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इथेनॉल फ्यूल पंप : 6 महीने में तैयार होगा इथेनॉल फ्यूल पंप नेटवर्क

News Date 02 Sep 2021

इथेनॉल फ्यूल पंप : 6 महीने में तैयार होगा इथेनॉल फ्यूल पंप नेटवर्क

इथेनॉल फ्यूल पंप : पेट्रोल से कम कीमत में अधिक गुणवत्ता का मिलेगा फ्यूल, घटेगी आयात पर निर्भरता

देश में बड़े पैमाने पर पेट्रोल का आयात होता है। लाखों करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा, भारत को पेट्रोल डीजल के आयात पर व्यय करने पड़ते हैं। हाल ही में सरकार द्वारा ऐसा कदम उठाया गया है, जिससे इथेनॉल मिश्रित फ्यूल को बढ़ावा दिया जायेगा। सरकार ने कंपनियों से भी यह अपील किया है कि वे फ्लेक्स फ्यूल इंजन वाले वाहन का निर्माण करें। भारत सरकार लंबे समय से वैकल्पिक ईंधन खोज रही है। और उसके उपयोग पर भी विचार कर रही है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी हमेशा वाहनों में इथेनॉल मिश्रित फ्यूल के इस्तेमाल की बात कहते हैं। गडकरी ने वाहन बनाने वाली कंपनियों से यह अनुरोध किया है, कि वे फ्लेक्स इंजन वाली वाहनों के निर्माण की ओर बढ़ें। क्योंकि सरकार देश में इथेनॉल फ्यूल पंप नेटवर्क को विकसित करने में लगी है। सरकार के मुताबिक मात्र 6 महीने में ही देश में इस पंप का नेटवर्क व्यापक स्तर पर तैयार कर लिया जायेगा। अगर वर्तमान में इथेनॉल फ्यूल पंप की बात करें, तो यह अभी देश में मात्र 3 की संख्या में ही उपलब्ध है, लेकिन इसके पीछे बड़ा कारण फ्लेक्स इंजन वाली वाहनों का ना होना है, जिससे इथेनॉल मिश्रित फ्यूल की मांग न के बराबर है। सरकार ने वाहन कंपनियों को यह भरोसा दिलाया है कि वे मात्र 6 महीने में ही इथेनॉल मिश्रित फ्यूल पंप का एक बड़ा नेटवर्क तैयार कर लेंगे।

सरकार की योजना के पीछे क्या है उद्देश्य?

भारत में प्रदूषण की समस्या तो जगजाहिर है। और वायु प्रदूषण की समस्या तो भारत के कई शहरों में विकराल  रूप ले चुका है। भारत सरकार इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की खपत बढ़ा कर प्रदूषण की समस्या को कुछ हद तक कम करना चाहती है। यही वजह है कि सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने फ्लेक्स फ्यूल वाहन को अपनाने की अपील लोगों से की है। और कंपनियों से भी कहा गया कि इस प्रकार के वाहनों को बड़े पैमाने पर निर्माण करें ताकि प्रदूषण से राहत मिले साथ ही जनता को सस्ता पेट्रोल मिल सके। सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण को मंजूरी दी है। वर्ष 2008 में E10 पेट्रोल को मंजूरी मिली थी, जिसमे 10% इथेनॉल का मिश्रण होता था। लेकिन उपलब्धता की कमी की वजह से 6% से भी कम इथेनॉल पेट्रोल में मिलाया जाता था। मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2018 में मात्र 4.22% इथेनॉल ही पेट्रोल में मिश्रित रहा। लेकिन हाल ही में 8 मार्च को सड़क परिवार एवं राजमार्ग मंत्रालय जिसका कार्य भार नितिन गडकरी संभालते हैं, उन्होंने E20 पेट्रोल को मंजूरी दे दी है। जिसमे 20% इथेनॉल की मात्रा होगी, तो 80% पेट्रोल की। गडकरी ने बताया कि इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल का इस्तेमाल 2025 तक पूरी तरह से किए जाने की उम्मीद है।

इथेनॉल मिश्रित फ्लेक्स फ्यूल के फायदे

इथेनॉल मिश्रित फ्यूल से इथेनॉल का कारोबार काफी ज्यादा बढ़ेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक यदि 20% इथेनॉल को पेट्रोल में मिलाया जाए तो इससे 1 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा का कारोबार हो सकता है। और इससे लाखों लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हो सकेगा। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय हित में भी पेट्रोल के आयात में कमी आयेगी। जिससे विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त रहेगा और डॉलर के मुकाबले रूपया स्टेबल रहेगा। इस प्रकार करोड़ों रुपए के राजस्व की बचत हो सकेगी। इसके अलावा इथेनॉल मिश्रित फ्लेक्स फ्यूल के उपयोग से प्रदूषण से भी राहत मिलेगी। चूंकि देश में वायु प्रदूषण की समस्या विकट है तो जरूरी है कि बड़े स्तर पर इसके उपयोग को बढ़ावा मिले।

पेट्रोल से सस्ती होगी इथेनॉल मिश्रित फ्यूल

कनाडा और ब्राजील में फ्लेक्स फ्यूल वाहन का उत्पादन व्यापक पैमाने पर होता है। यहां मक्का का उत्पादन भी काफी होता है जिससे इसका उपयोग इथेनॉल बनाने में काफी अधिक होता है। और इस प्रकार ये इथेनॉल काफी सस्ती भी होती है। नितिन गडकरी ने बताया इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल, 100% पेट्रोल की अपेक्षा 30 से 35 रूपए सस्ते दर पर प्राप्त होंगी। बायो फ्यूल से पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा और यदि इसके उपलब्धता में में कमी आती है, तो देश में पर्याप्त मात्रा में मक्के, गेहूं या गन्ने की खेती को बढ़ावा दिया जायेगा। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि यदि कंपनियां फ्लेक्स इंजन वाहन का उत्पादन करती है तो हमें सस्ता और स्वच्छ ईंधन प्राप्त हो सकता है।

 

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