ग्रीन फ्यूल को बढ़ावा - सरकार ने रोड टैक्स, पंजीयन शुल्क में दी छूट
इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों के इस्तेमाल के लिए पश्चिमी बंगाल के बजट ने खासा प्रोत्साहन दिया है। बता दें कि राज्य के बजट 2022-23 मेें बिजली और सीएनजी से चलने वाले वाहनों को खरीदने के लिए सरकार ने अगले दो सालों तक इन वाहनों के पंजीकरण शुल्क और रोड टैक्स में छूट प्रदान करने की घोषणा की है। इससे ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिलेगा। सरकार की पिछले वर्ष घोषित ईवी नीति के बाद यह सबसे बड़ा कदम है। इलेक्ट्रिक एवं सीएनजी वाहनों की खरीद पर रोड टैक्स और पंजीयन में दी गई छूट से लोग बेझिझक होकर इन वाहनों की खरीदारी करेंगे। वहीं जैसे-जैसे ग्रीन फ्यूल वाले वाहनों का चलन बढ़ेगा वैसे-वैसे प्रदूषण की समस्या भी दूर होती चली जाएगी। लोगों को स्वच्छ वातावरण में सांस लेने का अवसर मिलेगा।
हर 25 किलोमीटर पर लगाए जाएंगे ईवी चार्जर
बता दें कि पश्चिमी बंगाल के हाल ही आए बजट में इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों के पंजीयन एवं रोड टैक्स में छूट प्रदान करने की घोषणा की गई है उससे इन वाहनों के स्थानांतरित करने का सिलसिला तेज होगा। इसका स्वागत करते हुए कोलकाता के एक स्वच्छ वायु प्रचारक सोमेंद्र मोहन घोष ने कहा है कि शहर के बिगड़ते वायु प्रदूषण में परिवहन क्षेत्र का सबसे बड़ा योगदान है, जिसने बदले में बीमारियों का बोझ बढ़ा दिया है। बंगाल की ईवी नीति कोलकाता और आसनसोल एवं दीघा के बीच अंतर शहर विद्युत गतिशीलता को बढ़ाएगी। सरकार ने यह भी ऐलान किया है कि इलेक्ट्रिक बसों एवं अन्य भारी वाहनों के लिए हर 25 किलोमीटर की दूरी पर ईवी चार्जर लगाए जाएंगे।
परिवहन विभाग ने 2030 तक का रखा ये लक्ष्य
बता दें कि पश्चिमी बंगाल के परिवहन विभाग ने 2030 तक अपने सभी सार्वजनिक परिवहन वाहनों को इलेक्ट्रिक या सीएनजी पर चलाने की अपनी योजना की भी घोषणा कर दी है। अभी हल्दिया से सीएनजी की निर्बाध आपूर्ति एक चुनौती बना हुआ है क्योंकि अधिकारियों को पाइपलाइन बिछाने के लिए आवश्यक भूमि पर बाधाओं का सामना करना पड़ता है। गेल के शहर में प्रवेश करने से पहले बंगाल के सात जिलों में कोई लाइन नहीं बिछा सका। बंगाल गैस कंपनी लिमिटेड अब ट्रकों द्वारा ताबूतों में सीएनजी की आपूर्ति करती है। नतीजन आपूर्ति सीमित है और लागत प्रभावी नहीं है।
इन राज्यों की ओर से दी जा रही है ईवी खरीदने पर छूट
बता दें कि इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल और एसयूवी पर कई राज्य सब्सिडी प्रदान कर रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार की ओर से यह सब्सिडी 2.5 लाख है वहीं दिल्ली, गुजरात, असम, बिहार और पश्चिमी बंगाल सरकारें 1.5 लाख रुपये की अधिकतम सब्सिडी प्रदान कर रही हैं। इसी तरह ओडिसा में 1 लाख रुपये की सब्सिडी इलेक्ट्रिक एसयूवी खरीदने पर दी जाती है। मेघालय में 60,000 रुपये की सब्सिडी मिलती है। इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की खरीद के लिए दिल्ली, महाराष्ट्र, मेघालय, गुजरात, असम, बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान 5,000 से 30,000 रुपये तक की सब्सिडी देते हैं। इनमें अधिकांश राज्य इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनी ईवी पॉलिसी के हिस्से के रूप में रोड टैक्स का भुगतान करने की छूट देते हैं। राजस्थान, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तरप्रदेश ये सभी इलेक्ट्रिक वाहनों को रोड टैक्स से पूरी तरह छूट देते हैं, हालांकि वे कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रोत्साहन नहीं देते हैं।
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