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ईवी बैटरी उत्पादन करने के लिए महिंद्रा को चाहिए साझेदार

News Date 15 Feb 2022

ईवी बैटरी उत्पादन करने के लिए महिंद्रा को चाहिए साझेदार

महिंद्रा को सरकार की पीएलआई योजना के जरिए होगा भारी फायदा 

वर्तमान में पूरे भारत सहित विश्व के कई देशों में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की होड़ मची है। डीजल एवं पेट्रोल की कीमतों की तुलना में इलेक्ट्रिक बैटरी वाले वाहनों का संचालन सस्ता होने के के साथ ये वाहन प्रदूषण को शून्य तक पहुंचाने में मदद कर रहे हैं ऐसे में भारतीय वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनियां भी इलेक्ट्रिक सेगमेंट को अपनाने हुए इन वाहनों के उत्पादन एवं बिक्री सहित  ईवी इंफ्रास्ट्रेक्चर को भी बड़े फायदे के बिजनेस के तौर पर देख रही हैं। अनेक कंपनियां ईवी बैटरी का उत्पादन कर रही हैं वहीं इन बैटरियों के भंडारण के लिए केंद्र सरकार की पीएलआई योजना  के जरिए भारतीय कंपनियां इस कारोबार में निवेश कर रही हैं। यहां बता दें कि महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी भी पीएलआई योजना के दोहन और बैटरी भंडारण के लिए संभावित साझेदार की तलाश में हैं। आइए, जानते हैं एमएंडएम की यह योजना क्या है और बैटरी भंडारण के क्या फायदे हैं? 

यह है महिंद्रा एंड महिंद्रा की स्कीम 

इलेक्ट्रिक वाहन खंड मेंं प्रवेश कर चुकी महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी अब सरकार द्वारा घोषित उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना के दोहन के लिए एक साझेदारी व्यवस्था का पता लगा रही है। कंपनी के शीर्ष अधिकारी का कहना है कि उन्नत रसायन सेल और बैटरी भंडारण पर कंपनी एक साझेदारी व्यवस्था का पता लगाएगी और जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहन खंड के इस दीर्घकालिक खेल में भाग लेगी। इससे कंपनी का इलेक्ट्रिक पोर्टफोलियो का विस्तार होगा साथ ही बैटरी भंडारण क्षमता में वृद्धि से ईवी संचालकों को सुविधा मिलेगी। 

पीएलआई योजना के लिए लगाई थी बोली 

यहां बता दें कि महिंद्रा एंड महिंद्रा उन दस भारतीय कंपनियों में से एक थी जिन्होंने 18.100 करोड़ की एसीसी पीएलआई योजना के लिए बोली लगाई थी।  इसका प्रमुख उद्देश्य 50 गीगावाट घंटा की निर्माण क्षमता हासिल करना है। चूंकि इलेक्ट्रिक वाहन खंड एक दीर्घकालिक खेल होने जा रहा है इसलिए महिंद्रा कंपनी इस परियोजना के समर्थन के लिए संभावित भागीदारों को देखेगी। 

बैटरी तकनीक को आगे बढ़ाने की योजना 

एमएंडएम कंपनी इलेक्ट्रिक बैटरी तकनीक को आगे बढ़ाने के लिए संभावित भागीदारी के जरिए काम करना चाहती है। कंपनी के प्रबंध निदेशक और सीईओ अनीश शाह ने कहा है कि इस बात की बहुत कम संभावना है कि हम इस क्षेत्र में अकेले नहीं जाएंगे।  ईवी स्पेस को अभी लंबा सफर तय करना है।  उनका यह भी कहना है कि जो बैटरी की तकनीक विकसित हो रही है उसमें कौन भागीदार हो सकते हैं?  यह तय होने के बाद कंपनी इसे पूरी तरह से आगे बढ़ाएगी। 

कंपनी का नेतृत्व का इरादा नहीं 

महिंद्रा एंड महिंद्रा ईवी बैटरी भंडारण में भागीदारी की भूमिका ही अदा करना चाहता है उसे इसमें नेतृत्व करने की लालसा नहीं है। इस संबंध में कंपनी के कृषि और मोटर वाहन क्षेत्रों के कार्यकारी निदेशक राजेश जुजुरिकर ने कहा है कि किसी भी परिदृश्य में इसका बहुमत नियंत्रण नहीं होगा। यह एक संभावित खेल है जिस पर हम विचार कर रहे हैं लेकिन हम इसका नेतृत्व करने का इरादा नहीं रखते हैं।  इसके अलावा महिंद्रा एंड महिंद्रा कार्गो और पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट के लिए कई बड़ी योजनाएं हैं, इनके अगले साल लांच होने की उम्मीद है। 

सात वर्षों में 16 इलेक्ट्रिक वाहन होंगे लांच 

बता दें कि एमएंडएम ने ईवी क्षेत्र मेंं तीन साल के चक्र में 3,000 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। इसमें इलेक्ट्रिक एसयूवी, इलेक्ट्रिक क्वाड्रिसाइकिल और इलेक्ट्रिक छोटे और हल्के वाणिज्यिक वाहनों का विकास शामिल है। इस तरह से कुल मिलाकर कंपनी सात वर्षों में 16 ईवी लांच करने पर विचार कर रही है। इनमें पहला ईवी होगा XUV 300 जो वित्त वर्ष 2023 की तीसरी या चौथी तिमाही में उपलब्ध हो सकता है। वहीं KUV-100 का इलेक्ट्रिक वर्जन भी कार्ड पर है। 

ईवी सेगमेंट में अन्य कई कंपनियां भी हैं बोलीदाता 

यहां बता दें कि महिंद्रा एंड महिंंद्रा के अलावा करीब 20 कंंपनियों की सूची भी जारी की गई जो पीएलआई योजना की मंजूरी के लिए बोलीदाताओं में शामिल हंै।  वहीं 26,000 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय वाली पीएलआई योजना में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अहम भूमिका निभाई है। एसीसी पीएलआई योजना में रिलायंस, न्यू एनर्जी सोलर, हुंडई ग्लोबल मोटर्स, ओला इलेक्ट्रिक, लुकास, टीवीएस, अमारा राजा, एक्ससाइड इंडस्ट्रीजी, राजेश एक्सपोर्ट्स, लार्सन एंड ट्रुबो, इंडिया पावर कॉपरपोरेशन की भागीदारी रही। 

महिंद्रा का नया थ्री व्हीलर खूब हुआ पॉलुलर 

यहां बता दें कि महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी की ओर से पिछले दिनों जो नया थ्री व्हीलर लांच किया गया वह कमाई करने में बहुत ही फायदेमंद है। इसका नाम ई-अल्फा कार्गो रखा गया है। यह थ्री व्हीलर कमाई के साथ आपकी भारी बचत भी करेगा। कंपनी का दावा है कि 1 किलोमीटर चलने पर इसमें मात्र 59 पैसे खर्च आता है। इस तरह से हर साल इसके मालिक को 60,000 रुपये की बचत होती है। यह डीजल कार्गो थ्री व्हीलर की तुलना में है।  ई- अल्फा कार्गो एक इलेक्ट्रिक मोटर से पावर्ड है जिसका पीक पावर आउटपुट है। इसमें इंटीग्रेडेट डिफरेंशियल के साथ डुअल स्पीड मैन्युअल ट्रांसमिशन मिलता है। यह पावरट्रेन एक बार चार्ज करने पर 80 किमी की रेंज ऑफर करता है। इस थ्री व्हीलर की स्पीड 25 किलोमीटर प्रति घंटा है। 
 

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