Expressway Update: यूपी में बनेगा 1989 KM लंबा उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर, 18000 करोड़ रुपए होंगे खर्च
उत्तर प्रदेश में अब तक जितने भी एक्सप्रेसवे बने हैं, वे पूर्व-पश्चिम दिशा में केंद्रित हैं। लेकिन अब प्रदेश की दिशा और रफ्तार दोनों बदलने वाली है। योगी सरकार ने उत्तर-दक्षिण दिशा में एक 1989 किलोमीटर लंबा नया लिंक एक्सप्रेसवे कॉरिडोर बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।
यह कॉरिडोर प्रदेश के 30 जिलों को जोड़ते हुए, उन्हें मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे दक्षिणी राज्यों से जोड़ देगा। इससे सीमावर्ती और पिछड़े जिलों में व्यापार, आवागमन और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर की प्रमुख विशेषताएं
यह पूरा कॉरिडोर आठ अलग-अलग मार्गों को जोड़कर तैयार किया जाएगा। इसमें से 1250 किलोमीटर हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा विकसित किया जाएगा, जबकि 739 किलोमीटर की सड़क उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधीन होगी। कुल परियोजना में 552 किलोमीटर की दूरी ग्रीनफील्ड मॉडल पर तय की गई है, यानी इसके लिए नई जमीन अधिग्रहित कर सड़क का निर्माण होगा, जबकि बाकी हिस्से में चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण का काम किया जाएगा। इस परियोजना पर ₹18,000 करोड़ से अधिक की लागत आने का अनुमान है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई बैठक में पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने इस कॉरिडोर का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सीमाओं को नेपाल से लेकर दक्षिणी छोर तक जोड़ने वाली यह सड़क आर्थिक गतिविधियों का एक मजबूत आधार बनेगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जहां भी आवश्यक हो, वहां नई ग्रीनफील्ड रोड परियोजनाएं शुरू की जाएं ताकि भविष्य की जरूरतों को भी पूरा किया जा सके।
इन जिलों को मिलेगी बेहतर कनेक्टिविटी
यह कॉरिडोर अमरोहा, इटावा, ललितपुर, काशीपुर, मुरादाबाद, हाथरस, मथुरा, पीलीभीत, शाहजहांपुर, कानपुर, हमीरपुर, ककरहवा (नेपाल बॉर्डर), बांसी, बस्ती, जौनपुर, औरेया, कन्नौज, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, पडरौना, देवरिया, मऊ, गाजीपुर, श्रावस्ती, गोंडा, अयोध्या, प्रयागराज, चाकघाट, ऊंचाहार और चित्रकूट जैसे जिलों को जोड़ते हुए उन्हें दक्षिण भारत के राज्यों से जोड़ेगा।
कॉरिडोर से मिलेंगे कई फायदे
उत्तर प्रदेश का यह नया "उत्तर-दक्षिण लिंक एक्सप्रेसवे" राज्य को न केवल भौगोलिक रूप से दक्षिण भारत से जोड़ेगा, बल्कि यह आर्थिक, सामाजिक और औद्योगिक दृष्टिकोण से भी एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा। इस परियोजना से सीमावर्ती और पिछड़े जिलों में औद्योगिक और व्यापारिक विकास को रफ्तार मिलेगी। साथ ही पर्यटन स्थलों जैसे अयोध्या, प्रयागराज और चित्रकूट तक सीधी और तेज पहुंच संभव होगी। यह उत्तर प्रदेश को भौगोलिक व आर्थिक दृष्टि से और सशक्त बनाएगा। आने वाले वर्षों में यह कॉरिडोर यूपी की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन सकता है।
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