Detect your location
Select Your location
Clear
  • Pune
  • Bangalore
  • Mumbai
  • Hyderabad
  • Chennai
Popular Cities
Pune
Bangalore
Mumbai
Hyderabad
Chennai
jaipur
Montra
ड्राइवरों को लाभ और प्रशिक्षण के लिए मारुति सुजुकी ने एम्स और आईआरएफ से हाथ मिलाया वीईसीवी अपनी फ्यूल तकनीक पर करेगी 1000 करोड़ का निवेश, बढ़ेगी एफिशिएंसी और माइलेज लर्निंग के बाद कितने दिनों में बनेगा परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस, जानें नियम टाटा मोटर्स की AMC सर्विस का उठाएं लाभ, रास्ते में गाड़ी खराब होने पर मिलेगी सुविधाएं कमर्शियल व्हीकल पर आसानी से मिलेगा लोन - टाटा मोटर्स ने साउथ इंडियन बैंक के साथ किया करार वाहन की किश्तें आसानी से चुकेगी, अगर अपना लिया ये तरीके भारत की ये 7 कंपनियां लगाना चाहती है बैटरी निर्माण प्लांट, सस्ती होगी बैटरी और ईवी लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस कैसे बनवाएं - जानें क्या है नियम?
02 Feb 2022
Automobile

बजट 2022 : इलेक्ट्रिक वाहनों की नई बैटरी स्वैपिंग नीति की घोषणा, जानें क्या होंगे फायदे

By News Date 02 Feb 2022

बजट 2022 : इलेक्ट्रिक वाहनों की नई बैटरी स्वैपिंग नीति की घोषणा, जानें क्या होंगे फायदे

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नये मोबिलिटी जोन विकसित करेगी सरकार

भारत को स्वच्छ पर्यावरण प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार और अधिक फोकस करने जा रही है। इसके लिए सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने के के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने संसद में बजट पेश करते समय देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नई बैटरी स्वैपिंग नीति की घोषणा की है। बता दें कि यह नई बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादक कंपनियों के लिए खासी उपयोगी साबित होगी। कंपनियों को इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन में राज्य सरकारों के साथ काम करने के अवसर प्राप्त होंगे। यही नहीं इस नीति के चलते इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नये मोबिलिटी जोन विकसित होंगे। आइए, जानते हैं केंद्र सरकार की यह नई बैटरी स्वैपिंग नीति क्या है और इससे कैसे ईवी कंपनियों और वाहन संचालकों को कई तरह के फायदे मिलेंगे? 

एक बड़ा बूस्टर साबित होगी बैटरी स्वैपिंग नीति 

यहां बता दें कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने पूरी तरह से कमर कस ली है। अब यूनियन बजट 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने घोषणा की है कि जल्द ही सरकार नई बैटरी स्वैपिंग नीति बनाएगी। इसका इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। वाहन निर्माता कंपनियां अधिक उत्साह के साथ ईवी उत्पादन करेंगी। दूसरी ओर प्रदूषण कम होने से पर्यावरण में अपेक्षा के अनुकूल सुधार होंगे। इस संदर्भ में डेलॉइट के पार्टनर राजीवसिंह ने कहा है कि इस क्षेत्र में पहले से काम कर रहे सभी स्टार्टअप के लिए इंटरऑपरेबिलिटी सहित बैटरी स्वैपिंग एक बड़ा बूस्टर हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहन यूज करने वाले लोगों और सामानों इन दोनो के लिए बैटरी स्वैपिंग नीति ईवी विद्युतीकरण के क्षेत्र में आंदोलन का काम करेगी। 

इलेक्ट्रिक व्हीकल होंगे सस्ते और बढ़ेगी रेंज 

यहां बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी को लेकर जो नई नीति लाने का ऐलान किया है वह इलेक्ट्रिक वाहनों को सस्ता करने और इनकी रेंज बढ़ाने में काफी सहायक होगी। वित्त मंत्री का कहना था कि बैटरी स्वैपिंग नीति लाने के लिए सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि एक ओर जहां ग्राहक के लिए बैटरी को अलग कंपोनेंट के तौर पर इस्तेमाल करने का अवसर मिलेगा वहीं दूसरी ओर ऐसा करने से ईवी खरीद आसान हो जाएगी क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत कम होने से इनकी कीमत में भी गिरावट आ जाएगी। इसके अलावा ईवी रेंज का विस्तार होगा। 

क्या है बैटरी स्वैपिंग तकनीक ? 

बता दें कि बैटरी स्वैपिंग और बैटरी एस ए सर्विस में ग्राहक को बैटरी उसके वाहन में अलग से कंपोनेंट के तौर पर मिलती है। कस्टमर बैटरी को डिस्चार्ज होने पर फुल बैटरी में बदल सकता है।  इससे ग्राहक को बचत होगी और रेंज की समस्या भी दूर हो जाएगी।  बैटरी स्वैपिंग के कारण बैटरी चार्जिंग स्टेशन की तुलना में काफी कम समय लगता है। बता दें कि भारत के अलावा स्वीडन, नार्वे, नीदरलैंड और यूरोप के कई देशों में पहले से बैटरी स्वैपिंग की जा रही है। यूरोप में तो बैटरी एस ए सर्विस मॉडल का प्रमुख बाजार है। 

ईवी बैटरी पर और गंभीरता से काम करने की जरूरत 

हालांकि इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी स्वैपिंग नीति भी सरकार ने लाने की घोषणा कर दी है लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार ईवी बैटरी पर लगातार अनुसंधान करने और इस पर गंभीरता से काम करने की जरूरत है। सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ने इस कदम की सराहना की, लेकिन यह भी कहा कि अनुसंधान एवं विकास के लिए पर्याप्त धन की जरूरत है। एसएमईवी के सोहिंदर गिल ने कहा कि जब तक हम ईवी बैटरी पर गंभीरता से और लगन से काम नहीं करते हैं तब तक हम कच्चे तेल पर निर्भरता से भी बदतर स्थिति में खत्म हो सकते हैं। वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी पर अनुसंधान का स्तर काफी बिखरा सा है। 

प्लान चयन और समय की बचत 

बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहनों में बैटरी स्वैपिंग के लिए ग्राहक दो तरह से  स्वैपिंग भुगतान मॉडल्स को अपना सकते हैं। पहला पेमेंट प्लान होता है हर महीने और दूसरा होता है सालाना। कस्टमर अपने हिसाब से ये प्लान सब्सक्राइब कर सकते हैं। इसके अलावा बैटरी स्वैपिंग प्रोसेस में समय की बचत होतीहै। बता दें कि   E2W   बैटरी स्वैपिंग में 2 से 3 मिनट का समय लगता है। इससे वाहन की रेंज बढ़ती है और ड्राइवर को फायदा मिलता है। वहीं इलेक्ट्रिक व्हीकल के माध्यम से लंबा सफर भी तय किया जा सकता है। 

बैटरी की कुशलता में होगा इजाफा 

सरकार की बैटरी स्वैपिंग नीति का एक यह भी फायदा मिलेगा कि बैटरी की परफोर्मेंस में वृद्धि होगी। बता देें कि 2W और 3W की छोटी बैटरी स्वैपिंग के लिहाज से बेस्ट होती हैं। ये वजन में भी हल्की रहती हैं। कम समय और आसानी से इन्हे बदला जा सकता है। सबसे ज्यादा जरूरी है कि बैटरी समय पर चार्ज होती रहे जिससे उनकी  कुशलता में कोई कमी नहीं आ पाए। 

कैसे काम करती है इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी 

यहां बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहन  को किसी अन्य ईंधन की जरूरत नहीं होती वह बिजली से ही संचालित होता है। इन वाहनों में अन्य आवश्यक भागों के साथ बैटरी को समायोजित करने के लिए डिजायन किए गए हैं। यह बैटरी चार्ज होती है और वाहन को एक निश्चित दूरी तक सक्रिय रख सकती है। जिस तरह से मोबाइल फोन को रिचार्ज करने की आवश्यकता होती है उसी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियां चार्ज की जाती है। वर्तमान में लिथियम-ऑयन बैटरी का उपयोग किया जा रहा है। इन बैटरियों को रिचार्ज किया जा सकता है और लंबे समय तक ये बैटरियां चल सकती हैं। 

चीन और जापान पर निर्भरता हुई कम 

बता दें कि कुछ वर्ष पहले तक भारतीय इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनियां सरकार की आयात नीति के तहत चीन या जापान या अन्य कई देशों से लिथियम-ऑयन बैटरी का आयात करने के लिए मजबूर थे लेकिन अब ईवी बैटरी निर्माता भारतीय कंपनियों ने यह बैटरी बनाना शुरू कर दिया है। इससे भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में तेजी से प्रगति की ओर अग्रसर है। 

ये हैं भारत की टॉप-5 ईवी बैटरी निर्माता कंपनी 

बता दें कि भारत में ईवी बैटरी निर्माण करने वाली पांच शीर्ष कंपनियां हैं। इनमें एक्साइड इंडस्ट्रीज लिमिटेड कोलकाता, अमारा राजा बैटरीज, तेलंगाना, टाटा समूह की टाटा रसायन, मुंबई, हीरो मोटोकार्प, नई दिल्ली, मारुति सुजुकी नई दिल्ली ये पांच कंपनियां  शामिल हैं। 

क्या आप नया ट्रक खरीदना, डीज़ल ट्रक, पेट्रोल ट्रक, इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहन या पुराना ट्रक बेचना चाहते हैं, किफायती मालाभाड़ा से फायदा उठाना चाहते हैं, ट्रक लोन, फाइनेंस, इंश्योरेंस व अन्य सुविधाएं बस एक क्लिक पर चाहते हैं तो देश के सबसे तेजी से आगे बढ़ते डिजिटल प्लेटफार्म ट्रक जंक्शन पर लॉगिन करें और अपने फायदे की हर बात जानें। 

ट्रक इंडस्टी से संबंधित नवीनतम अपडेट के लिए हमसे जुड़ें -

FaceBook - https://bit.ly/TruckFB
Instagram - https://bit.ly/TruckInsta
Youtube   -  https://bit.ly/TruckYT

अन्य समाचार

टूल फॉर हेल्प

Call Back Button Call Us