Posted On : 12 December, 2024
दिल्ली-एनसीआर में आवाजाही करने वाले वाहन चालकों के लिए एक गुड न्यूज है। दिल्ली एनसीआर में शामिल 6 शहरों को फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद (FNG) एक्सप्रेसवे से जोड़ने की कवायद एक बार फिर शुरू हो गई है। इस एक्सप्रेसवे से गाजियाबाद से फरीदाबाद और नोएडा से गुरुग्राम तक यात्रा अधिक सुविधाजनक होगी और समय भी कम लगेगा। नोएडा प्राधिकरण और हरियाणा सरकार के संयुक्त प्रयासों से यह प्रोजेक्ट एनसीआर के लाखों लोगों की लाइफलाइन बनने जा रहा है। एफएनजी बनने से मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद, बल्लभगढ़ और पलवल का सफर आसान होगा।
FNG एक्सप्रेसवे का काम नोएडा में जारी है और इसके 17 किमी हिस्से का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इसे गाजियाबाद से जोड़ने के लिए एनएच-9 पर एक रोटरी बनाई जाएगी और इसे छिजारसी पर बनने वाले एलिवेटड से जोड़ा जाएगा।
एफएनजी एक्सप्रेसवे को फरीदाबाद से जोड़ने के लिए सेक्टर-168 यमुना पर ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। इसके निर्माण पर 200 से 250 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है। यह पुल फरीदाबाद के लालपुर गांव के पास से जुड़ेगा। यह पुल जमीन से करीब 14 मीटर की ऊंचाई पर होगा। इसको जोड़ने वाली सड़क की ऊंचाई भी काफी होगी। ब्रिज निर्माण का खर्चा नोएडा प्राधिकरण और हरियाणा सरकार दोनों उठाएगी और 50-50 प्रतिशत राशि वहन करेगी। अभी फरीदाबाद की ओर से एफएनजी एक्सप्रेसवे को लेकर कोई काम शुरू नहीं हुआ है। पुल के बाद एप्रोच रोड के लिए किसानों से जमीन ली जानी है। किसान अब आसानी से अपनी जमीन देने के लिए तैयार नहीं है। यह एक सबसे बड़ी बाधा है।
FNG एक्सप्रेसवे पूरा बनने के बाद गाजियाबाद से फरीदाबाद जाने के लिए दिल्ली नहीं जाना होगा। दोनों शहरों के बीच की दूरी को 15 से 20 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। गाजियाबाद और नोएडा से फरीदाबाद जाना भी आसान होगा। साथ ही गुरुग्राम जाने का नया ऑप्शन मिलेगा। एफएनजी एक्सप्रेस-वे से नोएडा, ग्रेनो वेस्ट, ग्रेटर फरीदाबाद के लोगों को नई लाइफलाइन मिलेगी। इससे कालिंदी कुंज, नोएडा के मास्टर प्लान सड़क पर ट्रैफिक भार कम होगा।
एफएनजी एक्सप्रेसवे के संदर्भ में नोएडा प्राधिकरण और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के बीच बैठक हो चुकी है। हरियाणा सरकार चाहती है कि इस एक्सप्रेस-वे को एनएचएआई से बनवाया जाए। इसके लिए प्रयास शुरू हो चुके हैं। इससे पहले नोएडा प्राधिकरण के माध्यम से यूपी सरकार भी 2015 से लगातार एक्सप्रेसवे को एनएचएआई को देने के लिए पत्राचार कर चुकी है, लेकिन एनएचएआई की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। अब हरियाणा सरकार की ओर से पहल की गई है। कुल मिलाकर इस एक्सप्रेसवे का 20 प्रतिशत काम ही पूरा हो चुका है। अब भी इस पूरे प्रॉजेक्ट को पूरा करने में करीब 1500 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा।
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