कम परिचालन लागत और सरकार की नीतियों से इलेक्ट्रिक 3 व्हीलर की बिक्री पर सकारात्मक असर
भारतीय इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर सेगमेंट पर देश-दुनिया की तमाम कंपनियों की नजर बनी हुई है। इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर्स की बढ़ती ग्रोथ सभी के लिए चर्चा का विषय है। भारतीय परिवेश में इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर ज्यादा प्रभावी साबित हो रहे हैं। वित्त वर्ष 2025 तक भारत में इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर्स की हिस्सेदारी 14 से 16 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना जताई गई है। इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर की कम लागत, ज्यादा मुनाफा और सरकार की नीतियों की वजह से देश के छोटे से छोटे गांव में इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर की पहुंच बन गई है।
आईसीआरए यानी इंवेस्टमेंट इंफॉर्मेशन एंड क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ऑफ इंडिया लिमिटेड की एक रिपोर्ट के अनुसार, परिचालन की कम लागत और कमर्शियल ट्रांसपोर्टेशन के स्वच्छ साधनों पर सरकार के ध्यान के कारण ई-रिक्शा सहित इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर वाहनों में बेहतर ग्रोथ की उम्मीद की जा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 25 तक नए 3 व्हीलर वाहनों की बिक्री (रिक्शा को छोड़कर) में इलेक्ट्रिक सेगमेंट की हिस्सेदारी 14 से 16% होने की संभावना है, जो फिलहाल 8% है। वित्त वर्ष 30 तक 35 से 40% तक बढ़ने का अनुमान है क्योंकि प्रोडक्ट अधिक स्वीकार्यता प्राप्त करता है, और फाइनेंसिंग संबंधी चुनौतियां कम हो सकती हैं।
इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर की हिस्सेदारी अभी है 8 प्रतिशत
ICRA के कॉर्पोरेट रेटिंग्स, Co ग्रुप हेड और उपाध्यक्ष, किंजल शाह के मुताबिक, इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर्स (ई-रिक्शा सहित) भारत की विद्युतीकरण यात्रा में सबसे आगे रहे हैं, ये शुरुआत में सबसे पहले अपनाने वालों में से एक हैं। वित्त वर्ष 23 के 10 महीनों में, इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर (रिक्शा को छोड़कर) ने 8% की हिस्सेदारी दर्ज की है, जबकि दोपहिया वाहनों के लिए 4% और यात्री वाहनों के लिए 1% है। जबकि महामारी के बाद बिक्री में काफी गिरावट आई थी, उन्होंने चालू वित्त वर्ष में एक हेल्थी दर से वापसी की, एक सॉलिड मार्जिन से कोविड महामारी से पहले का स्तर को पार कर लिया है।
उन्होंने आगे कहा कि इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर की पूंजीगत लागत को कम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें सब्सिडी प्रदान कर रही है। साथ ही पंजीकरण शुल्क, रोड टैक्स और परमिट आवश्यकताओं में छूट देकर ई-ऑटो अपनाने को प्रोत्साहित कर रही है। शाह ने आगे कहा कि इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर को संचालित करने की लागत डीजल और सीएनजी थ्री व्हीलर्स के मुकाबले काफी कम है। इससे ई-थ्री व्हीलर्स की टोटल कॉस्ट ऑफ ओनरशिप (टीसीओ) बहुत कम (40 से 45%) हो जाती है, जिससे ई-ऑटो खरीदना एक आकर्षक प्रस्ताव बन गया है।
आपको बता दें, असंगठित ई-रिक्शा इंडस्ट्री ने इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर्स मार्केट के विस्तार पर अपना दबदबा कायम रखा है, जो देश में बिकने वाले सभी ई 3 व्हीलर का 90% हिस्सा है। यह सेगमेंट पिछले 5 से 7 सालों में कम अग्रिम खर्च और परिचालन बचत के साथ साथ न्यूनतम अनुपालन आवश्यकताओं के कारण फला-फूला है। ई-रिक्शा की तुलना में बड़ी भार वहन क्षमता और टॉप स्पीड वाले ई-ऑटो भी लोकप्रियता प्राप्त कर रहे हैं, माल और पैसेंजर सेगमेंट के बीच बिक्री समान रूप से विभाजित है।
इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर सेगमेंट को ज्यादा फाइनेंसिंग ऑप्शन्स की जरूरत
ICRA के अनुसार, अधिकांश इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर डीलरों ने पिछले दो वर्षों में बिक्री में 2 अंकों की वृद्धि देखी है। यह कई कारकों के कारण है, जिसमें कम परिचालन लागत, पंजीकरण और सड़क टैक्सों में छूट और अंतिम-मील कनेक्टिविटी की अधिक मांग शामिल है। हालांकि, जब इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर (ई-रिक्शा सहित) की मांग बढ़ रही है, तो उच्च ब्याज दरों, खराब लोन-से-वैल्यू रेश्यो और कम EMI अवधि वाले लोनों के साथ फाइनेंसिंग विकल्पों की कमी के कारण बिक्री सीमित हो गई है। इसके अलावा, कई बड़े बैंक और एनबीएफसी अभी तक इस सेगमेंट को उधार नहीं दे रहे हैं, जिससे खरीदार के फाइनेंसिंग विकल्प सीमित हो गए हैं। लगभग तीन चौथाई डीलरों ने माना कि वित्त उपलब्धता में सुधार इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर्स की बिक्री को बढ़ावा देने का सबसे प्रभावी तरीका होगा।
शाह ने आगे कहा कि "कुल मिलाकर, मध्यम से लंबी अवधि में इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर्स (ई-रिक्शा सहित) के लिए दृष्टिकोण अनुकूल रहता है।" पर्यावरणीय चिंताओं और बढ़ते सीएनजी और डीजल के प्राइसों जैसे बड़े कारणों के परिणामस्वरूप इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में तेजी आई है।
इसके अलावा, कई शहर प्रदूषण फैलाने वाले व्हीकल्स के पंजीकरण, प्रवेश और उपयोग को तेजी रोक रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप, इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर्स को और अधिक लोकप्रियता मिलने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त, कम टीसीओ, साथ ही नेट जीरो टारगेट के लिए सरकार के दबाव और सरकारी प्रोत्साहनों से समर्थन से माध्यम से लंबी अवधि में ई-ऑटो की बिक्री बढ़ने की उम्मीद है। FAME-II योजना के तहत प्रोत्साहन एक वर्ष के समय में समाप्त होने के साथ, आने वाले वित्त वर्ष में बिक्री की गति और बढ़ने की संभावना है।
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