हाईवे निर्माण को तेजी देने के लिए सरकार देगी 22 लाख करोड़ रुपए
रोड इन्फ्रा नेटवर्क के विकास के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में 30,600 किलोमीटर को कवर करने वाले राजमार्ग के विकास के लिए 22 लाख करोड़ रुपये के निवेश की कैबिनेट से मंजूरी मांगी है। बता दें कि देश में तेजी से सड़कों का निर्माण बढ़ रहा है। सड़कों के नेटवर्क को बढ़ाने के लिए सरकार ने तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। हाल ही में वित्त मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी गई और यह रिपोर्ट पिछले सप्ताह सभी प्रमुख मंत्रालयों के साथ भी साझा की गई है। इस प्रस्तावित योजना में 18,000 किलोमीटर एक्सप्रेसवे और हाई-स्पीड कॉरिडोर का निर्माण, शहरों के आसपास 4,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों की भीड़भाड़ कम करना और सड़कों के निर्माण में तेजी लाना शामिल है। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रस्तावित योजना में लगभग 35% निवेश निजी क्षेत्र से आ सकेगा।
क्या है योजना?
देश में राजमार्ग विकास के लिए यह मास्टर प्लान दो चरणों में प्रस्तावित किया गया है। सड़क परिवहन सचिव अनुराग जैन की अध्यक्षता में हुई अंतर-मंत्रालयी बैठक में भाग लेने वाले अधिकारियों ने कहा कि मंत्रालय ने पहले चरण के तहत सभी परियोजनाओं के लिए 2028-29 तक टेंडर देने और उन्हें 2031-32 तक पूरा करने के रोडमैप को अंतिम रूप दे दिया है। बताया जा रहा है कि पहले चरण में परियोजना के लिए 22 लाख करोड़ रुपये की अनुमति दी जा सकती है। साथ ही मंत्रालय ने परियोजना के कार्यान्वयन के लिए बजट में भी 10% की सालाना वृद्धि का अनुरोध किया है।
अंतरिम बजट में, सरकार ने मंत्रालय के लिए 2,78,000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 2.7% ज्यादा था। वहीं दूसरे चरण में 28,400 किलोमीटर सड़क विकसित करने का वित्तीय अनुमान भी निर्धारित किया जाएगा। इस योजना के अनुसार, चरण -2 के तहत ब्लॉक्स की मंजूरी और आवंटन 2033-34 तक पूरा किया जाएगा और परियोजना का निर्माण 2036-37 तक पूरा हो जाएगा।
सड़कों से बढ़ेगा कार्गो परिवहन
मंत्रालय ने एनएच और एक्सप्रेसवे के विकास की योजना बनाते हुए ट्रेनों द्वारा कार्गो के परिवहन को भी ध्यान में रखा है। जीएसटीएन डेटा के विश्लेषण से पता चला है कि 2021-22 में लगभग 73% माल ढुलाई सड़क मार्ग से ही की गई थी। यह आंकड़ा अब तेजी से बढ़ सकता है। बढ़ते इन्फ्रा के साथ सड़कों से आवाजाही बढ़ेगी। वर्तमान में, केवल 3,900 किलोमीटर हाई-स्पीड कॉरिडोर चालू हैं, और 2026-27 तक यह आंकड़ा लगभग 11,000 किमी तक बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।
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