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अगले महीने से बंद होगा Fastag, जानें अब कैसे कटेगा टौल टैक्स

Posted On : 20 February, 2024

अगले महीने बंद हो जाएगा टोल टैक्स फास्टैग, नए टोल सिस्टम का खुलासा, जानें कैसे करेगा काम?

हाल ही में भारत सरकार ने आगे चल कर फास्टैग खत्म करने का फैसला लिया है और सरकार नई टोल प्रणाली लाने का विचार कर रही है। नई टोल प्रणाली जीपीएस नेविगेशन सिस्टम पर काम करेगी, जिससे आम जनों को टोल भुगतान में बेहद आसानी होगी और सरकार को भी इससे व्यापक लाभ होंगे। गौरतलब है कि भारत में अक्सर यात्रा के दौरान लोग फास्टैग से टोल का भुगतान करते आ रहे हैं। फास्टैग से पहले टोल कलेक्शन की यह प्रक्रिया टोल बूथों पर नगद भुगतान के रूप में किया जाता था, जिससे लंबी कतारें लग जाती थी और कई तरह की असुविधा होती थी। सरकार ने इसी समस्या को दूर करने के लिए फास्टैग की शुरुआत की थी, जिससे लोग आसानी से भुगतान कर सकें और लंबी कतारों से बच सकें। इससे टोल भुगतान में क्रांति आई और यह प्रक्रिया ड्राइवरों का समय और धन की काफी बचत करता है, लेकिन जैसे जैसे तकनीकी विकास हो रहा है सरकार टोल कलेक्शन प्रणाली को और भी ज्यादा आसान कर रही है। सरकार की ओर से अब एक नई टोल प्रणाली लाई जाएगी जो जीपीएस नेविगेशन सिस्टम पर काम करेगी और यह अधिक सुविधा और दक्षता का अनुभव प्रदान करेगी।

ट्रक जंक्शन के इस पोस्ट में नई जीपीएस टोल प्रणाली और फास्टैग टोल प्रणाली के बारे में जरूरी अपडेट प्रदान कर रहे हैं।

क्या है नई जीपीएस टोल प्रणाली पर अपडेट?

देश में बढ़ते टोल बूथों को समाप्त करने और जीपीएस आधारित टोल प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए सरकार आगे चल कर फास्टैग टोल प्रणाली को रिप्लेस करने वाली है। वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल का संग्रह टोल बूथों पर निर्भर करता है। टोल बूथ का निर्माण आदि से इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉस्ट बढ़ जाता है और इससे टोल कलेक्शन की लागत में भी बढ़ोतरी होती है। इन्हीं समस्याओं के समाधान के लिए सरकार नई जीपीएस टोल प्रणाली पेश कर रही है। इस सिस्टम में जीपीएस के माध्यम से सीधे ड्राइवर या वाहन मालिक के खाते से टोल की राशि काट ली जाएगी। वाहन की निगरानी जीपीएस एंटीना के माध्यम से की जाएगी और तय किए गए मार्जिन और समय के आधार पर टोल की राशि कैलकुलेट की जाएगी। इस सिस्टम का सबसे ज्यादा लाभ यह होगा कि यह प्रणाली टोल की लंबी कतारों को समाप्त तो करेगी ही साथ ही टोल बूथ की अनिवार्यता भी कम करेगी जिससे टोल कलेक्शन के लिए सरकार को इन्फ्रास्ट्रक्चर पर व्यय नहीं करना पड़ेगा और टोल कलेक्शन की लागत कम हो पाएगी।

क्या है फास्टैग?

FASTag एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्टिंग सिस्टम है जो भारत में हाईवे टोल प्लाज़ाओं पर उपयोग में लाया जाता है। FASTag से टोल पेमेंट ऑटोमेटिक हो जाता है, जिससे यात्रा में समय और धन की बचत होती है। यह टोल कलेक्शन प्रणाली अब तक कमर्शियल यात्रा के लिए सबसे ज्यादा सुरक्षित और आसान साबित हुआ है। FASTag से नकद पेमेंट की जरूरत नहीं होती, जिससे लैन क्रॉसिंग तेजी से की जा सकती है और ट्रांजिट समय में कमी आती है। इस प्रक्रिया में फास्टैग रिचार्ज करवाना पड़ता है, आप ऑनलाइन या बैंक ब्रांच से इसे रिचार्ज कर सकते हैं ताकि टोल का भुगतान आसानी से किया जा सके और उपयोगकर्ताओं को बेहतर सुविधा प्रदान किया जा सके। हालांकि फास्टैग के लिए टोल बूथ की अनिवार्यता होती है, यही वजह है कि सरकार इस प्रक्रिया के अल्टरनेटिव पर काम कर रही है।

जीपीएस टोल कलेक्शन प्रणाली की प्रक्रिया

जीपीएस टोल कलेक्शन अत्याधुनिक टोल कलेक्शन प्रणाली है जो जीपीएस के उपयोग पर आधारित है। इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य टोल भुगतान में सुधार लाना और यात्रा को ज्यादा सुविधाजनक और तेज करना है। यह सिस्टम यात्रा में वाहनों को बिना रुके टोल भुगतान की सुविधा प्रदान करता है। इस सिस्टम में जीपीएस एंटीना लगाया जाता है। यह एंटीना वाहन की स्थिति बताता है और वाहन की पहचान करता है। हर वाहन को एक यूनिक आइडेंटीफिकेशन नंबर दिया जाता है, जिसे जीपीएस के माध्यम से ट्रैक किया जा सकता है। जीपीएस माध्यम से यात्रा की दूरी और समय के आधार पर एक नियत अमाउंट वाहन मालिक के खाते से काट लिया जाता है और वाहन मालिक के मोबाइल नंबर पर टोल भुगतान की सूचना प्रदान की जाती है।

जीपीएस टोल कलेक्शन कैसे बेहतर है?

जीपीएस माध्यम से टोल कलेक्शन से यह फायदा है कि इससे गलत भुगतान पर रोक लगेगी। कई बार फास्टैग से वाहन मालिक के खाते से दो बार पैसे काट लिए जाते हैं। गलत कटौती की कई शिकायतें प्राप्त हुई है। जीपीएस सिस्टम से टोल भुगतान पर ऐसी गलत कटौती नहीं होगी। परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी ने अगले महीने यानी मार्च से पूरे देश में जीपीएस आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू करेगी। इस प्रणाली का उद्देश्य पूरे देश में टोल बूथ की अनिवार्यता को खत्म कर, टोल संग्रह प्रणाली में क्रांति लाना है।

इसके अलावा जीपीएस टोल कलेक्शन रिमोट एरिया में भी उपयोगी है, और यहां कोई फिक्स टोल बूथ की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके अलावा एक और फायदा यह भी है कि इससे प्रशासनिक अधिकारियों को भी वाहन ट्रैकिंग, ट्रैफिक सुधार और क्राइम पर रोक आदि में मदद मिलेगी क्योंकि ज्यादा से ज्यादा वाहनों की जीपीएस ट्रैकिंग का डाटा सरकार के पास होगा। 

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