टाटा मोटर्स ने नवोदय विद्यालय के साथ मिलकर शुरू की 'ऑटोमोटिव स्किल लैब' - हर साल 4 हजार छात्रों को मिलेगी ट्रेनिंग
Tata Motors : युवाओं के कौशल व प्रतिभाओं को निखारने एवं ऑटोमोटिव उद्योग के लिए कुशल कार्यबल तैयार करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, टाटा मोटर्स ने नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस) के साथ मिलकर जवाहर नवोदय विद्यालयों (जेएनवी) में समर्पित 'ऑटोमोटिव स्किल लैब' स्थापित की है। इस पहल के तहत महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के जवाहर नवोदय विद्यालयों (जेएनवी) में आवश्यक उपकरणों से पूरी तरह सुसज्जित 25 कौशल प्रयोगशालाएं स्थापित की जा चुकी हैं। यह एक अनूठी उद्योग-शैक्षणिक संयुक्त पहल है, जिसका उद्देश्य सालाना लगभग 4 हजार छात्रों को व्यावहारिक ऑटोमोटिव कौशल से प्रशिक्षित करना है। 'ऑटोमोटिव स्किल लैब' कार्यक्रम में 30 प्रतिशत नामांकित छात्र लड़कियां हैं। यह ऑटोमोटिव उद्योग के प्रति लैंगिक-समावेशी दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है।
व्यावहारिक कौशल और मूल्यवान उद्योग अनुभव पर ध्यान केंद्रित
यह कार्यक्रम 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020' में परिकल्पित व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के अनुरूप है। टाटा मोटर्स की “ऑटोमोटिव कौशल प्रयोगशाला” माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक छात्रों (9वीं से 12वीं कक्षा में अध्ययनरत) को आवश्यक विषय ज्ञान, व्यावहारिक कौशल और मूल्यवान उद्योग अनुभव प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करती है। यह सब स्कूल परिसर के अंदर ही है। इसके अतिरिक्त, व्यावहारिक अनुभव और गहन अध्ययन के लिए छात्र टाटा मोटर्स के संयंत्रों का दौरा कर सकते हैं, सेवा और डीलरशिप पेशेवरों के साथ बातचीत कर सकते हैं, और अपने ज्ञान को गहरा करने के लिए उद्योग विशेषज्ञों के व्याख्यानों में भाग ले सकते हैं। इसके अलावा, इन प्रयोगशालाओं में पढ़ाने वाले प्रशिक्षकों को कंपनी के संयंत्रों पर आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाता है। इस गहन शिक्षण अनुभव का एक प्रमाण पुणे स्थित कौशल लैब में छात्रों द्वारा बनाया गया एक ई-रिक्शा है।
छात्रों को स्थायी रोजगार
कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल समापन पर, छात्रों को टाटा मोटर्स और नवोदय विद्यालय समिति ( एनवीएस) से संयुक्त प्रमाणपत्र दिए जाते हैं। स्कूली शिक्षा पूर्ण करने के बाद, छात्र मैन्युफैक्चरिंग प्रौद्योगिकी में डिप्लोमा का विकल्प चुन सकते हैं, जिसमें पूर्ण वजीफा और टाटा मोटर्स की विनिर्माण सुविधाओं में ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण शामिल है। वैकल्पिक रूप से, जो छात्र टाटा मोटर्स के साथ प्रशिक्षण जारी रखने में रुचि रखते हैं, वे इंजीनियरिंग में बीटेक कर सकते हैं। यह चुनिंदा इंजीनियरिंग संस्थानों के सहयोग से पेश किया जाने वाला 3.5 साल का कार्यकारी शिक्षा कार्यक्रम है, जो पांच साल के बाद स्थायी रोजगार की ओर ले जाता है।
वंचित समुदायों के युवाओं को रोजगार योग्य कौशल
युवाओं के जीवन को बेहतर और समृद्ध बनाने तथा ऑटोमोटिव उद्योग में कौशल की खामियां को दूर करने की प्रतिबद्धता पर दबाव देते हुए, टाटा मोटर्स के सीएसआर प्रमुख विनोद कुलकर्णी ने कहा, "हमारी ऑटोमोटिव कौशल प्रयोगशाला वंचित समुदायों के युवाओं को रोजगार योग्य कौशल प्रदान करती है, जो भारत में विकसित हो रहे ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिए प्रासंगिक है। यह नवीं से बारहवीं क्लास के छात्रों हेतु उच्च शिक्षा हासिल करने और रोजगार के अवसर प्राप्त करने के लिए श्रेष्ठ मार्ग प्रदान करता है। उन्होंने कहा, 'कौशल भारत मिशन' में योगदान करते हुए, यह कार्यक्रम छात्रों में नवीन सोच, उद्यमशीलता की भावना, विश्लेषणात्मक मानसिकता और महत्वपूर्ण संचार कौशल विकसित करता है।
परिकल्पित विकसित भारत 2047 में देंगे योगदान
उन्होंने आगे कहा, “छात्राें की प्रतिक्रिया ने भविष्य के नेताओं को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत किया है जो वैश्विक मंच पर भारत की प्रमुखता में योगदान देंगे, जैसा कि विकसित भारत @2047 द्वारा परिकल्पित किया गया है।" टाटा मोटर्स की “ऑटोमोटिव स्किल लैब” पहल जेएनवी में अध्ययनरत छात्रों को सशक्त और ऑटोमोटिव उद्योग क्षेत्र में उन्हें कुशल बनने के लिए तैयार करने में मदद करती है। 2023 में, इस कार्यक्रम के 1,600 से अधिक छात्रों ने ऑटोमोटिव कौशल विकास परिषद (एएसडीसी) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल ओलंपियाड में भाग लिया, जिनमें से 17 प्रतियोगिता के अगले चरण तक पहुंचने में सफल रहे थे।
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