Detect your location
Select Your location
Clear
  • Pune
  • Bangalore
  • Mumbai
  • Hyderabad
  • Chennai
Popular Cities
Pune
Bangalore
Mumbai
Hyderabad
Chennai
jaipur
Montra
By Saurjesh Kumar
25 Apr 2024
Automobile

बैटरी रीसाइकलिंग से घटेगी निर्माण लागत, सस्ते होंगे इलेक्ट्रिक वाहन

By Saurjesh Kumar News Date 25 Apr 2024

बैटरी रीसाइकलिंग से घटेगी निर्माण लागत, सस्ते होंगे इलेक्ट्रिक वाहन

इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण लागत में आएगी कमी, EV बैटरी रीसाइकलिंग को मिल रहा बढ़ावा

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है। इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर, फोर व्हीलर व कमर्शियल वाहनों का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। इलेक्ट्रिक वाहनों से माल परिवहन की लागत में बहुत कमी आई है। बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहन के लिए बैटरी बनाने के लिए आमतौर पर सैकड़ों पाउंड हार्ड-टू-एक्सट्रैक्ट खनिजों के खनन की आवश्यकता होती है। यही वजह है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लगने वाली बैटरी लागत काफी ज्यादा देखने को मिलती है। इससे ev की कुल लागत में भी बढ़ोतरी देखने को मिलती है। लेकिन अब बैटरी रीसाइक्लिंग की मदद से बैटरी बनाने की लागत में और कमी आ सकती है। 

कितना मददगार है बैटरी रीसाइक्लिंग?

इलेक्ट्रिक वाहनों की कॉस्ट घटाने में बैटरी की रिसाइकलिंग बेहद मददगार है। इस प्रक्रिया में बैटरी के 95% से अधिक प्रमुख खनिजों को फिर से प्राप्त किया जा सकता है और बैटरी बनाने की लागत में कमी लाई जा सकती है।  स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए रिसर्च से पता चलता है कि बैटरी रीसाइकलिंग की मदद से 80% तक उत्सर्जन को कम किया जा सकता है। साथ ही इससे बड़ी मात्रा में धरती में मौजूद खनिज के दोहन को रोका जा सकता है।

इलेक्ट्रिक वाहन की कम होगी लागत

बैटरी रिसाइकल करने की कॉस्ट कम होने की वजह से जैसे जैसे देश दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रचलन बढ़ता है, वैसे ही बड़ी मात्रा में बैटरी रिसाइकल उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और लोग पुरानी बैटरी को रीसाइकल कर पुनः उपयोग में ला सकेंगे। इस पहल से बैटरी निर्माण लागत में कमी आएगी। गौरतलब है कि बैटरी किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन की लागत का 40% हिस्सा होता है। अतः अगर बैटरी की लागत में कमी आएगी तो इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत में भी कमी आएगी। बता दें कि केंद्र सरकार लगभग 3 साल की अवधि यानी वर्ष 2026 तक के लिए लगभग 3,500 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव पास कर चुकी है। यह राशि बैटरी रिसाइकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए खर्च होंगे। 

नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये अनुमान लगाया गया है कि साल 2022 से 2030 तक देश में कुल लिथियम-आयन बैटरी की संचयी क्षमता 600 GWh हो जाएगी। साथ ही इन बैटरियों की तैनाती से साल 2030 तक 128 GWh की रीसाइक्लिंग मात्रा भी आ जाएगी। जिसमें लगभग 59 GWh सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों से आएगी। इस प्रकार देश में बैटरी रिसाइकल उद्योगों को प्रोत्साहित कर EV लागत को कम किया जा सकेगा।

ट्रक इंडस्टी से संबंधित नवीनतम अपडेट के लिए हमसे जुड़ें -

Facebook - https://bit.ly/TruckFB

Instagram - https://bit.ly/TruckInsta

YouTube   - https://bit.ly/TruckYT 

अन्य समाचार

टूल फॉर हेल्प

Call Back Button Call Us