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कमर्शियल वाहनों में ADAS सिस्टम को लेकर डेमलर के एमडी का बड़ा बयान

Posted On : 27 October, 2024

डेमलर के एमडी ने कमर्शियल वाहनों में ADAS सिस्टम को लेकर कही ये बात

भारत का कमर्शियल वाहनों का मार्केट तेजी से बढ़ रहा है, 2024 तक यह आंकड़ा लगभग 8.5 लाख यूनिट्स तक पहुंचने का अनुमान है। यह आंकड़ा हर हर साल 1.88 प्रतिशत की वृद्धि दर से बढ़ रहा है। इस रफ्तार से, 2029 तक यह आंकड़ा 9,33,400 यूनिट्स तक पहुंच सकता है। स्टेटिस्टा की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2029 तक कमर्शियल वाहन का उत्पादन 10.18 लाख यूनिट तक पहुंच सकता है, जिससे इस बाजार की क्षमता में भी वृद्धि होगी। Daimler Truck Innovation Centre India (DTICI) भारत में कमर्शियल वाहनों के इनोवेशन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ग्रीन मोबिलिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग और ऑटोमोटिव सेक्टर में आने वाली चुनौतियों का सामना करने को लेकर डेमलर लगातार काम कर रहा है। इस संबंध में, DTICI के एमडी और सीईओ राघवेंद्र वैद्य ने कमर्शियल वाहन क्षेत्र में ADAS यानी एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम की भूमिका पर बड़ा बयान दिया है, चलिए जानते हैं :

भारतीय बाजार में AI और ADAS का क्या है भविष्य?

राघवेंद्र वैद्य ने AI और ADAS के भविष्य को लेकर कहा है कि भारतीय बाजार में ADAS को पूरी तरह से लागू करने में अभी कुछ समय लग सकता है। हालांकि उन्होंने माना कि ये तकनीकें भारत के कमर्शियल वाहन क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। ADAS सिस्टम भारतीय सड़कों की जटिल परिस्थितियों को समझने के लिए डिजाइन किए गए हैं, और जैसे-जैसे यह तकनीक अधिक सामान्य होगी, ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में दुर्घटनाओं की संख्या में उल्लेखनीय कमी आएगी।”

आगे उन्होंने कहा, "ADAS और AI जैसे अत्याधुनिक नवाचार भारतीय कमर्शियल वाहन उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। ये तकनीकें न सिर्फ वाहनों को सुरक्षित बनाती हैं, बल्कि ईंधन की खपत को भी कम करती हैं, जिससे ऑपरेटरों को लॉन्ग टर्म फायदा होता है।"

डेमलर ट्रक्स में DTICI की भूमिका

डेमलर ट्रक्स इनोवेशन सेंटर इंडिया (DTICI) के एमडी, राघवेंद्र वैद्य ने बताया कि उनका सेंटर डेमलर के ग्लोबल नेटवर्क का एक प्रमुख हिस्सा है। उन्होंने बताया कि DTICI दो मुख्य उद्देश्यों पर काम कर रहा है। पहला, "इंटेलिजेंस टू ड्राइव," जिसका फोकस स्मार्ट सॉफ़्टवेयर सॉल्यूशन पर है। दूसरा, "पावर टू ड्राइव," जिसका उद्देश्य डीजल से शून्य-उत्सर्जन पावरट्रेन पर स्विच करना है। ये दोनों उद्देश्य डेमलर ट्रक के लिए भविष्य की जरूरतों में से एक है क्योंकि ग्राहक लगातार ग्रीन मोबिलिटी और अधिक सुरक्षित ड्राइविंग अनुभव पर फोकस कर रहा है।

ADAS और AI का महत्व में लगातार हो रही है वृद्धि

राघवेंद्र वैद्य ने आगे बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) डेमलर के एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा, "AI हमारे ADAS सिस्टम की फैसिलिटी को ऑपरेट करता है, जैसे कि एडाप्टिव क्रूज़ कंट्रोल और एक्टिव ब्रेक असिस्ट। ये फीचर्स ट्रक ड्राइवरों के लिए अधिक सुरक्षित और आरामदायक ड्राइविंग अनुभव प्रदान करते हैं।"

क्या है ADAS की चुनौतियां?

भारत के कमर्शियल वाहन क्षेत्र में ADAS को अपनाने में कई चुनौतियां आ रही हैं। राघवेंद्र वैद्य ने कहा, “ADAS के लिए सही इंफ्रास्ट्रक्चर और समझ की जरूरत होती है। लेकिन भारत में उपयुक्त इन्फ्रा की कमी है। हालांकि यह तकनीक ड्राइविंग को सेफ बनाती है और दुर्घटनाओं को रोकने में भी सहायक है, लेकिन CV सेगमेंट में इसके व्यापक रूप से अपनाने में अभी भी समय लग रहा है।”

ग्रीन मोबिलिटी की ओर बढ़ता डेमलर ट्रक्स

टाटा मोटर्स और अन्य प्रमुख कंपनियों की तरह, डेमलर ट्रक्स भी जीरो-उत्सर्जन वाहनों की दिशा में लगातार काम कर रहा है। राघवेंद्र वैद्य ने आगे यह क्लियर किया है कि कंपनी की स्ट्रेटजी में ग्रीन मोबिलिटी का एक बेहद महत्वपूर्ण स्थान है। "हमारी टीम नई और स्थायी तकनीकों को विकसित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है, जिसमें जीरो-उत्सर्जन पावरट्रेन शामिल है। 

DTICI ने हाल ही में कई प्रोजेक्ट्स की लॉन्चिंग की है, जिनका उद्देश्य वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करना और ग्रीनरी को बढ़ाने में सहायता करना है। राघवेंद्र ने कहा, "हमने जीरो-उत्सर्जन पावरट्रेन को विकसित करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है, और हमारा लक्ष्य है कि हम जल्द ही पूरी तरह से इलेक्ट्रिक और शून्य-उत्सर्जन कमर्शियल वाहनों का तेजी से उत्पादन करें।"

अभी लेवल 2 ADAS का है भारत में प्रचलन

ADAS सिस्टम के लेवल 2 ऑटोनॉमी पर चर्चा करते हुए राघवेंद्र ने कहा कि उनके ट्रकों में विभिन्न प्रकार के सेंसर और इंटेलिजेंट कैमरों का उपयोग किया जाता है जो सड़क पर वस्तुओं की पहचान और वर्गीकरण करते हैं, ताकि ड्राइविंग के दौरान सही निर्णय लिया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि CV सेगमेंट में ADAS को अपनाने में कई चुनौतियां आ रही हैं, और इस तकनीक को पूरी तरह से लागू करने में थोड़ा समय लगने की संभावना है।

ड्राइवरों की सुरक्षा के लिए यह एक बड़ा कदम

आगे राघवेंद्र ने बताया कि ADAS सिस्टम का विकास ड्राइवरों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम है। “एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम ड्राइवरों को कई ऐसे फीचर्स प्रदान करता है जो न केवल सड़क पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, बल्कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा आरामदायक और कुशल ड्राइविंग अनुभव भी प्रदान करते हैं। डेमलर ट्रकों में ADAS के जरिए ट्रकों में लेवल 2 ऑटोनॉमी लाने की कोशिश की जा रही है  जिससे ड्राइवरों के लिए सड़क पर जोखिम कम हो सके।”

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