइड 25% से 40% तक का कमीशन काटता था, जिससे ऑटो चालकों में भारी असंतोष था।
अब ऐसे होगा भुगतान
अब उबर एप्लीकेशन्स के माध्यम से ऑटो सेवा का उपयोग करने के बाद अब ड्राइवर को सीधे नकद या UPI के माध्यम से भुगतान करना होगा। क्रेडिट/डेबिट कार्ड/ उबर ऐप या उबर क्रेडिट के माध्यम से एकीकृत यूपीआई भुगतान जैसे डिजिटल पेमेंट सिस्टम का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
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