इंडिया ई-ट्रक एक्सचेंज प्रोग्राम में ई-ट्रक्स को प्रोत्साहन और पर्यावरण सुरक्षा पर चर्चा
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए पीएम ई-ड्राइव योजना के माध्यम से दो साल के अंदर 10,900 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इस राशि में से 500 करोड़ रुपए की राशि इलेक्ट्रिक ट्रकों पर सब्सिडी व मांग प्रोत्साहन पर खर्च किए जाएंगे। आइए, ट्रक जंक्शन की इस पोस्ट से जानें कि केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक ट्रक पर सब्सिडी व मांग प्रोत्साहन के लिए क्या कदम उठा रही है।
इंडिया ई-ट्रक एक्सचेंज प्रोग्राम : 500 करोड़ रुपए के सही उपयोग पर चर्चा
देश में इलेक्ट्रिक ट्रकों के उपयोग को कैसे बढ़ाया जाए, इस पर चर्चा के लिए भारी उद्योग मंत्रालय (Ministry of Heavy Industries) ने अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छ परिवहन परिषद ( आईसीसीटी ) के साथ मिलकर नई दिल्ली में इंडिया ई-ट्रक एक्सचेंज प्रोग्राम आयोजित किया, जिसमें पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत इलेक्ट्रिक ट्रक प्रोत्साहन के लिए 500 करोड़ रुपये के सही उपयोग पर चर्चा की गई। इस पहल का उद्देश्य देश के जलवायु लक्ष्यों के साथ तालमेल बिठाने और परिवहन क्षेत्र में उत्सर्जन को कम करने के लिए भारत में इलेक्ट्रिक ट्रकों (ई-ट्रकों) को अपनाने में तेजी लाना है।
ट्रक निर्माताओं, खरीदारों और बैंकों को एक साथ आना होगा
भारी उद्योग मंत्रालय ने पहली बार पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत 500 करोड़ रुपए की सब्सिडी के सही उपयोग के लिए हितधारकों के साथ चर्चा की। इस दौरान अधिकारियों ने ई-ट्रकों में तेजी से और सुचारू बदलाव के लिए ट्रक निर्माताओं, खरीदारों और बैंकों को एक साथ आने की जरूरत पर जोर दिया। बैठक में भारतीय बंदरगाह संघ, अशोक लेलैंड, टाटा मोटर्स, बिलियनई मोबिलिटी, ओलेक्ट्रा, अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्विच लैब्स, मुरुगप्पा समूह, वोल्वो आयशर, महिंद्रा ट्रक्स के प्रतिनिधियों के अलावा एसआईएएम और आईसीसीटी जैसे उद्योग संघों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इलेक्ट्रिक ट्रक अपनाने से होगा यह फायदा
भारत में मीडियम और हैवी ड्यूटी ट्रक सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन करते हैं। ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री में इन ट्रकों का हिस्सा केवल 3 प्रतिशत है लेकिन यह कार्बन डाई-आक्साइड के उत्सर्जन में 44 प्रतिशत का योगदान देते हैं। ई-ट्रकों को अपनाने से कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आएगी।
भारत के अलावा सिर्फ कुछ देश ही बनाते हैं इलेक्ट्रिक ट्रक
इलेक्ट्रिक ट्रकों के निर्माण में भारत ने कुछ ही सालों में उल्लेखनीय प्रगति की है। भारत विश्व के उन 5-6 देशों में शामिल है जो इलेक्ट्रिक ट्रकों का निर्माण करते हैं। ई-ट्रकों पर परामर्श के दौरान, भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव कामरान रिजवी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह बैठक ई-ट्रकों पर अपनी तरह की पहली सरकारी पहल है। रिजवी ने कहा, "ई-ट्रक चरण अभी शुरू हुआ है, और भारत वैश्विक स्तर पर ई-ट्रकों का निर्माण करने वाले 5-6 देशों में से एक है।" उन्होंने आगे कहा कि 2070 तक नेट जीरो के लिए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप, निर्माताओं, खरीदारों और बैंकरों को एक साथ मिलकर तेज और सुचारू बदलाव सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने ई-ट्रकों के लिए प्रोत्साहन के महत्व पर जोर दिया।
पीएम ई ड्राइव योजना के बारे में
केंद्र सरकार ने पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी योजना 1 अक्टूबर 2024 से लागू की है। इस योजना को फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफेक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल (FAME) योजना और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) के स्थान पर शुरू किया गया है। योजना का उद्देश्य हरित समाधान प्रदान करना और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देना तथा इलेक्ट्रिक वाहन सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (ईवीपीसीएस) की स्थापना करना है। यह 31 मार्च, 2026 तक वैध है। योजना के तहत ई-2-व्हीलर, ई-3-व्हीलर, ई-ट्रक, ई-बसों और पहली बार ई-एम्बुलेंस को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
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