दो वर्षों की अवधि में 10,900 करोड़ के परिव्यय के साथ पीएम ई-ड्राइव योजना को मंजूरी
दुनियाभर में विश्व ईवी दिवस मनाया जा रहा है, ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 11 सितंबर को पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रेवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना मंजूरी दे दी है। भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) की इस योजना के कार्यान्वयन हेतु आगामी दो वर्ष की अवधि में 10,900 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस योजना का उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देना है। अगले दो साल में इस योजना के तहत विभिन्न श्रेणियों में 28 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए सब्सिडी या प्रोत्साहन दिया जाएगा। भारत सरकार की यह पहल पर्यावरण प्रदूषण और ईंधन सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के साथ-साथ स्टेबल ट्रांसपोर्टेशन सॉल्यूशनस को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
इन कैटेगरी के वाहनों को मिलेगी सब्सिडी
सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, 'पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रेवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना के माध्यम से इलेक्ट्रिक-2 व्हीलर, ई-3व्हीलर, ई-एम्बुलेंस, इलेक्ट्रिक ट्रक व अन्य उभरते इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए 3,679 करोड़ रुपए की सब्सिडी या प्रोत्साहन प्रदान किया गया है। सरकार की यह योजना 24.79 लाख ई-2व्हीलर, 3.16 लाख ई-3व्हीलर और 14,028 इलेक्ट्रिक बसों को लाभ प्रदान करेगी। पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहन सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (ईवीपीसीएस) की स्थापना को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देकर ईवी खरीदारों की चिंता को दूर किया जाएगा। ये ईवीपीसीएस उच्च ईवी पहुंच वाले चयनित शहरों और चयनित राजमार्गों पर स्थापित किए जाएंगे।
ई-बसों की खरीद के लिए 4,391 करोड़ रुपये की राशि
इस योजना में ई-4 व्हीलर के लिए 22,100 फास्ट चार्जर, ई-बसों के लिए 1800 फास्ट चार्जर और ई-2 व्हीलर/3 व्हीलर के लिए 48,400 फास्ट चार्जर लगाने का प्रस्ताव है। ईवी पीसीएस के लिए परिव्यय 2,000 करोड़ रुपए होगा। इसके तहत 88,500 स्थानों पर चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए शत-प्रतिशत सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना में ई-एम्बुलेंस की तैनाती के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। राज्य परिवहन निगमों/सार्वजनिक परिवहन एजेंसियों द्वारा 14,028 ई-बसों की खरीद के लिए 4,391 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है। इस योजना से देश में ई-ट्रकों की तैनाती को बढ़ावा मिलेगा। ई-ट्रकों को प्रोत्साहित करने के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन लोगों को प्रोत्साहन दिया जाएगा जिनके पास MoRTH द्वारा अनुमोदित वाहन स्क्रैपिंग केंद्रों (RVSF) से स्क्रैपिंग प्रमाणपत्र है।
फेम (FAME) योजना की लेगी जगह पीएम ई-ड्राइव स्कीम
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारत सरकार की यह पहल, फेम (FAME) योजना की जगह लेगी। जिसे वर्ष 2015 में शुरू किया गया था । इसे दो फेज में 9 सालों के लिए चलाया गया था। सरकार ने इस योजना के दूसरे फेज के लिए करीब 11,500 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ 13,21,800 ईवी के लिए सब्सिडी दी थी। अब सरकार की इस नई पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत EV क्षेत्र और संबंधित आपूर्ति श्रृंखला विनिर्माण और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस योजना में एलिजिबल नॉर्म्स पिछले फेम II योजना ईवी सब्सिडी कार्यक्रम के सामान होंगे जैसे, ई-टू-व्हीलर, ई-थ्री-व्हीलर, राज्य परिवहन उपक्रम व सार्वजनिक परिवहन एजेंसियां ई-बसें क्रय कर सकती है। इसमें ई-एम्बुलेंस और ई-ट्रक को भी फायदा मिलेगा।
विनिर्माण और ईवी आपूर्ति श्रृंखला को करेगी मजबूत
पीएम ई-ड्राइव योजना सार्वजनिक परिवहन के साधनों का समर्थन करके गतिशीलता को बढ़ावा देगी। इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य ईवी की खरीद के लिए अग्रिम प्रोत्साहन प्रदान करके ईवी को अपनाने में तेजी लाना है, साथ ही ईवी के लिए आवश्यक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना की सुविधा प्रदान करना है। यह योजना परिवहन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और वायु गुणवत्ता में सुधार करने के लिए ईवी को बढ़ावा देगी। इसके अलावा यह योजना एक कुशल, प्रतिस्पर्धी और लचीले ईवी विनिर्माण उद्योग को बढ़ावा देती है, जिससे आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिलता है। यह चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) को शामिल करके हासिल किया जाएगा जो घरेलू विनिर्माण और ईवी आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने को प्रोत्साहित करता है।
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