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दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे के 5 राजमार्गों के लिए आया बड़ा अपडेट

Posted On : 22 May, 2024

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे पूरा होने में लगेंगे 2 साल, इन 5 प्रोजेक्ट पर अटका है मामला

भारत में व्यापार को बल देने और बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए मार्च 2019 में शुरू हुए लगभग एक लाख करोड़ रुपए के दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट को पूरा होने लिए अभी और इंतजार करना होगा। उम्मीद की जा रही है कि, इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में लगभग 2 साल और इंतजार करना होगा। कोटा में मौजूद अधूरी टनल परियोजना और वडोदरा-दाहोद में सड़क का काम पूरा नहीं होने की वजह से एक्सप्रेस-वे का काम अधूरा रह गया है। बता दें कि दावा किया जा रहा था कि लोकसभा चुनाव के पहले इस काम को पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन अब एनएचएआई ने अब इसे दिसंबर 2024 तक पूरा करने की बात कही है।

बिजनेस का होगा जुड़ाव

व्यापार को बढ़ावा और जुड़ाव प्रदान करने के लिए भारत सरकार कई तरह की सड़क परियोजनाओं पर काम कर रही है। भारतमाला परियोजना के तहत दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के कई प्रोजेक्ट अभी भी पूरे नहीं हुए है। प्रोजेक्ट में हुई देरी की वजह से जहां मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों के कारोबार या व्यवसाय को इस एक्सप्रेस-वे से जुड़ने का मौका नहीं मिल सका है, वहीं बंदरगाहों तक उनके सामान की पहुंच भी आसान नहीं हुई जिससे उन्हें व्यापार में अभी ट्रांसपोर्ट संबंधी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस प्रोजेक्ट के अधूरे होने की वजह से इन बिजनेस को व्यापारिक गति नहीं मिली है। केवल इतना ही नहीं, बल्कि मालवा में बनने वाला लॉजिस्टिक पार्क की परियोजना भी अभी पूरी नहीं हो पाई है। जल्द से जल्द परियोजना पूरा होने पर इन इलाकों से बिजनेस का जुड़ाव बढ़ेगा और देश को आर्थिक गति मिलेगी।

देश की राजधानी दिल्ली को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को जोड़ने के लिए भारत सरकार ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की शुरुआत की है। इस कदम से देश की राजधानी दिल्ली को वित्तीय राजधानी मुंबई से जोड़ा जाना है। बता दें कि इस प्रोजेक्ट की आधारशिला केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा रखी गई। वहीं इसका लोकार्पण पीएम मोदी ने किया। इस प्रोजेक्ट में कई जगह धीमी गति व अड़चनों की वजह से इस काम को पूरा नहीं किया जा सका है।

ये हैं अधूरे काम

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे निर्माण करने का लक्ष्य भारत में व्यापार और ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है। इस कदम से सरकार मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान से सीधे महाराष्ट्र के पोर्ट से जुड़ाव स्थापित करेगी। लेकिन कुछ अधूरे काम की वजह से कई व्यापारियों को इस एक्सप्रेस वे से पोर्ट तक की कनेक्टिविटी नहीं मिल पाई है, जैसे : अभी दाहोद में 40 किमी हिस्से में सड़क का काम पूरा नहीं किया जा सका है। दिल्ली से वापी के मध्य भी परेशानी देखने को मिल रही है, यहां तीन ब्लॉक में काम किया जाना है। लेकिन एक हिस्से में 20 किलोमीटर की सड़क नहीं बन पाई है। कोटा में भी  5 किलोमीटर लंबी टनल परियोजना पूरी नहीं की जा सकी है, यहां भी बहुत सारा काम अधूरा है। इस देरी की वजह से ही रतलाम लॉजिस्टिक पार्क का काम अभी अधूरा पड़ा है। 

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