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Saurjesh Kumar
1 मई 2024

ड्राइवरों को लाभ और प्रशिक्षण के लिए मारुति सुजुकी ने एम्स और आईआरएफ से हाथ मिलाया

By Saurjesh Kumar News Date 01 May 2024

ड्राइवरों को लाभ और प्रशिक्षण के लिए मारुति सुजुकी ने एम्स और आईआरएफ से हाथ मिलाया

ड्राइवरों को मारुति सुजुकी और एम्स देगी प्रशिक्षण और कई अन्य लाभ

मारुति सुजुकी इंडिया ने अपने इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च (आईडीटीआर) में कमर्शियल वाहनों के ड्राइवरों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। जिसके तहत ड्राइवरों को फर्स्ट एड और ट्रॉमा की देखभाल और प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। मारूति ने इस काम के लिए भारत के प्रमुख चिकित्सा संस्थान एम्स और इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) के साथ साझेदारी की है। इससे पहले भी कंपनी ने एक पायलट प्रोजेक्ट के माध्यम से, 8,500 लोगों को हरियाणा, दिल्ली और बिहार में आईडीटीआर में प्रशिक्षित किया था जिनमें मुख्य रूप से कमर्शियल वाहनों के ड्राइवर शामिल थे। प्रतिभागियों ने जय प्रकाश नारायण-एम्स ट्रॉमा सेंटर (दिल्ली) के सहयोग से इमरजेंसी केयर की ट्रेनिंग प्राप्त की थी। 

ट्रक जंक्शन के इस पोस्ट में हम मारूति सुजुकी के द्वारा दी जाने वाली कमर्शियल वाहनों के ड्राइवरों को प्रशिक्षण की जानकारी प्रदान कर रहे हैं। 

क्या है इस प्रशिक्षण की विशेषता?

इसके तहत उन्नत तकनीक से प्रशिक्षण प्रदान करते हुए ड्राइवरों को सड़क दुर्घटना की स्थिति में सड़क दुर्घटना से पीड़ितों की सहायता के लिए जरूरी ज्ञान और प्रैक्टिकल स्किल प्रदान किया जाएगा। कंपनी ने एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा कि दुर्घटना के बाद पहले कुछ घंटे के दौरान उचित प्राथमिक चिकित्सा और ट्रॉमा केयर किया जाना एक्सीडेंट में होने वाले मृत्यु दर को कम कर सकता है।

इस फर्स्ट रिस्पॉन्डर ट्रेनिंग प्रोग्राम में ड्राइवरों को महत्वपूर्ण लाइफ सेविंग तकनीकों जैसे कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर), रक्तस्राव को नियंत्रित करना, हेलमेट हटाने का सही तरीका, स्प्लिंट और गोफन का उचित उपयोग एवं पीड़ितों को सुरक्षित तरीके से एक जगह से दूसरे जगह ले जाना सिखाया जाता है। ये कौशल दुर्घटना के बाद मृत्यु दर में कमी जीवित रहने की दर में सुधार कर सकते हैं।

जानें एम्स के प्रोफेसर ने क्या कहा

एम्स, नई दिल्ली के जेपीएन एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में ट्रॉमा सर्जरी एंड क्रिटिकल केयर के प्रोफेसर अमित गुप्ता ने बताया, "मजबूत ट्रॉमा केयर सिस्टम के अभाव की वजह से दुर्घटना से मृत्यु दर में बढ़ोतरी हुई है। बुनियादी ट्रॉमा और प्राथमिक चिकित्सा में खड़े लोगों को प्रशिक्षित करने की तत्काल आवश्यकता है। प्राथमिक चिकित्सा मॉड्यूल और प्रशिक्षण के लिए डब्ल्यूएचओ ने एम्स और देश के अन्य प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों के साथ मिलकर एक बेहतर प्राथमिक चिकित्सा पाठ्यक्रम तैयार किया है। हमने मारुति सुजुकी आईडीटीआर में प्रशिक्षण के लिए इन मॉड्यूल का उपयोग किया, जिसके बेहद सकारात्मक परिणाम मिले हैं।

जानें मारुति सुजुकी इंडिया के सीईओ ने क्या कहा

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के कार्यकारी अधिकारी  राहुल भारती ने बताया, "मारुति सुजुकी सड़क सुरक्षा पर काफी फोकस करती है। कंपनी, सुरक्षित वाहन इंजीनियरिंग, आईडीटीआर के माध्यम से यातायात नियमों पर शिक्षा, सुरक्षित स्वचालित ड्राइविंग, यातायात सुरक्षा प्रबंधन प्रणालियों आदि का उपयोग करके सुरक्षित ड्राइविंग को बढ़ावा देती है। जिससे दुर्घटना की संभावना को कम किया जा सके। अत :  इमरजेंसी फर्स्ट एड और ट्रॉमा केयर की ट्रेनिंग महत्वपूर्ण हो जाती है। हम इस कोर्स के लिए बेहतर चिकित्सा विशेषज्ञता लाने के लिए देश के प्रमुख अस्पताल एम्स के आभारी हैं।

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