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इलेक्टिक व्हीकल सब्सिडी : ई-ऑटो की खरीद पर मिलेगी 30 हजार रुपए की छूट

Posted On : 29 October, 2021

ईवी नीति : जानिए, ई व्हीकल पर किस राज्य में कितनी है सब्सिडी 

केंद्र और राज्य सरकारें वर्तमान में ईवी नीति के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन को प्रोत्साहित कर रही हैं। ईंधन के नए विकल्प के तौर पर इलेक्ट्रिक वाहन दिनोदिन लोकप्रिय होते जा रहे हैं। वहीं दिल्ली की बात करें तो यहां के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देशन में ईवी नीति के सडक़ों पर ज्यादा से ज्यादा ई ऑटो चलाने का निर्णय लिया गया है। दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने घोषणा की है कि दिल्ली में ई ऑटो खरीदने पर सरकार की ओर से 30,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। आपको बता दें कि परिवहन मंत्री गहलोत ने यह भी कहा है कि अगले दो महीनों में दिल्ली में सबसे ज्यादा ऑटो सडक़ों पर दौड़ते नजर आएंगे। आइए, जानते हैं भारत की राजधानी दिल्ली में ऑटो संचालन को बढ़ावा दिए जाने के लिए सरकार और क्या-क्या प्लानिंग है? 


ई ऑटो डीटीसी बेड़े में शामिल किए जाएंगे 

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ई ऑटो मेले के उद्घाटन अवसर पर घोषणा की है कि दिल्ली सरकार की मंशा इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को सर्वोच्च प्राथमिकता देना है इसी के चलते यहां 4261ई ऑटो के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन भी आमंत्रित किए जा चुके हैं। वहीं आवेदन की प्रक्रिया और अन्य औपचारिकताएं सरल कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि ई ऑटो को जल्द ही डीटीसी बेड़े में शामिल किया जाएगा। इनमें महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत ई ऑटो परमिट आरक्षित किए गए हैं। 25 अक्टूबर तक ई ऑटो पंजीकरण के लिए विभाग को 6352 आवेदन मिल चुके हैं। 


इलेक्ट्रिक व्हीकल पर किस राज्य में कितनी सब्सिडी मिल रही है 

इलेक्ट्रिक व्हीकल अब भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर का भविष्य तय करने वाला सेगमेंट बन चुका है। इलेक्ट्रिक वाहनों में ना डीजल या पेट्रोल भरवाने की झंझट ना सीएनजी की चिंता। एक बार बैटरी चार्ज करवाओ और सैकड़ो मील चलते जाओ। बस एक समस्या है तो यह कि इलेक्ट्रिक वाहनों की निर्माण लागत ज्यादा आने के कारण ये वाहन अपेक्षाकृत महंगे पड़ते हैं। इस बात को सरकार ने अब अच्छी तरह से समझ लिया है कि यदि इलेक्ट्रिक वाहन नीति में इन वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी या अन्य तरह की छूट नहीं दी गई तो सरकार की ईवी पॉलिसी सफल नहीं हो सकती। यही कारण है कि केंद्र सरकार के अलावा अलग-अलग राज्य इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी तय कर चुके हैं। यहां जानते हैं किस राज्य में कितनी सब्सिडी ई वाहन खरीदने के लिए दी जा रही है। वही केंद्र सरकार की ईवी नीति क्या है? 


यह है केंद्र सरकार की ईवी नीति 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन को प्रोत्साहित करने के लिए ईवी पॉलिसी बना चुकी है। 

सबसे पहले सरकार FAME-5 योजना लेकर आई थी। इसकी समय सीमा 31 मार्च 2019 तक ही थी। वर्तमान में देश में नेशनल, राज्य सरकारों की बात करने से पहले हमें केंद्र सरकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पॉलिसी जान लेनी चाहिए। सरकार सबसे पहले इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए FAME-5 योजना लेकर आई थी, जिसकी समय सीमा 31 मार्च 2019 तक थी। फिलहाल देश में नेशनल FAME-II योजना चल रही है। जिसके तहत इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीदने पर मिलने वाले इंसेंटिव को अब बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति kWh कर दिया गया है। यहां बता दें कि  पहली योजना में ये इंसेंटिव 10,000 रुपये  प्रति kWh था। यानी नई सब्सिडी दर पहले की सब्सिडी दर से 5,000 रुपये प्रति kWhज्यादा है।


इस तरह से करती हैं राज्य सरकारें ईवी योजना तैयार

राज्यों की बात की जाए तो इनमें इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी तय करन के लिए निर्धारित पैमाना होता है। इसका मतलब  यह है कि सरकार किस सीमा तक सब्सिडी दे सकती है। अधिकांश राज्य सरकारें लिथियम -आयन बैटरी पैक के साइज के आधार पर इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स के लिए सब्सिडी देते हैं और इंसेटिव एमाउंट प्रति KWh बैटरी क्षमता प्रतिशत के आधार पर तय किया जाता है। हर राज्य में सब्सिडी दर अलग-अलग है। दिल्ली में सबसे ज्यादा सब्सिडी दी जा रही है। वहां 30,000 रुपये की सब्सिडी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर दी जाती है। इसके अलावा रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क से भी मुक्ति दे दी गई है। 


राज्यों के अनुसार ईवी खरीदने पर सब्सिडी 

यहां बता दें कि ईवी पर सब्सिडी के मामले में दिल्ली के बाद महाराष्ट्र सरकार का नाम है जहां अधिकतम 25000 रुपये सब्सिडी मिलती है। वहीं मेघालय, असम, गुजरात और पश्चिमी बंगाल में अधिकतम सब्सिडी 20,000 रुपये दी जा रही है। 


इन राज्यों में नहीं दी जा रही ईवी सब्सिडी 

आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तरप्रदेश जैसे राज्य इलेक्ट्रिक टू- व्हीलर पर फिलहाल कोई सब्सिडी नहीं देते हैं। इसके अलावा आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर पर फिलहाल कोई सीधी सब्सिडी नहीं देते हैं। यहां टू व्हीलर की तरह इलेक्ट्रिक कार और एसयूवी पर भी केंद्र सरकार की ही सब्सिडी लागू है। 


कई राज्यों में पहले आओ, पहले पाओ की नीति 

इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री और इनके इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए कई राज्य पहले आओ, पहले पाओ की नीति लागू कर रहे हैं यानि सब्सिडी देने के लिए 10,000 यूनिट की सीमा तय की गई है। सरकार पहले इतने ही ग्राहकों को सब्सिडी दे सकती है। ऐेसे राज्यों में टाटा टिगोर ईवी , जपिट्रॉन और टाटा नेक्सॉन ईवी को भारत के  सभी राज्यों में इंसेंटिव मिल सकता है। इसके अलावा महंगे वाहनों पर सब्सिडी नहीं दी जा रही। 


यहां कमर्शियल वाहनों पर नहीं मिल रहा सब्सिडी का लाभ 

आपको बता दें कि राजस्थान, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश सरकारें  फिलहाल इलेक्ट्रिक कारों और एसयूवी के लिए सब्सिडी नहीं दे रही हैं।  इसके अलावा देश भर में सभी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर रजिस्ट्रेशन फीस भी माफ है। यदि इन राज्यों में भी वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक  वाहनों पर सरकार सब्सिडी की घोषणा कर दें तो लोगों का रूझान इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए बढ़ेगा।

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