दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का होगा इलेक्ट्रिफिकेशन, बिजली से दौड़ेगी गाड़ियां
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे अब जल्द इलेक्ट्रिक होने वाला है, क्योंकि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ते हुए बिजली से चलने वाला एक लंबा इलेक्ट्रिक हाइवे बनाया जाएगा। सरकार तेल और गैस की महंगाई को देखते हुए इस एक्सप्रेसवे पर बिजली से बसों और ट्रकों जैसे भारी वाहन को दौड़ाने की तैयारी में है। ये ट्रक और बस इलेक्ट्रिक वाहनों की तरह ही होंगे जिन्हें एक्सप्रेस वे की एक लेन में ओवरहेड लगे बिजली के तारों के जरिए ऊर्जा मिलेगी और ये लंबा सफर तय कर सकेगा।
हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि भारत में इलेक्ट्रिक हाइवे बनाए जाने के प्रस्ताव पर विचार शुरू हो चुका है। हम सौर ऊर्जा के जरिये इलेक्ट्रिक हाइवे के विकास पर तेजी से काम कर रहे हैं। यह कदम अधिक माल ढुलाई क्षमता वाले इलेक्ट्रिक ट्रकों और बसों की चार्जिंग को आसान बनाएगा और दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे के माध्यम से सरकार की योजना दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक हाईवे बनाने का है।
सौर और पवन ऊर्जा आधारित चार्जिंग व्यवस्था को मिल रहा प्रोत्साहन
इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईएसीसी) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने बताया कि सरकार देश के पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिफाई करना चाहती है। इलेक्ट्रिक परिवहन में भी सरकार नवीकरणीय इलेक्ट्रिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा दे रही है। केंद्रीय मंत्री में आगे कहा, सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मुख्य तौर पर नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर और पवन ऊर्जा आधारित चार्जिंग इन्फ्रा के विकास को बढ़ावा दे रही है।
माल ढुलाई में होगी आसानी
गुड्स ट्रांसपोर्ट में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक ऊर्जा का उपयोग रेलवे माल गाड़ी में देखने को मिलता है। अगर इस ऊर्जा का उपयोग सार्वजनिक परिवहन के तौर पर ट्रकों और बसों में बढ़ जाए तो कार्बन उत्सर्जन को बहुत हद तक कम किया जा सकेगा। यही वजह है कि रेलवे की ज्यादातर ट्रेनों को इलेक्ट्रिसिटी से चलाने के बाद सरकार अब बसों और ट्रकों को भी इलेक्ट्रिक पॉवर से लैस करने की तैयारी में है।
नितिन गडकरी ने बताया, हम इलेक्ट्रिक हाइवे के डेवलपमेंट पर तेजी से काम कर रहे हैं। यह हाईवे सौर ऊर्जा के माध्यम से संचालित होंगे। इससे भारी माल ढुलाई क्षमता वाले वाले ट्रकों और बसों को यात्रा के दौरान आसानी से चार्ज किया जा सकेगा।
इतनी होगी वाहनों की रफ्तार
बता दें कि इस एक्सप्रेसवे से जुड़े इलेक्ट्रिक हाईवे पर बिजली से चलने वाली बसों की रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है। साथ ही इलेक्ट्रिक हाईवे प्रोजेक्ट को बिल्ट,ऑपरेट एंड ट्रांसफर योजना के तहत बनाया जाएगा। टाटा और सिमन्स जैसी देश की अग्रणी कंपनियां इस प्रोजेक्ट में काफी दिलचस्पी दिखा रही है। बताया जा रहा है कि इस इलेक्ट्रिक हाईवे पर चलने वाली बस और ट्रक आम इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे नहीं होंगे। अन्य इलेक्ट्रिक वाहन जहां बैटरी से ऑपरेट होते हैं उनके बैटरी को चार्ज करने की जरूरत होती है। वहीं इस इलेक्ट्रिक हाईवे के लिए निर्माण की गई बसें बैटरी से नहीं चलेंगी बल्कि यह सीधी एनर्जी से संचालित होंगी।
बन जाएगा दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक हाईवे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़कर बनने वाला इलेक्ट्रिक हाईवे दुनिया का सबसे बड़ा हाईवे बन जाएगा। बता दें कि जर्मनी और स्वीडन में इलेक्ट्रिक बसों के लिए अलग रूट प्रदान किए गए हैं, जिन पर ट्रेनों की तरह बसों को भी इलेक्ट्रिसिटी से चलाया जा सकता है। इसी तर्ज पर भारत में भी इलेक्ट्रिक हाईवे का निर्माण किया जा रहा है, अभी इसका रूट तय हो चुका है। इसका निर्माण दिल्ली से मुंबई तक होगा, जो लगभग 1400+ किलोमीटर का बनेगा। इस हाईवे के ऊपर से बिजली के तार ले जाए जाएंगे। इस प्रकार दिल्ली से मुंबई के बीच चलने वाला यह हाईवे दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक हाईवे बन जाएगा।
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