Posted On : 12 April, 2022
दिल्ली एनसीआर में इलेक्ट्रिक वाहनधारियों के लिए अब चार्जिंग के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं होगी। आपको बता दें कि चार्जिंग स्टेशन कंपनी EVRE और रियल-एस्टेट डेवलपर Signature Global दिल्ली एनसीआर में सिग्नेचर ग्लोबल के स्वामित्व वाली रेजिडेंसियल एवं कमर्शियल सम्पत्तियों पर इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग प्वाइंट स्थापित करने के लिए साझेदारी की है। ईवीआरई आवश्यकता और स्थान के चयन के आधार पर रियल डेवलपर को एसी एवं डीसी इन दोनों ही प्रकार से चार्जर सुविधा प्रदान करेगा। इन कंपनियों की ओर से स्थापित किए जाने वाले चार्जिंग प्वाइंट्स रीयल टाइम मॉनिटरिंग एवं डायनेमिक लोड मैनेजमेंट जैसी तकनीकों से लैस होंगे। यहां ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट में आपको इन चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण और इनसे मिलने वाली सुविधाओं के बारे में पूरी जानकारी दी जा रही है।
यहां बता दें कि ईवीआरई और रियल एस्टेट डेवलपर सिग्नेचर ग्लोबल की पार्टनरशिप से एनसीआर दिल्ली में बनाए जाने वाले चार्जिंग स्टेशनों पर अपने वाहन चार्ज करने वाले इलेक्ट्रिक वाहन मालिक अत्याधुनिक तकनीक के तहत ईवीआरई ऐप के जरिए चार्जिंग का भुगतान कर सकेंगे। वहीं वाहनमालिकों की हर गतिविधियों पर भी ऑटोमैटिक नजर रहेगी। करार के तहत दोनो कंपनियों के बीच ईवीआरई अगले दस वर्षों तक रियल एस्टेट डेवलपर के लिए विशेष ईवी चार्जिंग सेवा की आपूर्ति करेगा।
यहां बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन नीति घोषित कर रखी है। इसके तहत सरकार हर 3 किलोमीटर पर एक चार्जिंग स्टेशन बनाएगी। दिल्ली सरकार किसी भी प्राइवेट प्रोपर्टी , मॉल, अस्पताल या अपार्टमेंट में चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए सब्सिडी दे रही है। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहन ग्राहकों के लिए एक सिंगल विंडो ऑनलाइन सेवा की शुरूआत की गई है। इस सिंगल विंडों पर डिस्कॉम पोर्टल पर आवेदन देकर अथवा हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर निजी चार्जिंग स्टेशन लगवा सकेंगे।
दिल्ली सरकार की ईवी पॉलिसी के अंतर्गत दी जाने वाली सब्सिडी इतनी है कि निजी स्तर पर कोई भी व्यक्ति अपने मकान या दुकान की खाली जगह पर ईवी चार्जिंग प्वाइंट लगवा सकता है। बता दें कि दिल्ली सरकार चार्जिंग स्टेशनों के लिए 30,000 आवेदकों को 6,000 रुपये की सब्सिडी प्रदान कर रही है, इसके बाद प्रत्येक चार्जर के लिए ग्राहक को केवल 2500 रुपये ही अदा करने होंगे। दिल्ली सरकार ने इस प्रोत्साहन राशि से चार्जिंग प्वाइंट की लागत लगभग 70 प्रतिशत कम करने की घोषणा की है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार जल्द ही अपने कर्मचारियों को आसान किश्तों पर इलेक्ट्रिक स्कूटर उपलब्ध कराएगी। इसके लिए दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार की उपक्रम एनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड की सहायक कंपनी कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विस लिमिटेड के साथ साझेदारी पर विचार कर रही है। गौरतलब है कि दिल्ली में सरकार के पास दो लाख से अधिक कर्मचारी हैं, यदि इन सभी के पास इलेक्ट्रिक वाहन होंगे तो सरकार का दिल्ली को ईवी कैपिटल बनाने का सपना साकार हो सकता है।
यहां बता दें कि भारत विश्व का सबसे बड़ा पांचवा ऑटोमोबाइल मार्केट है। वर्तमान में देश भर में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिए जाने की विभिन्न सरकारी योजनाएं चल रही हैं वहीं दूसरी ओर ईवी इंफ्रास्ट्रैक्चर के तहत चार्जिंग स्टेशनों की भी आवश्यकता पड़ रही है। ऐसे में शीर्ष कंपनियां इस क्षेत्र में आगे आ रही हैं। दिल्ली में भी कई नामी चार्जिंग स्टेशन निर्माता कंपनियों ने स्टेशन स्थापित करने शुरू कर दिए हैं। यदि भारत की में इन टॉप 10 कंपनियों की बात करें तो इनमें टाटा पावर, चार्जर, डेल्टा इलेक्ट्रिोनिक्स इंडिया, फोर्टम इंडिया, मास टेक, एज्किॉम, ओकाया, एबीबी इंडिया, वर्डेमोबिलिटी और अल्फा
ईवी प्रमुख हैं। ये कंपनियां दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई आदि महानगरों में चार्जिंग स्टेशन खोल रही हैं।
आपको बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए Delhi Electric Vehicle Policy की घोषणा की है। यह 2020 में घोषित की गई थी लेकिन इसके अपडेशन के अनुसार सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर उपभोक्ताओं को 30,000 से लेकर 1,50000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। अगर कोई चौपहिया वाहन खरीदता है तो उसे डेढ़ लाख रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इससे दिल्लीवासी इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए उत्साह दिखा रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2024 तक दिल्ली में 25 प्रतिशत इलेक्ट्रिक व्हीकल्स संचालित हो सकें। सीएम केजरीवाल ने उम्मीद जताई है कि पांच साल में करीब पांच लाख नये इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्टे्रेशन दिल्ली में हो जाएगा।
दिल्ली सरकार की ईवी नीति के अनुसार इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर कोई रोड टैक्स देने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा रजिस्ट्रेशन में भी पूरी तरह से छूट रहेगी। वहीं इलेक्ट्रिक वाहनधारियों की सुविधा के लिए सरकार हर तीन किलोमीटर पर ईवी चार्जिंग स्टेशन खोलेगी। इसके तहत कई निजी कंपनियों को भी सरकार ने टेंडर जारी कर दिए हैं। यही नहीं दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के अंतर्गत युवाओं को इलेक्ट्रिक व्हीकल से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा दिल्ली सरकार पुराने वाहनों के स्क्रैप कराने पर नया वाहन खरीदने पर स्क्रेपिंग इंसेंटिव भी देगी।
इलेक्ट्रिक पॉलिसी घोषित करने के पीछे सरकार का सबसे पहला उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को बढा़वा देना है। वहीं इससे पर्यावरण में सुधार होने के साथ ही ईंधन की बचत होती है। दिल्ली सरकार का मुख्य उद्देश्य यहां की आबोहवा में सुधार लाना है क्योंकि दिल्ली में सर्वाधिक प्रदूषण की समस्या से लोग त्रस्त रहते हैं।
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