नई स्क्रैपिंग नीति के तहत सडक़ परिवहन मंत्रालय ने जारी किया ड्राफ्ट
क्या आपके पास कोई ट्रक अथवा अन्य ऐसा वाहन है जो अवधि पार यानि दस या पंद्रह साल से अधिक पुराना है? यदि हां, तो आप अलर्ट हो जाइए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार ने स्क्रैपिंग पॉलिसी को सख्तीपूर्वक लागू करने का निर्णय लिया है। वाहन को कबाड़ में भेजने से पहले आपको कई जरूरी सबूत संबंधी दस्तावेज परिवहन विभाग में जमा कराने होंगे। वाहन मालिक ये दस्तावेज वाहन पोर्टल के डेटाबेस में डिजिटल तौर पर जमा करा सकेंगे। सरकार ने ऐसा इसलिए किया है ताकि स्क्रैप किए जाने वाले संबंधित वाहन के खिलाफ दर्ज केस, पेंडिंग भुगतान आदि के बारे में सही जानकारी मिल सके। यहां इस खबर में जानते हैं नई स्क्रैपिंग नीति के तहत सरकार का स्क्रैपेज पॉलिसी ड्राफ्ट क्या है?
डिजिटल वेरिफिकेशन से होगी पारदर्शिता
केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी किए गए स्क्रैपेज पॉलिसी ड्राफ्ट में बताया गया है कि गाडियों को स्क्रैप यानि कबाड़ में भेजने के लिए डिजिटल प्रोसेस अपनाया जाएगा। मंत्रालय ने कहा है कि जिस गाड़ी को स्क्रैप किया जाना है उसके लिए रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटीज या आरवीएसएफ की जरूरत होगी। स्क्रैपिंग से पहले आरवीएसएफ को डिजिटल तरीके से वेरिफाई किया जाएगा। उसके बाद ही गाड़ी को कबाड़ में भेजा जाएगा। डिजिटल वेरिफिकेशन से यह भी पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगा कि जिस गाड़ी को कबाड़ में भेजना जाना है उसका कोई बकाया भुगतान तो नहीं है या परिवहन विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा उसे ब्लैकलिस्टेड तो नहीं कर रखा है।
पुराने वाहन मालिकों को चेकिंग के लिए रहना होगा तैयार
बता दें कि जो वाहन स्क्रैपिंग की श्रेणी में आ रहे हैं उनके मालिकों को समय रहते अपने वाहनों के बारे में आवश्यक वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करवा लेनी चाहिए। इसके लिए मंत्रालय के पोर्टल वाहन के डेटाबेस से सभी जरूरी चेकिंग करा लेनी चाहिए। गाडी मालिक स्क्रैपिंग से पहले मालिक को इन सभी चेकिंग के लिए तैयार रहना होगा। इसमें हायर-परचेज से जुड़े कागजात का सरेंडर, गाड़ी के लीज के कागज, नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो में गाड़ी के खिलाफ कोई केस नहीं होने का सबूत, गाड़ी पर कोई बकाया भुगतान आदि नहीं हो। इसकी एनजीओसी एवं परिवहन विभाग से गाडी के ब्लैकलिस्ट होने के कागज जमा कराने होंगे।
वाहन मालिक को ये करना होगा
आपको अगर अपने वाहन को स्क्रैपिंग में भेजना है तो इसके लिए सरकार ने ड्राफ्ट जारी किया है। इसमें वाहन मालिक के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश हैं। इन नियमों के मुताबिक व्हीकल स्क्रैपिंग के लिए आवेदन को डिजिटली जमा कराना होगा। इसके लिए आरवीएसएफ की मदद ली जाएगी। स्क्रैपिंग के लिए वाहन को जमा कराते समय मालिक को अपनी अंडरटेकिंग देनी होगी। इसी तरह का कागजात आरवीएसएफ ऑपरेटर को भी जमा कराना होगा। ये कागजात इसलिए मांगे जाएंगे क्योंकि स्क्रैपिंग से जुड़े काम में कोई गड़बड़ी नहीं हो और यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो।
अप्रैल माह से शुरू हो जाएगी स्क्रैपिंग
बता दें कि वाहनों की स्क्रैपिंग आगामी अप्रैल माह से शुरू हो जाएगी। पूरे देश में इसके लिए स्क्रैपिंग सेंटर बनाने का काम तेज है, फायदे की जहां तक बात है तो सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में स्क्रैपेज पॉलिसी लांच करते वक्त बताया था कि हमने एक एडवाईजरी जारी कर सभी ऑटोमेकर्स को स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट दिखाने पर नये वाहन की खरीद पर 5 प्रतिशत का डिस्काउंट देने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी एक विन पॉलिसी है। इससे प्रदूषण पर तेजी से नियंत्रण होगा और ऑटो सेक्टर को भी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर फायदा मिलेगा।
कमर्शियल व्हीकल खरीदने पर मिलेगी रोड टैक्स में छूट
यहां बता दें कि यदि आपने अपने पुराने वाहन को सरकारी की पॉलिसी के नियमों के तहत स्क्रैपिंग कराया है तो आपको नया वाणिज्यिक वाहन खरीदने पर रोड टैक्स में 15 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। यह छूट ऑटो कंपनियां देंगी। नया वाहन खरीदने वालों को रजिस्ट्रेशन फीस नहीं देनी होगी।
सरकार ने घोषित की स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी
बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने हाल ही संसद में स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी की घोषणा की है। यह वाहन परिमार्जन नीति 2021-22 ना केवल प्रदूषण को कम करने में सहायक होगी बल्कि भारत के ईंधन आयात खर्च को को भी कम करेगी। स्वैच्छिक स्क्रैपिंग पॉलिसी यह है कि इसमें आप कुछ मूल्य चुका कर भी अपने वाहन को सुरक्षित कर सकते हैं।
परिवहन मंत्री गडकरी ने नई स्क्रैप पॉलिसी को बताया महत्वपूर्ण
नई स्क्रैपिंग पॉलिसी को लेकर केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में कहा कि व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी 2022 ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे वायु प्रदूषण कम से कम होगा वहीं पेट्रोल और डीजल की खपत भी घटेगी। भारत जो तेल आयात करता है उसमें कमी आने से कई लाख करोड़ रुपये प्रति माह की बचत होगा जो देश के विकास कार्यों में काम आएगी। परिवहन मंत्री गडकरी ने यह भी कहा कि ऑटोमोबाइल सेक्टर सालाना कारोबार 7.5 लाख करोड़ रुपये है। उनका लक्ष्य इसे 5 साल में बढ़ाकर 15 करोड़ रुपये करने का है।
भारत में पुराने वाहनों की संख्या 17 लाख के पार
केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पुराने वाहनों के आंकड़े पेश किए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में भारत मेें 51 लाख के लगभग छोटे कमर्शियल वाहन (SCV) संचालित हो रहे हैं। इनमें 17 लाख ऐसे वाहन हैं जो 15 साल से अधिक पुराने हो चुके हैं। देश में एक वैध फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना चल रहे इन वाहनों से वायु प्र्रदूषण फैलता है। ये वाहन पर्यावरण के लिए खतरा बने हुए हैं। इनके स्क्रैपिंग की जरूरत है।
सरकार लगाएगी ग्रीन टैक्स
अवधिपार पुराने वाहनों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ग्रीन टैक्स लगाने पर विचार कर रही है। यह ग्रीन टैक्स क्षेत्रों के अनुसार अलग-अलग होगा। दिल्ली एनसीआर में 20 साल से अधिक पुरानी कारें या अन्य वाहनों का नवीनीकरण कराने पर अधिक ग्रीन टैक्स भरना होगा। इसके अलावा फिटनेस के दौर से भी इन वाहनों को गुजरना पड़ेगा।
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