टोल वाली सड़कों का हुआ विस्तार, बहुत जल्द जीपीएस आधारित होगा टोल कलेक्शन
भारत में टोल वाली सड़कों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। टोल सड़कों के विस्तार की वजह से भारत में टोल कलेक्शन में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। बता दें कि नेशनल हाइवे पर टोल कलेक्शन में पिछले एक वर्ष में भारी तेजी आई है। वर्तमान वित्त वर्ष में जनवरी लास्ट तक नेशनल हाइवे पर टोल कलेक्शन 53000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। इस हिसाब से वित्त वर्ष के अंतिम महीने तक टोल का कलेक्शन 62,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड लेवल तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही है। भारत के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से जनवरी तक पिछले 10 महीनों में एवरेज मंथली टोल कलेक्शन 5,328.9 करोड़ रुपये रहा।
आखिर क्यों बढ़ा टोल कलेक्शन?
टोल टैक्स वाली सड़कों का डेवलपमेंट और FASTag यूजर्स की लगातार बढ़ती संख्या को टोल कलेक्शन में तेजी की वजह माना जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान वित्तीय वर्ष के कुल 10 महीनों में नेशनल हाइवेज पर टोल कलेक्शन 53,000 करोड़ रुपये से पार पहुंच गया है। इसके अलावा देश में टोल वाली सड़कों की लंबाई की बात करें तो जहां नवंबर के अंत तक देश में टोल वाली सड़कों की कुल लंबाई में 75 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है। सड़कों की कुल लंबाई 25,996 किमी से 45,428 किमी हो गई है। इसके अलावा भारत में बड़ी संख्या में fastag भी जारी हुए। जिससे टोल टैक्स में बढ़ोतरी देखी है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल नवंबर के लास्ट तक कुल 7.98 करोड़ से ज्यादा फास्टैग जारी हुए थे।
जल्द शुरू होंगे GPS बेस्ड Toll Plaza
टोल टैक्स का कलेक्शन बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार लगातार इस क्षेत्र में तकनीकी एडवांसमेंट कर रही है। हाल ही में केंद्र सरकार ने टोल टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए जीपीएस बेस्ड टोल टैक्स कलेक्शन तकनीक प्रस्तुत की। GPS बेस्ड टोल प्लाजा शुरू होने से एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे सरकारी खजाने में काफी बढ़ोतरी की जा सकेगी। इससे ड्राइवर वैकल्पिक रास्तों के मुकाबले टोल टैक्स वाली सड़कों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर पाएंगे।
फास्टैग से रोजाना औसत टोल संग्रह
नेशनल हाईवे टोल टैक्स संग्रह में फास्टैग का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। fastag की मदद से रोजाना औसत टोल संग्रह करीब 147.31 करोड़ है। सालाना आंकड़ों की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2018-19 में यह टोल संग्रह 25,155 करोड़ रुपए था। वित्तीय वर्ष 2019-20 में यह टोल टैक्स 27,638 करोड़ हुआ। 2020-21 में 27,924 करोड़, 2021-22 में 33,908 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2022-23 में टोल टैक्स कलेक्शन का यह आंकड़ा 48,028 करोड़ रुपये रहा है।
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