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माल वाहक थ्री व्हीलर सेल में बजाज ऑटो टॉप पर

News Date 29 Nov 2021

माल वाहक थ्री व्हीलर सेल में बजाज ऑटो टॉप पर

महिंद्रा की बाजार हिस्सेदारी 1 साल में बढी़ 16 प्रतिशत  

भारत के ऑटो सेक्टर में अब पियाजियो को पीछे छोड़ कर बजाज ऑटो थ्री व्हीलर्स माल वाहक वाहनों की बिक्री में आगे निकल चुका है। बजाज को इस मायने में तिपहिया वाहनों की बिक्री में बढ़त हासिल करने के कारण नये नेता के रूप में जाना जा रहा है। आपको बता दें कि  16,161 मैक्सिम यूनिट्स की बिक्री के साथ ही  बजाज ऑटो पियाजियो से अग्रिम पंक्ति में आ गया है।  वहीं एक साल के अंदर महिंद्रा की बाजार हिस्सेदारी 2 प्रतिशत से बढ़ कर  16 प्रतिशत हो गई है। यहां जानते हैं कि कैसे बना बजाज ऑटो पियाजियो के बाद  थ्री व्हीलर्स गुड्स कैरियर में नया नेता और इसके तिहपयिा वाहनों की सेल कैसे बढ़ी। 

माल वाहक तिपहिया वाहनों की मांग पर पड़ा सकरात्मक प्रभाव 

बता दें कि ऑटो सेक्टर में  अंतिम छोर तक माल की डिलीवरी में उछाल के साथ ही ई कॉमर्स के कारण माल ढ़ोने वाले तिपहिया वाहनों की मांग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। विशेष तौर थ्री व्हीलर्स  का व्यापारिक गतिविधियों  को ठीक से अंजाम देने के लिए  शहरी क्षेत्रों में संचालन बहुत जरूरी हो गया है। ये वाहन आसानी से चलने में सक्षम हैं वहीं तंग सडक़ों पर भी  नेविगेट कर सकते हैं।  जहां चार पहिया वाहन नहीं पहुंच पाते हैं वहां थ्री व्हीलर आसानी से पहुंंचते हैं ।  बजाज ऑटो द्वारा निर्मित तिपहिया वाहनों के नए मॉडल ऐसे  कामों में मदद करता है इसीलिए बजाज कंपनी ने इन्हे अंतिम मील तक पहुंचने के लिए  डिजायन के हिसाब से अनुकूल बनाया है।  यही नहीं थ्री व्हीलर्स की डिमांड लॉजिस्टक  ऑपरेटर्स की ओर से भी लगातार बढ़ती जा रही है।  चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर 2021 की बात की जाए तो इस अवधि में  गुड कैरियर्स  की कुल बिक्री  यात्री वाहक  थ्री व्हीलर की बिक्री की तुलना में आधी है। इस अवधि में गुड्स कैरियर की कुल बिक्री 85,915 यूनिट्स रही जबकि यात्री वाहक तिपहिया वाहनों की बिक्री इससे लगभग आधी यानि 41,280 यूनिट  है। 

बजाज ऑटो माल वाहक थ्री व्हीलर्स में नंबर वन 

बता दें कि महज एक साल के भीतर बजाज ऑटो ने जिस तेजी से ग्रोथ हासिल की है उससे वह ऑटो माल वाहक थ्री व्हीलर्स में बॉस की भूमिका में आ गया है। केवल गुड्सस कैरिय थ्री व्हीलर उद्योग की बिक्री के आंकड़ो को देखें और बाजार की हिस्सेदारी की बात करें तो सबसे बड़ी खबर यही है कि बजाज ऑटो  72 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी बढ़ा कर यात्री तिपहिया खंड में अग्रिम पंक्ति में है।  वित्त वर्ष 2021 के पहले सात महीनों में 26 प्रतिशत की ग्रोथ बजाज ऑटो की रही।  इस कंपनी ने अप्रैल 2020 मेें  12,767  यूनिट बेची।  वहीं 16,161 मैक्सिमा की बिक्री के साथ बजाज के पास बाजार का 39 प्रतिशत हिस्सा है। इसमें चार प्रतिशत अंकों की वृद्धि हुई है। इस प्रकिया में इसने पूर्व नेता पियाजियो को शीर्ष स्थान दिया  जो अब  दूसरे स्थान पर आ गया है। 

ऑटो क्षेत्र के सीएनजी मॉडल में 250 प्रतिशत की वृद्धि 

यहां बता दें कि डीजल की अधिक कीमतों के कारण ऑटोमोबाइल सेक्टर अब सस्ते सीएनजी की ओर रुख करता दिखाई दे रहा है।  मैक्सिमा के लिए  ईंधन  वार विभाजन के रूप में देखा जाता है। इसने सीएनजी मॉडल में 250 प्रतिशत की वृद्धि की और वर्ष 2021 में  6671 यूनिट का विक्रय किया। इससे पहले 2020 में 1,904  यूनिट बेची गई थी।  डीजल की  बढ़ती कीमतें  पियाजियो को प्रभावित करती हैं जिससे यह कंपनी अब  सीएनजी और इलेक्ट्रिक मॉडल प्रस्तुत करती है। 

इसलिए पड़ा पियाजियो की बाजार हिस्सेदारी पर असर 

यहां बता दें कि इटालियन ओईएम पियाजियो की बाजार हिस्सेदारी एक साल में कैसे घटी?  इसकी बिक्री मुख्य रूप से डीजल इंजन वाले  मॉडलों से होती है और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होने से बाजार का रुख सीएनजी एवं इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर हो रहा है। यहां बता दें कि पियाजियो ने एक साल पहले  अप्रैल से अक्टूबर 2021 को कठिन दौर के रूप में देखा है। पियाजियो ने इसी समान अवधि में एक साल पहले 17,830 वाहन बेचे थे जबकि वर्ष 2021 में इसकी बिक्री में 25 प्रतिशत की गिरावट आई है। बिक्री 13,351 यूनिट रह गई। इससे बाजार की हिस्सेदारी 49.46 प्रतिशत से घट कर 32.34 प्रतिशत रह गया है। 

फ्यूल-वाइज वेरिएंट स्प्लिट को करीब से देखने पर पता चलता है कि डीजल-इंजन वाले मॉडल से सीएनजी और इलेक्ट्रिक में तेजी से बदलाव ने पियाजियो को नुकसान पहुंचाया था। कंपनी ने अप्रैल-अक्टूबर 2021 में कुल 7,708 डीजल तिपहिया वाहनों की बिक्री की, जो सालाना आधार पर 55त्न कम है (अप्रैल-अक्टूबर 2020: 17,386)। फिर भी, पियाजियो अपने मैदान की सुरक्षा के लिए पीछे की ओर कदम उठा रहा है - इसने सीएनजी और इलेक्ट्रिक पावर में बदलाव किया है, एक ऐसा कदम जो पहले ही भुगतान करना शुरू कर चुका है। कंपनी ने 2,750 ष्टहृत्र इकाइयाँ बेचीं, 519त्न ङ्घशङ्घ (अप्रैल-अक्टूबर 2020: 444 इकाइयाँ), 1,686 इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स, जिन्हें उसने इस वित्तीय वर्ष में लॉन्च किया है, और 1,207 पेट्रोल वेरिएंट भी। पियाजियो अपने इलेक्ट्रिक मॉडल पर बेहद उत्साहित है और देश भर में और बिहार जैसे प्रमुख बाजारों में तेजी से ईवी शोरूम स्थापित कर रहा है।

महिंद्रा के मॉडल अल्फा और ट्रियो जोर की बिक्री मेें वृद्धि

आपको बता दें कि चालू  वित्त वर्ष में एक तरफ बजाज ऑटो ने थ्री व्हीलर माह वाहक की बिक्री में इजाफा किया है वही दूसरी ओर  महिंद्रा ने अप्रैल से अक्टूबर 2020 में केवल 735 इकाइयां बेचीं थी, जो एक साल बाद यानि 2021 में अप्रत्याशित वृद़्िध के साथ 6,613 इकाइयां हो गई। एमएंंडएम के दो मॉडल हैं- डीजल इंजन वाला अल्फा और इलेक्ट्रिक ट्रियो।  यहां हैरान करने वाली बात यह है कि डीजल पावर के बावजदू अल्फा की 5,064 इकाइयां विक्रय हुईं जो सालाना 600 प्रतिशत वृद्धि का प्रतीक है। इसी सामान ढोने वाले ट्रेओ जोर ने 1549 इकाइयां बेची हैं। हालांकि एक साल पहले के आधार पर 1280 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 

डीजल रेट कम होने पर भी थ्री व्हीलर्स की बिक्री में गिरावट

ऑटो सेक्टर में डीजल वाले वाहनों की बिक्री में वृद्धि नहींं हो पा रही है। हाल ही किए गए सर्वेक्षणों से पता चलता है कि भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में एफएमसीजी और अन्य उपभोक्ता सामग्रियों की खुदरा मांग शहरी मांग के अनुरूप है, तिपहिया ओईएम को ई कॉमर्स, लॉजिस्टक्स एवं अंतिम छोर तक आपूर्ति से अधिक व्यवसाय की उम्मीद की जानी चाहिए। भले ही गत 4 नवंबर से डीजल की कीमतें लगभग स्थिर बनी हुई हैं।  केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद डीजल की रेट 94.14 रुपये है लेकिन थ्री व्हीलर आपरेटर्स के लिए पेट्रोल के लिए 109.98 रुपये का भुगतान करना चुनौती बना हुआ है। एक अनुमान के अनुसार डीजल वाहनों की बिक्री में 23 प्रतिशत की गिरावट आई है जबकि सीएनजी की बिक्री में 345 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में थी बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि लागत की तुलना में डीजल और पेट्रोल से सीएनजी एवं इलेक्ट्रिक पावर कहीं अधिक सस्ते और अनुकूल रहते हैं। 

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