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16 Dec 2021
Automobile

दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की ई-ऑटो परमिट के खिलाफ याचिका

By News Date 16 Dec 2021

दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की ई-ऑटो परमिट के खिलाफ याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने कहा-सीएनजी वाहनों से भी फैलता है प्रदूषण 

इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रदूषण के मामले में शून्य उत्सर्जन वाला माना जाता है। वहीं प्रदूषण नियंत्रण में सीएनजी और बीएस-6 मानक वाले वाहन भी सहायक हो सकते हैं लेकिन इलेक्ट्रिक व्हीकल्स से प्रदूषण बिल्कुल नहीं फैलता। दिल्ली सरकार के निर्देश पर परिवहन विभाग ने शहर को प्रदूषण मुक्त करने के उद्देश्य के साथ कुछ माह पहले दिल्ली में 4,200 से अधिक इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा को परमिट जारी किए थे। बता दें कि सरकार के इस कदम के खिलाफ बजाज ऑटो कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की। इसे उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया है। आइए, जानते हैं सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को लेकर क्या कहा और बजाज ऑटो कंपनी को क्या नसीहत दी? 

बजाज ऑटो ने सरकार का कदम बताया था गलत 

आपको याद दिला दें कि अक्टूबर 2021 में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा प्रदूषण की समस्या से निजात दिलाने के लिए दिल्ली शहर में एक साथ 4 हजार से अधिक ई ऑटो रिक्शा संचालित करने का फैसला लिया था। इससे सीएनजी और बीएस-6 सहित अन्य ईंधन विकल्पों वाले वाहन कंपनियों को एतराज हुआ। सरकार के फैसले के खिलाफ बजाज ऑटो कंपनी सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की। याचिका में कहा गया था कि दिल्ली सरकार का कदम सीएनजी ऑटो रिक्शा निर्माताओं के खिलाफ मनमाना और भेदभावपूर्ण है। इससे बाजार में इन कंपनियों के अवसर सीमित होते हैं। 

यह कहा सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने 

दिल्ली में सरकार की ओर से ई ऑटो रिक्शा के 4200 से अधिक परमिट दिए जाने के खिलाफ बजाज ऑटो कंपनी की सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को खारिज कर दिया गया है। वहीं शीर्ष कोर्ट के न्यायमूर्ति एल नागेश्वर की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली सरकार के फैसले को तर्कसंगत बताया है। कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली सरकार द्वारा जारी किया गया विज्ञापन जिसके माध्यम से उसने इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं वह FAME-II योजना और इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2020 के अनुरूप है। 

बैंच ने टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली के निवासी प्रदूषण से बुरी तरह से प्रभावित हैं। वायु प्रदूषण में निस्संदेह वाहनों का बड़ा योगदान है। भले ही सीएनजी ऑटो बीएस-6 के अनुरूप हो लेकिन फिर भी कुछ मात्रा में कार्बन का उत्सर्जन होता है। वहीं जजों की बैंच ने यह भी कहा कि इस मामले में आवेदक बजाज ऑटो के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं हुआ है। बता दें कि दिल्ली सरकार ने पहले ही कहा था कि दिल्ली में सीएनजी पर चलने वाले 92,000 से अधिक ऑटो रिक्शा पंजीकृत हैं और पुराने सीएनजी वाहनों को बदलने की प्रकिया भी जारी है। 

दिल्ली में ई ऑटो खरीदने वालों को दी गई यह छूट 

बता दें कि दिल्ली सरकार ने इस वर्ष अक्टूबर में 4,261 इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा के परमिट जारी किए थे। इसमें 1,406 ई ऑटो परमिट महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए थे। ई ऑटो परमिट के लिए दिल्ली परिवहन विभाग की ओर से ऑनलाइन भी आवेदन स्वीकृत किए गए। वहीं इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा परमिट के लिए दिल्ली परिवहन विभाग ने ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किये थे। इसके अलावा ई ऑटो रिक्शा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से अधिकृत वित्तीय संस्थाओं से 5 प्रतिशत ब्याज की छूट के साथ ऋण ले सकेंगे। दिल्ली परिवहन विभाग ने 25 अक्टूबर 31 अक्टूबर तक आईडीटीआर सराय कालेखां और लोनी में एक ई ऑटो मेला भी आयोजित किया गया था। 

दिल्ली में ई-ऑटो पर 30 हजार रुपये की सब्सिडी 

दिल्ली सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहन नीति के अंतर्गत ई ऑटो की खरीद पर 30,000 रुपये की सब्सिडी की घोषणा के बाद यहां इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने की होड लगी है। सब्सिडी पाने के हकदार दिल्ली निवासी नागरिक ही होंगे। इसके लिए दिल्ली का पता और हल्के मोटर वाहन का वैध ड्राइविंग लाइसेंस या टीएसआर ड्राइविंग लाइसेंस के साथ आधार संख्या हो वह दिल्ली में सब्सिडी पा सकता है। 

बता दें कि दिल्ली सरकार ने 2020 में इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी की घोषणा की थी। अपनी ईवी नीति के तहत दिल्ली सरकार ने 2024 तक 24 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों को उतारने का लक्ष्य रखा है। वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण और रोड टैक्स में भी छूट दे रही है। 

पीयूसी सर्टिफिकेट किया अनिवार्य 

दिल्ली सरकार यहां वाहनों से फैलने वाले वायु प्रदूषण को लेकर लगातार सख्त रवैया अपना रही है। इसके लिए सरकार ने वाहनधारियों को वैध पीयूषी सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया गया है। अगर बिना पीयूसी के कोई व्यक्ति वाहन चलाता पाया गया तो 10,000 रुपये का जुर्माना किया जाएगा। यहां बता दें कि सरकार की ईवी पॉलिसी और पीयूसी सर्टिफिकेट को अनिवार्य किए जाने से दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में लगातार इजाफा हो रहा है। 

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