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छोटा वाणिज्यिक वाहन में महिंद्रा एंड महिंद्रा सबसे बड़ा विक्रेता बना

Posted On : 29 January, 2022

महिंद्रा एंड महिंद्रा ने एससीवी कार्गो स्पेस में 50 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी को पार किया 

भारत में यूटिलिटी वाहन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने स्माल कमर्शियल वाहन के रूप में मिनी ट्रकों का निर्माण करने वाली शीर्ष कंपनी टाटा मोटर्स को पीछे छोड़ दिया है। महिंद्रा की इस जीत से उसकी बाजार हिस्सेदारी पिकअप ट्रकों के नेतृत्व में 50 प्रतिशत को पार कर गई है। बता दें कि महिंद्रा की इस अप्रत्याशित उपलब्धि के चलते टाटा मोटर्स को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। इस तरह से वाणिज्यिक वाहन बाजार में महिंद्रा अपनी पैठ जमाता जा रहा है। आइए, जानते हैं महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह किस तरह से छोटे वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में  टाटा मोटर्स से आगे निकल गया और टाटा मोटर्स को कैसे अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए करनी पड़ रही है भारी मशक्कत? 

सबसे बड़ा मिनी ट्रक विक्रेता बना महिंद्रा समूह 

अभी तक उपयोगिता वाहनों का उत्पादन करने के रूप में अपनी पहचान रखने वाली महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी अब देश की सबसे बड़ी मिनी ट्रक विक्रेता बन गई है। हाल ही इस कंपनी ने टाटा मोटर्स को इस क्षेत्र मेंं पछाड़ कर यह नेतृत्व हासिल कर लिया है। पहली बार महिंद्रा एंड महिंद्रा ने एससीवी कार्गो स्पेस में 50 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी को पार कर लिया है। वहीं यदि टाटा मोटर्स की हिस्सेदारी की बात की जाए तो वित्त वर्ष 2016 के पहले छह महीनों में इस कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 36.5 प्रतिशत तक कम हो गई है। यह सच है कि 18 महीने पहले टाटा मोटर्स 48 प्रतिशत शेयर के साथ सेगमेंट लीडर थी। उधर राजस्व में सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स को ट्रक क्षेत्र में डेमलर और एक पुनरुत्थानवादी अशोक लेलैंड द्वारा चुनौती दी गई है। वर्तमान में हालत ये है कि टाटा मोटर्स छोटे कमर्शियल वाहनों मेें महिंद्रा की कड़ी चुनौती का सामना कर रही है। 

महिंद्रा और टाटा मोटर्स के बीच  पहले भी रही प्रतिस्पर्धा 

बता दें कि महिंद्रा और टाटा मोटर्स के बीच पहले से ही प्रतिस्पर्धा रही है। चार वर्ष पहले महिंद्रा ने एसीई से आगे निकलने के लिए मैक्सिमो  मिनी-ट्रक लांच किया था। प्रारंभ में इसका वॉल्यूम फिसल गया। वहीं अपने पिकअप ट्रकों के साथ महिंद्रा एंड महिंद्रा ने फिर से जीतो और सुप्रो में सभी नये उत्पादों को ऐस परिवार को लक्षित करने के लिए नये प्लेटफार्म पर लांच किया है। इसका उद्देश्य बेहतर उत्पादों की पेशकश करना है। 

2 से 3.5 टन वाले पिकअप ट्रकों पर महिंद्रा का दबदबा 

बता दें कि भारत के छोटे वाणिज्यिक वाहन बाजार में वर्तमान में महिंद्रा कंपनी का दबदबा है।  इस क्षेत्र में पहले से टाटा मोटर्स टाटा ऐस 83 प्रतिशत से अधिक खंड हिस्सेदारी के साथ अपनी पैठ बनाए हुए है। वहीं महिंद्रा अपने बोलेरो और जीनियो पिकअप ट्रकों की बिक्री में भी अभी तक लीडरशिप की भूमिका में है। यहां स्कार्पियो के निर्माता के पास लगभग 70 प्रतिशत हिस्सेदारी है। महिंद्रा एंड महिंद्रा की बाजार हिस्सेदारी ऐसे समय में बढ़ी है जबकि कुल खंड तीन साल तें 30 प्रतिशत घट कर 3.08 लाख यूनिट हो गया। 

जीतो की लांचिंग से महिंद्रा की हिस्सेदारी दोगुना 

यहां यह बता दें कि महिंद्रा एंड महिंद्रा को छोटे वाणिज्यिक वाहनोंं की बिक्री में जो खास उपलब्धि मिली है उसके पीछे कहीं ना कहीं इसके नये एससीवी मॉडल जीतो की लांचिंग का काफी योगदान रहा है। इस संबंध में महिंद्रा एंड महिंद्रा के ऑटोमोटिव सेक्टर के चीफ एग्जिक्यूटिव और प्रेसीडेंट प्रवीण शाह ने जानकारी दी है कि हम इस सेगमेंट में मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभर रहे हैं। जीतो भले ही अभी शुरूआती दौर में है लेकिन सुप्रो के लांच के साथ हमें निश्चित रूप से इसे आगे बढ़ाने की इच्छा रखनी चाहिए। जीतो के लांच के बाद महिंद्रा ने 2 टन खंड की हिस्सेदारी को दोगुना से अधिक यानि 23 प्रतिशत तक देखा-परखा है। 

टाटा मोटर्स स्थिति मजबूत करने में जुटी 

टाटा मोटर्स की महिंद्रा से हुई नई प्रतिस्पर्धा के बीच टाटा मोटर्स के सामने कई विकल्प हैं। टाटा मोटर्स अब छोटे वाणिज्यिक वाहनों (SCV) के आउटलेट्स बढ़ाने, ग्रामीण क्षेत्रो के बाजार पर ध्यान देने सहित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अमल कर रही है। बता दें कि टाटा मोटर्स ने हाल ही में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए सुपर ऐस मिंट और ऐस-मेगा लांच किया है। कंपनी अपनी नई पहल नीव के माध्यम से सेगमेंट में फोकस कर रही है। इसके अलावा टाटा मोटर्स पिकअप स्पेस में अपना पोर्टफोलियो बढ़ा रही है। टाटा मोटर्स महिंंद्रा की चुनौती को स्वीकारते हुए स्माल कमर्शियल वाहन निर्माण क्षेत्र में भारी निवेश के लिए भी योजना बना रहा है।

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