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दिल्ली-एनसीआर में वाणिज्यिक वाहनों की कीमत में वृद्धि होगी

News Date 19 Apr 2022

दिल्ली-एनसीआर में वाणिज्यिक वाहनों की कीमत में वृद्धि होगी

जानें, वाणिज्यिक वाहनों की कीमतों में वृद्धि के कारण

एक तरफ भारत में पिछले दिनों से लगातार कमर्शियल वाहनों की कीमतें बढ़ रही हैं तो दूसरी ओर दिल्ली सरकार कुछ श्रेणियों के वाहनों पर रोड टैक्स में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिए जाने से इन वाहनों की कीमतों में वृद्धि होने की संभावना है। ऐसे में दिल्लीवासियों के लिए प्राइवेट और कमर्शियल वाहन खरीदना महंगा पड़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के दावों के अनुसार राज्य परिवहन विभाग ने हाल ही में वित्त विभाग को कई सेगमेंट के वाहनों पर रोड टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। बता दें कि वर्तमान में दिल्ली में प्राइवेट कार किसी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है तो रोड टैक्स 25 फीसदी ज्यादा है। यदि रोड टैक्स बढ़ा तो वित्तीय वर्ष 2022-23 में वाहन पंजीकरण से लगभग 2,000 करोड़ रुपये की आय होगी। यहां ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट में जानते हैं दिल्ली सरकार क्यों बढ़ाना चाह रही है इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स और इससे सरकार को प्रत्यक्ष तौर पर राजस्व में कितना फायदा होगा। 

यह है रोड टैक्स बढ़ाने की वजह 

यहां यह बता दें कि दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में जिस तेजी से वृद्धि हो रही है वह दिल्ली प्रदेश की आप पार्टी सरकार की ओर से दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत दोपहिया और चौपहिया वाहनों पर रोड टैक्स में छूट की घोषणा के चलते संभव हो रही है। इधर सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रोड टैक्स में वृद्धि की योजना बनाई है। सरकार की मंशा है कि रोड टैक्स बढऩे से वित्तीय वर्ष 2022-23 में करीब 2000 करोड़ रुपये की राजस्व आय होगी।

2024 तक कुल वाहनों की बिक्री की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत बढाना 

एक ओर दिल्ली सरकार बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या को मद्देनजर रखते हुए रोड टैक्स बढ़ा कर सरकारी खजाना भरना चाह रही है तो दूसरी ओर ईवी पॉलिसी के तहत वर्ष 2024 तक कुल वाहनों की बिक्री की हिस्सेदारी में 25 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी चाह रही है। इस वर्ष के मार्च माह के अंत तक दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी तकरीबन 12.6 प्रतिशत थी जबकि फरवरी मेूं यह 10.6 प्रतिशत थी। जनवरी 2022 में यह 8 प्रतिशत थी। सरकार को आशा है कि आगामी  महीनों में नये मॉडलों के लांच होने के साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी में लगातार वृद्धि होने की पूरी संभावना है। 

20 लाख से 25 लाख रुपये मूल्य के वाहनों का बनेगा नया टैक्स स्लैब 

दिल्ली में मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट में टाटा मोटर्स लीडिंग पॉजिशन में है। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता महिंद्रा भी अपनी ईवी लाइनअप को मजबूत करने के लिए प्रयासरत है। परिवहन विभाग सूत्रों के अनुसार  इलेक्ट्रिक कारों के इजाफे के साथ ही रोड टैक्स कलेक्शन में गिरावट आ सकती है। इस अंतर को पाटना होगा। हालांकि परिवहन विभाग ने ज्यादातर सेगमेंट के वाहनों पर रोड टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव किया है लेकिन सरकार का विचार है कि 20 से 25 लाख रुपये मूल्य के वाहनों का नया स्लैब बनाने पर विचार किया जा सकता है। 

टाटा मोटर्स की कीमतें बढ़ीं 

यहां बता दें कि पूर्व  में टाटा मोटर्स की ओर से किए गए ऐलान के मुताबिक 1 अप्रैल से टाटा मोटर्स ने अपनी कीमते बढ़ा दी हैं। एक्सचेंजेज में दी फाइलिंग में टाटा मोटर्स ने कहा है कि कीमतों में यह बढ़ोतरी जरूरी हो गई थी। भारत की कमर्शियल व्हीकल बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी टाटा मोटर्स ने कहा है कि स्टील, एल्यूमीनियम और मैटल्स की कीमतों में बढ़ोतरी के अलावा कच्चे माल की लागत बढऩे से यह फैसला लिया गया है। 

एक्साइज ड्यृटी और रोड सेस बढ़ाया 

यहां यह बता दें कि पिछले दिनों ही सरकार ने डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और रोड सेस बढ़ाया है। 2 रुपये एक्साइज ड्यूटी और 1 रुपये रोड सेस प्रति लीटर बढ़ा दिया है। इसमें ध्यान खीचने वाली बात यह है कि भारत में गाड़ी रखने वाले हर शख्स को रोड सेस तो देना ही होता है ऐसे में रोड टैक्स में भी वृद्धि कर सरकार दोहरा राजस्व कमाना चाह रही है। उधर इससे वाहन मालिकों पर आर्थिक भार बढ़ जाएगा। ऐसी बहुत कम सडक़ें हैं जिनमें टोल टैक्स वाली सडक़ें नहीं हों। 

अधिकांश देशों में नहीं वसूले जाते इतने टैक्स 

भारत में रोड पर चलना वाहन चालकों के लिए खासा महंगा होता जा रहा है। रोड टैक्स के साथ ही टोल टैक्स और एक्साइज ड्यूटी आदि कई तरह के टैक्स चुकाने होते हैं। अन्य देशों में इतने टैक्स नहीं लगाए जाते। इन तीन टैक्स के अलावा प्रति लीटर डीजल-पेट्रोल पर एक्ससाइज ड्यूटी और वैट भी देना पड़ता है। 

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