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वाहन स्क्रैप पॉलिसी : फिटनेस टेस्ट के बिना नहीं चल सकेंगे पुराने वाहन

Posted On : 01 September, 2021

नई स्क्रैप पॉलिसी : दस से पंद्रह साल पुराने वाहन दिल्ली- एनसीआर में सड़कों से हटेंगे

अगर आपके पास दस या पंद्रह साल पुराना कोई ट्रक, बस, ट्रैक्टर, थ्री व्हीलर, पिकअप या अन्य कोई वाहन है और आप एनसीआर क्षेत्र में आते हैं तो आप सचेत हो जाइये। केंद्र सरकार की नई स्क्रैप पॉलिसी को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लागू करने के लिए सरकार ने सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है। हाल ही  दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने पुराने वाहनों को लेकर हाल ही नोटिस जारी किया है। इस नोटिस के मुताबिक अब दिल्ली शहर में दस से पंद्रह साल पुराने वाहन नहीं संचालित किए जा सकेंगे। परिवहन विभाग की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक 15 साल पुराने पेट्रोल से संचालित और दस साल से अधिक डीजल वाहनों के संचालन को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं आपको बता दें कि ऐसे वाहनों को अधिकृत केंद्रों पर स्क्रैप करवाने की भी सलाह दी गई है। पुराने वाहनों का एनसीआर  सडक़ों पर संचालन नहीं होने से प्रदूषण नियंत्रण आसान होगा और सरकार की नई कबाड़ नीति को लागू करने को स्वत: ही बल मिलेगा। 

केंद्र ने वाहन स्क्रैप पॉलिसी के तहत यह किया 

आपको यहां बता दें कि वाहन प्रदूषण की समस्या सबसे ज्यादा दिल्ली में है। वाहन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली में वर्ष 2016 में ओड-इवन रूट यानि सम-विषम नीति लागू की गई थी। इसके अगस्त 2021 में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति का शुभारंभ किया। इसमें केंद्र सरकार ने बीस साल के निजी वाहनों और 15 साल पुराने व्यावसायिक वाहनों के लिए फिटनेस टेस्ट को अनिवार्य कर दिया  गया है। स्क्रैपेज नीति के तहत फिटनेस टेस्ट पास करने पर ही पुराने वाहनों को चलाने की अनुमति दी गई है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य भारत में पंजीकृत वाहन स्क्रीपिंग सुविधाओं और स्वचालित परीक्षण स्टेशनों के मूलभूत  ढांचे का निर्माण करना है। 

वाहन फिटनेस : देश भर में चल रहे 1 करोड़ अनफिट वाहन 

केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार देश भर में करीब एक करोड़ अनफिट वाहन चल रहे हैं। इन्हे तुरंत रिसाइकिल किया जा सकता है। भारी वाणिज्यिक वाहनों के लिए अनिवार्य फिटनेस परीक्षण 1 अप्रैल 2023 से लागू होगा वहीं 1 जून 2024 से अन्य श्रेणियों के लिए चरणबद्ध तरीके से यह व्यवस्था लागू की जाएगी। 

पुराने वाहनों पर पाबंदी से करोड़ों रुपये का बचेगा ईंधन 

दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग की ओर से जारी किए गए नोटिस में पुराने वाहनों का संचालन दिल्ली एनसीआर में बंद करने के निर्देशों के बाद वाहन मालिकों के पास इन वाहनों को स्क्रेप कराने का ही एकमात्र  विकल्प बचेगा। वहीं इनकी जगह नए वाहन आएंगे तो उनमें ईंधन की खपत कम होगी। इसके अलावा उत्सर्जन कम होने से प्रदूषण  भी घटेगा। एक अनुमान के अनुसार सरकार की नई पॉलिसी से  रोजाना करीब पौने दो करोड़ रुपये की ईंधन की बचत होगी। इसके अलावा सरकार पर तेल आयात करने का भार कम होगा। इसके साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार की बचत होगी सो अलग।

स्क्रेपेज इकाइयों से 50 हजार नौकरियां होंगी सृजित  

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की माने तो सरकार की नई कबाड़ नीति से स्कै्रपेज  इंडस्ट्री में 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इससे लगभी 50,000 नौकरियों के अवसर सृजित होंगे। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने यह भी कहा है कि नई स्क्रैपिंग नीति के तहत लगभग 1 करोड़ पुराने भारी, मध्यम और हल्के वाहनों को स्क्रैप किया जाएगा।  

वाहन निर्माताओं का कारोबार होगा दो गुना से अधिक 

आपको बता दें कि एक तरफ केंद्र की नई स्क्रैपेज नीति आ गई वहीं दूसरी ओर  दिल्ली सरकार ने हाल ही पुराने वाहनों के मालिकों के नाम जो नोटिस जारी किए हैं इन दोनो ही कदमों से देश में वाहन निर्माता कंपनियों के कारोबार में जबर्दस्त बूम आने की संभावना है। केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार स्क्रैपेज पालिसी से देश में वाहन निर्माता कंपनियों का कारोबार 30 प्रतिशत से बढ कर 10 करोड़ रुपये का हो जाएगा। यह कारोबार अब तक 4. 5 लाख करोड़ रुपये का है। जैसे-जैसे नई स्क्रैपिंग नीति तेजी से लागू होती जा रही है वैसे- वैसे इससे नए स्टार्टअप शुरू होने से लोगों की आमदनी भी बढेगी।


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