टाटा मोटर्स का बड़ा कदम, खोलेंगे 10 नए वाहन स्क्रैप सेंटर
टाटा मोटर्स ने अपने वाहन स्क्रैपिंग कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए Re.Wi.Re ब्रांड के तहत अगले 12 महीने में 10 नए स्क्रैप सेंटर की ओपनिंग करने की योजना बनाई है। कंपनी का लक्ष्य देश में वाहनों की रिसाइकलिंग को बढ़ावा देना है, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले पुराने वाहनों को हटाया जा सके। इस समय टाटा मोटर्स के कई स्क्रैप सेंटर पहले से ही फ्रेंचाइजी मॉडल पर काम कर रहे हैं और जिसकी कुल क्षमता करीब 80,000 वाहनों की है।
टाटा मोटर्स के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर गिरीश वाघ ने जानकारी दी है कि 10 नए स्क्रैप सेंटरों की कुल क्षमता लगभग 1.2 लाख वाहनों की हो जाएगी, जिससे ज्यादा संख्या में वाहनों को रिसाइकल किया जा सकेगा। ये सभी केंद्र अगले एक साल के अंदर चालू हो जाएंगे। आगे बाघ ने बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य वाहनों को रिसाइकिलिंग करने और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी का पालन करना है।
फ्रेंचाइजी मॉडल पर होगा संचालन
टाटा मोटर्स के ये नए स्क्रैप सेंटर एक फ्रेंचाइजी मॉडल पर काम करेंगे, जो पहले से ही चल रहे केंद्रों की तरह ही होगा। यह मॉडल कंपनी को देशभर में ज्यादा तेजी से विस्तार करने और स्थानीय साझेदारों के साथ मिलकर काम करने का मौका देगा।
कंपनी के मुताबिक, इन 10 नए सेंटरों के जुड़ने से टाटा मोटर्स के पास कुल 15 स्क्रैपेज केंद्र हो जाएंगे, जिनकी कुल क्षमता लगभग 2 लाख वाहनों तक पहुंच जाएगी। इससे पुराने, अप्रचलित और पर्यावरण के लिए नुकसानदेह वाहनों को हटाकर उन्हें रिसाइकल करने में बड़ी मदद मिलेगी।
वाहन स्क्रैपिंग नीति और उसका महत्त्व
2022 में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई वाहन स्क्रैपेज नीति के अनुसार, 20 साल से ज्यादा पुरानी कारों और 15 साल से ज्यादा पुराने कमर्शियल वाहनों को स्क्रैप किया जाना अनिवार्य है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य, पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हटाकर नए और अधिक पर्यावरण के अनुकूल वाहनों का इस्तेमाल बढ़ाना है।
हालांकि, इस नीति का अभी तक वाहन उद्योग पर उतना बड़ा असर नहीं दिखा है, जितनी उम्मीद की गई थी। फिर भी, वाहन स्क्रैपिंग का कारोबार धीरे-धीरे भारत में एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में उभर रहा है। इससे पुरानी गाड़ियों को हटाने और उन्हें सुरक्षित तरीके से रिसाइकल करने में सहायता मिल रही है।
देशभर में स्क्रैपिंग सुविधाओं का विस्तार
टाटा मोटर्स की इस योजना के तहत देश के विभिन्न हिस्सों में नए स्क्रैप सेंटर खोले जाएंगे। फिलहाल, देश के 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 60 से अधिक रजिस्टर्ड वाहन स्क्रैपिंग सुविधाएं (आरवीएसएफ) और 75 से अधिक स्वचालित परीक्षण स्टेशन संचालित हो रहे हैं। इन सुविधाओं के जरिए पुराने वाहनों का उचित तरीके से परीक्षण और स्क्रैपिंग की प्रक्रिया को अंजाम दिया जा रहा है, जो न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद करता है, बल्कि सड़क सुरक्षा और यातायात में भी सुधार लाता है।
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