ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन : लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर 10 चार्जिंग स्टेशन बनेंगे
डीजल और पेट्रोल की अधिक खपत और लगातार बढ़ती कीमतों के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन तेजी से बढ़ रहा है। वहीं वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने की दिशा में केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से अब इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन के लिए वाहन निर्माता कंपनियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यही कारण है कि दोपहिया वाहनों के बाद सभी प्रमुख कंपनियों ने वाणिज्यिक और कई यात्री वाहनों के इलेक्ट्रिक वेरिएंट बाजार में उतार दिए हैं।
ट्रक, पिकअप, थ्री व्हीलर, मिनी ट्रक, ऑटो रिक्शा, कार आदि सभी प्रकार के वाहन इलेक्ट्रिक वेरिएंट में आने लगे हैं। ये खासे लोकप्रिय भी हो रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों के लगातार बढ़ते इस्तेमाल से इनके सुचारू संचालन के लिए बैटरी का चार्ज होना बहुत जरूरी है। ऐसे में कई प्रदेशों की सरकारों की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन (e vehicle charging station) खोले जा रहें हैं। यहां बता दें कि उत्तरप्रदेश सरकार ने इस दिशा में खास पहल की है। जानते हैं, क्या है, यूपी सरकार की यह पहल और देश में कहां-कहां खुलने जा रहे हैं चार्जिंग स्टेशन।
यूपी सरकार दीपावली पर देगी चार्जिंग स्टेशनों के तोहफे
यहां बता दें कि उत्तरप्रदेश सरकार के परिवहन विभाग ने प्रदेश सरकार के निर्देश पर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के कार्य में तेजी लाना शुरू कर दिया है। सरकार ने दीपावली पर लखनऊ - आगरा एक्सप्रेस वे पर चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को नए चार्जिंग स्टेशन के तोहफे देने की तैयारी कर ली है। एक्सप्रैस वे पर दोनो तरफ इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पेट्रोल पंप की तर्ज पर दस चार्जिंग स्टेशन खोले जाएंगे। सरकार की योजना है कि लखनऊ से आगरा के बीच दो महीने में चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए यूपी के परिवहन विभाग ने एक कंपनी को चार्जिंग स्टेशन खोलने की अनुमति प्रदान की है।
स्टेशनों पर चार्जिंग में लगेगा कम समय
यहां बता दें कि किस तरह के इलेक्ट्रिक वाहन ( electric vehicle ) में बैटरी चार्ज करने में कितना समय लग सकता है वहीं इस चार्जिंग में कितना खर्च होगा? यूपी सरकार की ओर से बनाए जा रहे दस चार्जिंग स्टेशन चार पहिया वाहनों के लिए होंगे। इनमें तय कीमत पर बैटरी चार्ज की जा सकेगी। अनुमान है कि एक वाहन की बैटरी चार्ज करने में करीब 50 मिनट लगेंगे।
30 से 80 किमी पर होंगे चार्जिंग स्टेशन
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ- आगरा एक्सप्रेस-वे पर खोले जाने वाले चार्जिंग स्टेशनों की दूरी की बात की जाए तो 30 से 80 किलोमीटर के बीच एक स्टेशन होगा। इसके लिए जमीन और बिजली कनेक्शन की अनिवार्यता होगी। जमीन का मापदंड यह होगा कि कम से कम 1000 वर्ग फुट हो। बिजली कनेक्शन 10 से 15 केवी का होना चाहिए। स्टेशन पर एक साथ करीब पांच वाहनों के चार्जिंग की व्यवस्था होनी चाहिए। लखनउ के संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन ) ने बताया कि चार्जिंग स्टेशन खोलने की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं।
पेट्रोल से पांच गुना सस्ते होंगे इलेक्ट्रिक वाहन
आप यदि पेट्रोल से संचालित ट्रक, पिकअप, थ्री व्हीलर या अन्य कोई वाहन यूज कर रहे हैं तो अब आपको ईंधन की बचत का विकल्प इलेक्ट्रिक वाहन के रूप में अपनाना ज्यादा किफायती रहेगा। बता दें कि पेट्रोल वाले वाहन के मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहन करीब पांच गुना सस्ते पड़ेंगे। इस संबंध में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रति किलोमीटर का खर्च एक रुपया आता है जबकि पेट्रोल चलित वाहनों पर यह खर्चा साढ़े पांच से छह रुपये के बीच आएगा।
दिल्ली सरकार भी खोल रही है चार्जिंग स्टेशन
इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन को प्रोत्साहित करने के लिए यूपी सरकार ने जहां लखनऊ- आगरा एक्सप्रैस- वे पर आगामी दिनों में 10 चार्जिंग स्टेशन खोलने के लिए हरी झंडी दे दी है वहीं दिल्ली सरकार के आदेश पर यहां के परिवहन विभाग ने भी दिल्ली में 7 स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन शुरू करने की तैयारियां कर ली हैं। दिल्ली में अगले चार महीनों में इस कार्य को संबंधित कंपनी द्वारा पूरा कर लिया जाएगा। यहां बता दें कि दिल्ली में जिन 7 स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन और बैटरी स्वैपिंग की सुविधा प्रदान की जाएगी उनमें द्वारका सेक्टर-8, महरौली टर्मिनल सेक्टर 2, नेहरू पेलैस टर्मिनल, ओखला सीडब्ल्यू सेकंड, सुखदेव विहार डिपो और कालका जी डिपो पर सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन खोले जाएंगे। इन सभी 7 चार्जिंग स्टेशनों पर 6 चार्जिंग प्वाइंट होंगे। इनमें से तीन चार्जिंग प्वाइंट दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए होंगे जबकि तीन प्वाइंट ट्रक, कार, पिकअप आदि वाहनों की बैटरी चार्जिंग के लिए होंगे।
सब्सिडी : इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर मिलेगी 20 हजार की छूट
पर्यावरण को संरक्षित रखने और ईंधन की बचत के लिए केंद्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्रालय जहां एक ओर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने सहित कई तरह के निर्देश दे चुका है वहीं दिल्ली में केजरीवाल सरकार और यूपी में योगी सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों को लगातार बढ़ावा दे रही हैं। अब राजस्थान भी इसमें पीछे नहीं है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऐलान कर दिया है कि मार्च 2022 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सरकार की ओर से 20 हजार रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। सरकार की इस नीति को लेकर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों ने भी उत्पादन बढ़ाने और ग्राहकों की मांग के अनुरूप आपूर्ति पर्याप्त रखने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र की सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर पहले ही सब्सिडी देने का ऐलान कर चुकी हैं। अब राजस्थान भी इस मुहिम में शामिल हो गया है।
ये है राजस्थान की ईवी पॉलिसी
यहां बता दें कि राजस्थान सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी के तहत आगामी मार्च 2022 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर 20 हजार रुपये का अनुदान दिए जाने की घोषणा से प्रदेश के हजारों लोग इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का पूरा मानस बना चुके हैं। इस पॉलिसी के मुताबिक यदि कोई ग्राहक दो पहिया वाहन खरीदता है और उसकी बैटरी क्षमता दो किलोवाट से पांच किलोवाट तक होगी तो संबंधित ग्राहक को 5 से 10 हजार रुपये तक सब्सिडी मिलेगी लेकिन अन्य बड़े वाहन जैसे ट्रक, पिकअप, मिनी ट्रक, कार आदि इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर अधिकतम 20 हजार रुपये का अनुदान नियमानुसार देय होगा। हालांकि राजस्थान में दोपहिया और तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर दी जाने वाली सब्सिडी की राशि दिल्ली, गुजरात और यूपी से कम है।
ये इलेक्ट्रिक ट्रक और थ्री व्हीलर हैं लोकप्रिय दुनिया भर में ईंधन बचत पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया जा रहा है। सरकारों की ओर से सब्सिडी दी जा रही है। ऐसे में यह जरूरी है कि ऑटोमोबाइल कंपनियां इलेक्ट्रिक वेरिएंट वाले वाहनों का अधिक से अधिक उत्पादन शुरू करें। यहां आपको बता दें कि मौजूदा समय में देश की कौन-कौन सी वाहन निर्माता कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन में खासी रुचि लेने लगी हैं। ट्रक जंक्शन पर आप विजिट करेंगे तो यहां पियाजियो, आपे, महिंद्रा, टाटा, काइनेटिक कंपनियों के इलेक्ट्रिक ट्रक मॉडल उपलब्ध होंगे। इन मॉडलों में काइनेटिक सफर स्मार्ट, थ्री व्हीलर, टाटा अल्ट्रा टी-7, महिंद्रा ई सुप्रो, कार्गो वैन मिनी ट्रक, पियोजियो, आपे ई सिटी-3 व्हीलर आदि प्रमुख हैं।
अन्य देशों के मुकाबले ईवी बिक्री भारत में कम
यहां यह भी गौरतलब है कि अन्य देशों की तुलना में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की दर अभी कम है। मैकिन्से एंड कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार भारत में इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने की दर 5 प्रतिशत से कम है। ब्लूमबर्ग के अनुसार अक्टूबर 2019 तक के छह वर्षों में भारत ने मुश्किल से 8000 से अधिक कारों की बिक्री की है। इसकी तुलना चीन से की जाए तो यह बिक्री वहां 2 दिन से भी कम समय में हो जाती है।
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