जानें, साल 2025 में हाईवे निर्माण कार्य की क्या रह सकती है गति और कितना हो सकता है हाईवे निर्माण कार्य
भारत में हाईवे निर्माण का कार्य काफी तेजी से किया जा रहा है। इसके बावजूद पिछले कुछ सालों में हाईवे निर्माण कार्य की गति धीमी देखी गई। साल 2023-24 में हाईवे निर्माण का काम काफी तेज गति से किया गया लेकिन इस कारोबारी साल में इसमें गिरावट आ सकती है। कारोबारी साल 2025 में हाईवे निर्माण कार्य को लेकर काफी उम्मीदें हैं। ऐसे में इसके निर्माण की गति में गिरावट आना एक विचारणीय बिंदु हैं और इस गिरावट की क्या वजह है, इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। हालांकि सरकार अपने स्तर पर हाईवे निर्माण कार्य में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है, इसके बावजूद इसके निर्माण कार्य की गति धीमी क्यों हो रही है। इसके लिए पिछले सालों हुए हाईवे निर्माण कार्य पर नजर डालते हैं और हाईवे निर्माण की धीमी गति की वजह को समझते हैं।
- 2013-14 में 12 किलोमीटर प्रतिदिन हाईवे निर्माण कार्य किया गया।
- 2018-19 में 30 किलोमीटर प्रतिदिन हाईवे का निर्माण हुआ।
- 2019-20 में 28 किलोमीटर प्रतिदिन हाईवे निर्माण कार्य किया गया।
- 2020-21 में 37 किलोमीटर प्रतिदिन हाईवे का निर्माण कार्य हुआ।
- 2023-24 में 34 किलोमीटर प्रतिदिन हाईवे का निर्माण कार्य गिया गया।
उपरोक्त आंकड़ों को यदि देखें तो हम यह देखते हैं कि हाईव निर्माण कार्य की गति में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि कोविड 19 का मामूली असर हाईवे निर्माण कार्य की गति पर भी पड़ा लेकिन बाद में इसमें सुधार हो गया।
साल 2020-21 के मुकाबले 2023-24 में हाईव निर्माण कार्य की गति में कमी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2020-21 में जहां 37 किलोमीटर प्रतिदिन के हिसाब से करीब 13,500 किलोमीटर हाईवे का निर्माण हुआ। वहीं 2023-24 में 34 किलोमीटर प्रतिदिन के हिसाब से 12,349 किलोमीटर हाईवे का निर्माण हुआ। इस तरह देखा जाए तो इस साल 2023-24 में 2020-21 के मुकाबले प्रतिदिन 3 किलोमीटर कम हाईवे का निर्माण कार्य हुआ।
2025 में कितनी हो सकती हाईवे की लंबाई
एक साल में हाईवे की लंबाई कितनी होगी, यह पिछले साल में अलॉटेड प्रोजेक्ट्स पर निर्भर करता है। यह इस बात को बताता है कि हाईवे निर्माण के मामले में यह साल कैसा रहने वाला है। पिछले कारोबारी साल में 12,375 किलोमीटर के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली थी। कारोबारी साल 2024 में यह घटकर 8,581 किलोमीटर रह गई है, जो पिछले कारोबार साल के मुकाबले 31 प्रतिशत कम है। यह सरकार के 13,290 किलोमीटर के लक्ष्य से भी काफी कम है जो यह बताता है कि कारोबारी साल 2025 में बहुत कम प्रोजेक्ट्स पूरे हो पाएंगे। केयरएज रेटिंग के अनुसार कारोबारी साल 2025 में हाईवे के निर्माण कार्य में 7-10 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिल सकती है। ऐसे में साल 2025 में 31 किलोमीटर प्रति किलोमीटर प्रतिदिन के हिसाब से 11,200 किलोमीटर हाईवे का निर्माण कार्य हो सकता है।
हाईवे निर्माण कार्य की गति में गिरावट के पीछे क्या है वजह
हाईवे निर्माण कार्य की गति में गिरावट का मुख्य कारण कच्चे माल और जमीन की कीमतों में बढ़ोतरी को माना जा रहा है। इसके कारण केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से प्रोजेक्ट कॉस्ट को मंजूरी देने में देरी हो रही है। इसके अलावा एन्युटी मॉडल के तहत दिए गए प्रोजेक्ट के एग्जीक्यूशन में भी देरी हुई है, जो कारोबारी साल 2021 से कारोबारी साल 2024 तक दिए गए प्रोजेक्टों में से आधे से अधिक है। इनमें से एक तिहाई प्रोजक्ट्स को मंजूरी देने में छह महीने तक देरी हो जाती है। इसका असर हाईवे निर्माण कार्य की गति पर पड़ता है।
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