टाटा मोटर्स कमर्शियल वाहन 1 अरब अमरीकी डॉलर निवेश करने की योजना
भारत में ट्रक बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी टाटा मोटर्स अपने वाणिज्यिक कारोबार का विस्तार करने जा रही है। इसके लिए कंपनी ने आगामी 4-5 वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ वाणिज्यिक वाहन व्यवसाय के विस्तार के लिए 1 अरब अमरीकी डॉलर (7,500 करोड़ रुपये से अधिक ) का निवेश करने की योजना बनाई है। इसके तहत कमर्शियल व्हीकल्स व्यवसाय का फिर से नया रोडमैप तैयार किया जाएगा। कंपनी की प्लानिंग है कि आने वाले समय में निर्मित इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहन आर्किटेक्चर सीएनजी, एलएनजी और डीजल पावर ट्रेन को भी समायोजित करने में सक्षम होंगे। बता दें कि टाटा मोटर्स के भविष्य के इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स नए जमाने के अनुकूल डिजायन वाले होंगे। आइए, जानते हैं टाटा मोटर्स की इस नवीन योजना के बारे में जानें, इसके मुख्य बिंदु कौन-कौन से हैं?
विस्तारित रेंज को पूरा करने के लिए कई विकल्पों पर होगा काम
बता दें कि टाटा मोटर्स वाणिज्यिक वाहन व्यवसाय की विस्तारित रेंज को पूरा करने के लिए अलग-अलग विकल्पों पर काम किया जा रहा है। इस संबंध में टाटा मोटर्स के कमर्शियल व्हीकल्स बिजनेस एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर गिरीश वाघ ने कहा है कि मार्केट प्लेस में इलेक्ट्रिफिकेशन को लीड और ड्राइव करना चाहता है, जैसा कि पारंपरिक पावरट्रेन के साथ होता है।
कंपनी इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहन बिजनेस के तहत विस्तारित रेंज को पूरा करने के लिए छोटे कमर्शियल वाहनों और गैस आधारित ईंधन-सेल इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ छोटी दूरी की बैटरी से चलने वाले वाहनों के कई विकल्पों पर काम कर रहा है। गिरीश वाघ का यह भी कहना है कि वास्तविक अनुभव के साथ ही कंपनी समाधान प्रदान करने का भी पूरा प्रयास कर रही है। बता दें कि टाटा मोटर्स के कमर्शियल वाहनों मे विद्युतीकरण पहले गैसीय ईंधन के माध्यम से होगा। हालांकि सीएनजी भी एक महत्वपूर्ण विकल्प माना जा रहा है और आने वाले समय में सीएनजी के रुख में और तेजी आने की उम्मीद बनी हुई है। कंपनी वाहनों की पूरी रेंज और अनुप्रयोगों पर फिर से गौर कर रही है।
बिक्री और विपणन इंटरफेस में होगा सुधार
टाटा मोटर्स की ओर से आगामी 4-5 साल में जो 1 अरब अमरीकी डॉलर का निवेश किया जा रहा है, इसके लिए बनाई गई योजना में नया रोडमैप तैयार किया जाएगा। वहीं टाटा मोटर्स द्वारा रॉयल एनफील्ड से जुड़े शुभरांशुसिंह और फोर्ड इंडिया के पूर्व प्रबंध निदेशक अनुराग मेहरोत्रा जैसे वरिष्ठ पेशेवरों की मदद से वाहनों की बिक्री एवं विपणन इंटरफेस में सुधार किया जा रहा है। टाटा मोटर्स के कमर्शियल व्हीकल्स बिजनेस एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर गिरीश वाघ ने यह भी कहा है कि इलेक्ट्रिक ओवर-डीजल के पक्ष में स्वामित्व की कुल लागत जल्द तय हो सकती है। यह सच है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को सीएनजी वाहनों से अधिक हासिल करने में अधिक समय लग सकता है। कई सीमेंट कंपनियां, खनन अनुप्रयोगों के लिए इलेक्ट्रिक ट्रकों की डिमांड कर रही हैं। कंपनी ने इसके समाधान पर काम करना शुरू कर दिया है।
टाटा मोटर्स मजबूत पोर्टफोलियो विकसित करेगी
बता दें कि टाटा मोटर्स हालांकि इलेक्ट्रिक वाहनों की रेंज को विस्तारित करना चाहती है लेकिन इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहनों के लिए अलग से कोई स्वतंत्र सहायक कंपनी स्थापित करने की उसकी कोई योजना नही है। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार यह लगभग तय हो चुका है कि टाटा मोटर्स में एक मजबूत उत्पाद पोर्टफोलिया विकसित करने और स्वस्थ मूल्यांकन को सुरक्षित करने के लिए एक ग्राहक आधार बनाने के लिए बड़ा ध्यान दिया जा रहा है। उधर टाटा मोटर्स के निकटतम प्रतिद्वन्द्वी अशोक लेलैंड पहले से ही बाजार में स्विच मोबिलिटी के तहत अपने ईवी व्यवसाय के लिए निवेश कर रहा है।
इलेक्ट्रिक और सीएनजी व्हीकल्स के लिए लगातार निवेश जारी
टाटा मोटर्स कंपनी के अनुसार वित्त वर्ष 2010 में 1,800 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया था जो उस वर्ष के लिए कंपनी का सबसे अधिक निवेश था। वहीं आगामी बीएस-4 के दूसरे चरण में उत्सर्जन मानदंडों और सीएनजी पर विशेष ध्यान देने और एक समान धनराशि का निवेश करना पड़ सकता है। मौजूदा दौर में टाटा मोटर्स तीन इलेक्ट्रिक सीवी, सभी बसें बना रही है। वहीं वर्ष 2021 के आरंभ में कंपनी ने इंडियन ऑयल कार्प से 15 हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक बसों के आर्डर हासिल किए थे।
ड्राइविंग मोटर ट्रेनिंग स्कूल खोलेगा टाटा मोटर्स समूह
टाटा मोटर्स समूह जल्द ही तमिलनाडु में ड्राइविंग मोटर्स ट्रेनिंग स्कूल शुरू करेगा। इसके लिए टाटा मोटर्स के शीर्ष अधिकारियों की तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के साथ बैठक हुई। इस संबंध में टाटा मोटर्स के कमर्शियल व्हीकल्स बिजनेस एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर गिरीश वाघ ने कहा है कि कंपनी राज्य में ड्राइविंग मोटर ट्रेनिंग स्कूल खोलना चाहती है। इसके लिए तमिलनाडु सरकार से भूखंड की मांग कर रही है। कंपनी को 48 घंटों के भीतर कुछ एकड़ जमीन आवंटित की गई है। अभी वार्ता किसी भी सार्वजनिक परिवहन आवश्यकता को पूरा करने के लिए बढ़ा दी गई है। इसके अलावा चेन्नई के पास फोर्ड कंपनी के कारखाने में टाटा मोटर्स की रुचि पर बातचीत पर वाघ का कहना था कि वे मात्र अटकलें थीं। कंपनी को उम्मीद है कि आने वाले वित्तीय वर्ष में कंपनी की बाजार ग्रोथ 20 से 22 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।
जानें, ट्रक निर्माता कंपनी अग्रणी कंपनी टाटा मोटर्स के बारे में
टाटा मोटर्स भारत की अग्रणी ट्रक निर्माता कंपनी है। वहीं टाटा मोटर्स कार एवं बसों के अलावा रिक्शा वाहन, स्पोट्र्स यूटिलिटी व्हीकल्स भी बनाती है। यहां ट्रक जंक्शन पर बता दें कि इस कंपनी की स्थापना 1945 में जमशेदजी टाटा ने की थी। वे हमेशा ग्राहक की प्राथमिकता और सुविधा के लिए काम करते थे। उनके सभी उत्पाद उनकी प्रतिबद्धता के प्रतीक हैं। सन् 1954 में टाटा मोटर्स ने अपना पहला कमर्शियल वाहन टीएमबी 312 ट्रक लांच किया था। यह टाटा मोटर्स ट्रक कंपनी का टर्निंग प्वाइंट था। इसके बाद कभी उन्होंने पीछे मुडकर नहीं देखा। अपनी उच्च उत्पादकता लाइन के कारण टाटा मोटर्स ने कई बड़े पुरस्कार जीते हैं।
ये हैं टाटा मोटर्स की मुख्य विशेषताएं
टाटा मोटर्स की कुछ ऐसी विशेषताएं हैं जो इसे भारत की नंबर एक ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनी बनाती है। ये विशेषताएं इस प्रकार हैं-:
- टाटा मोटर्स के ट्रक हैवी ड्यूटी और लंबी उम्र के साथ आते हैं।
- टाटा मोटर्स कंपनी ग्राहकों की अपेक्षाओं के आधार पर अधिक काम करती है।
- टाटा मोटर्स के पास अत्यधिक व्यस्त कार्यबल है।
- टाटा मोटर्स के वाहनों की उत्पादकता उत्कृष्ट गुणवत्ता और किफायत के साथ आती है।
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