इलेक्ट्रिक व्हीकल (electric vehicle sales) : वित्तीय वर्ष 2021 में बेचे 31 हजार 584 इलेक्ट्रिक वाहन
भारत में इस समय ऑटोमोइल सेक्टर में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को सरकार लगातार प्रोत्साहित कर रही है। केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और इनकी बिक्री के लिए कई प्रकार की रियायतें और सब्सिडी दिए जाने से ईवी की बिक्री (electric vehicle sales) तेजी से बढ़ रही है। देश की नामी वाहन निर्माता कंपनियां ट्रक, टिपर, थ्री व्हीलर, कार, मिनी ट्रक, पिकअप, एलसीवी आदि वाहन मॉडल इलेक्ट्रिक वेरिएंट में बाजार में उतार रही हैं। यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत के विभिन्न प्रदेशों में चलाई जा रही इलेक्ट्रिक वाहन प्रोत्साहन योजनाओं के चलते लोगों का रुझान भी अब इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति ही ज्यादा बढता जा रहा है। यहां यदि तुलनात्मक रूप से राज्यों में इलेक्ट्रिक वाहन बिक्री की बात की जाए तो उत्तरप्रदेश सबसे आगे चल रहा है। यूपी में वित्तीय वर्ष 2021 के अंतर्गत अब तक 31 हजार 584 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हो चुकी है।
ये राज्य बना रहे हैं ईवी पॉलिसी
यहां बता दें कि पर्यावरण को संरक्षित करने और डीजल-पेट्रोल के आयात भार को कम करने के लिए केंद्र की सलाह पर राज्य सरकारें ईवी पॉलिसी बना रही हैं। वहीं प्रोत्साहन के लिए रोड टैक्स में छूट, सब्सिडी के जरिए बिक्री बढ़ाना आदि योजनाएं चल रही हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric vehicle) को लेकर अपनी नीति तैयार करने वाले राज्यों में महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, केरल, मध्यप्रदेश, ओडिसा, मेघालय, पंजाब, तेलंगाना और उत्तराखंड शामिल हैं। इन राज्यों में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को बढ़ावा देने के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इंफ्रास्ट्रैक्चर तैयार किए जा रहे हैं। चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। यहीं नहीं अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से जारी नई वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी से भी इलेक्ट्रिक वाहनों की सेल बढऩे वाली है। केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दावा किया है कि वर्ष 2025 तक भारत की सडक़ों पर इलेक्ट्रिक वाहनों का ही संचालन होगा। हाल ही सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा है कि अगले दो सालों में भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में वर्ल्ड लीडर होगा।
ईवी बिक्री में यूपी और बिहार के पीछे अन्य राज्य
आपको बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में उत्तरप्रदेश नंबर वन प्रदेश बन गया है। यहां वित्तीय वर्ष 2021 में सबसे ज्यादा 31,584 इलेक्ट्रिक वाहनों की रिकार्ड बिक्री हुई। इसके बाद बिहार ईवी बिक्री में दूसरे नंबर पर है। यहां पिछले वित्तीय वर्ष में कुल 13,290 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गए। यह देश में ईवी बिक्री के हिसाब से करीब 10 प्रतिशत है। बिहार के बाद कर्नाटक तीसरे और तमिलनाडु चौथे नंबर पर है। यहां क्रमश: 12,863 और 11,937 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की गई। दिल्ली का ईवी बिक्री में पांचवा स्थान है। दिल्ली में पिछले वित्तीय वर्ष में कुल 11,809 इलेक्ट्रिक वाहनों की सेल हुई।
दिल्ली को पछाड़ कर बिहार दूसरे नंबर पर आया
इलेक्ट्रिक वाहनों की लगातार बढ़ रही मांग और बिक्री के चलते राज्यों के बीच उठा-पटक का दौर चल रहा है। यदि ईवी बिक्री के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पिछले वित्तीय वर्ष 2020 में भी यूपी ही पहले पायदान पर रहा था और इस बार भी उत्तरप्रदेश का ही दबदबा है। वहीं पिछले वर्ष दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में दूसरे नंबर पर थी जो अब पांचवे नंबर पर आ गई है। दिल्ली को पछाड़ कर बिहार ने ईवी बिक्री में दूसरा स्थान प्राप्त कर लिया है। वहीं पिछले वित्तीय वर्ष में पश्चिमी बंगाल तीसरे स्थान पर था जबकि अब कर्नाटक तीसरे स्थान पर आ गया है। इन राज्यों के अलावा महाराष्ट्र, असम, राजस्थान, हरियाणा आदि प्रदेश भी इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन और इनकी बिक्री को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल के ये हैं बड़े फायदे
केंद्र और राज्य सरकारें लगातार ईवी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दे रही हैं। इसके पीछे सबसे कई कारण हैं। डीजल और पेट्रोल चलित वाहनों से प्रदूषण की समस्या बढ़ती है जो स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। यहां हम इलेक्ट्रिक वाहनों से और कई फायदों की जानकारी आपको दे रहे हैं-:
1. प्रदूषण में कमी
इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल से प्रदूषण में कमी होगी। डीजल-पेट्रोल से चलने वाली गाडियां वातावरण को प्रदूषित करती हैं। इनसे जहरीले गैस कणों का उत्सर्जन होता है। इसके अलावा ध्वनि प्रदूषण भी होता है। इलेक्ट्रिक वाहनों से ध्वनि और वायु प्रदूषण से मुक्ति मिलती है।
2. कच्चे तेल की निर्भरता घटेगी
जब इलेक्ट्रिक वाहनों का संचालन ज्यादा से ज्यादा होने लगेगा तो निश्चित तौर पर भारत की कच्चा तेल उत्पादक देशों पर निर्भरता में कमी आएगी। आज भारत कच्चे तेल का आयात अधिक करता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार गत वित्तीय वर्ष में देश की कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता 82.09 से बढ कर 83.07 प्रतिशत पहुंच गई थी। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से इसमें तेजी से कमी आएगी।
3. इलेक्ट्रिक वाहनों की परफोर्मेंस ज्यादा
इलेक्ट्रिक वाहनों की परफोर्मेंस निश्चित तौर पर डीजल और पेट्रोल से चलित वाहनों के मुकाबलें काफी ज्यादा होती है। इसकी वजह है कि ईवी हाई इलेक्ट्रिक मोटर पावर से संचालित होते हैं। इनकी माइलेज भी शानदार होती है। यही कारण है कि अब ट्रक, थ्री व्हीलर, पिकअप, कार, बाइक और सभी कमर्शियल वाहन इलेक्ट्रिक वेरिएंट में आने लगे हैं।
4. सरकार दे रही पूरा बढ़ावा
इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन का एक फायदा यह भी है कि केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से ईवी संचालन को बढावा देने के लिए तरह-तरह के प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। इनमें चार्जिंग स्टेशन बनवाना, ईवी खरीद पर सब्सिडी प्रदान करना, इन्फ्रा सैटअप तैयार करना आदि योजनाएं शामिल हैं।
5 . एक बार चार्ज करें, लंबी दूरी तक चलें
इलेक्ट्रिक व्हीकल का इस्तेमाल करने का सबसे बड़ा फायदा है कि यह बैटरी से संचालित है। इसके लिए सभी राज्य सरकारें अपने-अपने प्रदेशों के हाइवे पर चार्जिंग स्टेशन तैयार करवा रही हैं। इससे चार्जिंग की समस्या भी नहीं रहेगी। यही नहीं चार्जिंग के लिए ऐप भी बन गए हैं। आप ऐप के जरिए नजदीकी चार्जिंग स्टेशन तक पहुंच सकते हैं। इनके अलावा इलेक्ट्रिक वाहन सुरक्षा मानकों पर पूरा खरा उतरते हैं। वहीं इनमें मेंटेनेंस का कम खर्चा होता है।
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