जानें, क्या है एक इलेक्ट्रिक बस की कीमत और एडवांस फीचर्स
पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों और पर्यावरण प्रदूषण ने इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज बढ़ा दिया है। उत्तरप्रदेश की योगी सरकार नगरीय परिवहन सेवाओं को आधुनिक बनाने के साथ ही यात्रियों को सुविधाजनक सफर मुहैया कराने की दिशा में काम कर रही है। जल्द ही उत्तरप्रदेश के 14 प्रमुख शहरों में 700 इलेक्ट्रिक बसें शुरू करने वाली है। इनमें से केंद्र सरकार की ‘फेम इंडिया स्कीम-टू’ योजना के तहत 11 शहरों में 600 बसें और राज्य सरकार अपने खर्च से तीन शहरों में 100 बसें चलाएगी। इसके लिये नगरीय परिवहन निदेशालय के अधिकारियों की ओर से काम को तेज गति से किया जा रहा है। एक इलेक्ट्रिक बस की कीमत सवा करोड़ रुपए होगी। आपको बता दें कि सरकार की ओर से लखनऊ समेत सात शहरों में कुछ इलेक्ट्रिक बसें संचालित कर इस योजना की शुरुआत पहले ही कर दी गई थी। अब सरकार की मंशा है कि सात अन्य शहरों को इस योजना का लाभ दिया जाए। साथ ही जिन शहरों में बसों का संचालन शुरू हो गया है वहां इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाई जाए।
जानें किन शहरों में चलेगी इलेक्ट्रिक बसें और सरकार से कितनी मिलेगी सब्सिडी
यूपी कैबिनिट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के मीडिया में प्रकाशित बयानों के अनुसार योजना के तहत लखनऊ, मेरठ, प्रयागराज, आगरा, गाजियाबाद, कानपुर, वाराणसी, मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी, बरेली, गोरखपुर, शाहजहांपुर और मथुरा-वृंदावन में एसी इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि यह कदम पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाया गया है। एक इलेक्ट्रिक बस की कीमत 1.25 करोड़ रुपए होगी। हालांकि केंद्र सरकार की फेम-2 योजना के तहत प्रत्येक इलेक्ट्रिक बस पर 45 लाख रुपए की सब्सिडी मिलेगी। सिंह के अनुसार इलेक्ट्रिक बसों के संचालन पर 965 करोड़ रुपए का खर्च होगा। इसमें से टिकट के जरिए सालाना 120 करोड़ रुपए की कमाई होने की उम्मीद है। इस परियोजना के लिए पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड कंसोर्टियम को टेंडर प्रक्रिया के लिए चुना गया है।
नवंबर से मिलेगा इलेक्ट्रिक बसों का फायदा
इस संबंध में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि आधुनिक तकनीक से लैस इन इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से 14 शहरों में ट्रैफिक सिस्टम बेहतर होगा। इसके साथ ही राज्य सरकार ने 30 अप्रैल तक सभी चुनिंदा लोकेशन पर चार्जिंग स्टेशन लगाने को कहा है। स्मार्ट सिटी स्कीम के तहत, अर्बन ट्रांसपोर्ट विभाग को प्रदूषण रहित इलेक्ट्रिक वाहन चलाने की जिम्मेदारी दी गयी है। इस पर विभाग के संयुक्त सचिव ने कहा कि यह अक्टूबर के अंत तक खत्म हो जाएगा। यात्री नवंबर के महीने से इस सुविधा का लाभ उठा पाएंगे। उन्होंने बताया कि अक्टूबर तक सभी बसें तैयार होकर आ जाएंगी। इनके आने का सिलसिला जून माह से शुरू हो जाएगा। बसों का ट्रायल करने के बाद उनका संचालन चयनित शहरों में शुरू कर दिया जाएगा।
एडवांस फीचर्स से लैस इलेक्ट्रिक बसों की हो सकेगी लाइव ट्रैकिंग
यूपी की योगी सरकार का मानना है कि एडवांस टेक्नॉलाजी पर आधारित इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से शहरों की यातायात व्यवस्था में काफी सुधार होगा। साथ ही प्रदूषण भी घटेगा। सरकार की योजना बसों को तेज गति से चलाने के लिए मार्गों को भी उन्नत बनाना है। इलेक्ट्रिक बसों से प्रदूषण शून्य होगा। ध्वनि प्रदूषण से राहत मिलेगी। बसें अत्याधुनिक तकनीक से चलेंगी जो यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा। बस में एलईडी स्क्रीन लगा होगा, गूगल मैप से लाइव ट्रैकिंग की जा सकेगी। सीसीटीवी कैमरा से बस व यात्रियों की निगरानी हो सकेगी।
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए फेम-2 योजना
केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देेने के उद्देश्य से फेम-2 योजना शुरू कर रखी है। इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए इन पर सब्सिडी दी जाती है। साथ ही चार्जर खरीदी पर छूट, रजिस्ट्रेशन चार्ज पर छूट प्रदान की जा रही है। फेम-1 योजना के तहत 800 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। फेम-2 के लिए 10 हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं। इस योजना के तहत 2019-20 में 15 सौ करोड़, 2020-21 में 35 सौ करोड़ और 2021-22 में 35 सौ करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
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