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10-15 साल पुराने वाहन सडक़ों पर चले तो भरना होगा 10 हजार रुपए जुर्माना

Posted On : 16 June, 2021

स्क्रेपिंग पॉलिसी : वाहन को स्क्रेपिंग सेंटर भी भेजा जाएगा

देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए परिवहन विभाग सख्त हो गया है। अब दिल्ली की सडक़ों पर 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन चलते मिलेंगे तो परिवहन विभाग उन पर 10 हजार रुपए जुर्माना लगाएगा। जुर्माना देने के बाद भी वाहन नहीं चल सकेगा। वाहन मालिक को लिखित में देना होगा कि अब भविष्य में वह वाहन नहीं चलाएगा और वाहन को स्क्रेपिंग सेंटर भेजेगा।

परिवहन विभाग ने मंगलवार को दिशा-निर्देश जारी कर 'गाइडलाइन फॉर स्क्रेपिंग ऑफ मोटर व्हीकल इन दिल्ली' को सख्ती से लागू करने को कहा है। ऐसे में अगर आप का वाहन उम्र पूरी कर चुका है तो उसे तुरंत स्क्रेप करा दें, नहीं तो सडक़ पर निकाला तो कार्रवाई होगी।


वाहन स्क्रेप के लिए चार नई एजेंसियां अधिकृत

आपको बता दें कि साल 2018 में पहली बार स्क्रेपिंग पॉलिसी की घोषणा की गई थी। जिसके बाद दिल्ली के अनुमानित 3.5 लाख पुराने वाहनों के निस्तारण के लिए सरकार के पास केवल एक ही स्क्रेपर था। वाहन स्क्रेप कराने के लिए परिवहन विभाग ने चार एजेंसियां अधिकृत की हैं। मगर लोग वाहन स्क्रेप कराने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। लाकडाउन को छोड़ दें तो प्रति माह केवल 600 वाहन ही स्क्रेप कराने के लिए पहुंच रहे रहे हैं। जबकि चारों एजेंसियों को मिलाकर एक माह में 12 हजार वाहन तक स्क्रेप किए जा सकते हैं। उम्र पूरी कर चुके वाहन मालिकों की बेरुखी को देखते हुए दिल्ली परिवहन विभाग ने वाहनों के स्क्रेप कराने के संबंध में सार्वजनिक सूचना जारी कर दी है। 


आप घर बैठे ऑनलाइन करा सकते हैं वाहन स्क्रेप 

परिवहन विभाग और 'सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर' की वेबसाइट पर अधिकृत स्क्रेप डीलर की सूची दी गई है। जिसमें डीलर घर बैठे बैठे वाहन को स्क्रेप कराने की सुविधा भी उपलब्ध करा रहे हैं। वाहन को स्क्रेप कराने पर प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा और वाहन की स्थिति के आधार पर उसका आंकलन कर वाहन की स्क्रेप राशि डीलर द्वारा दी जाएगी। वाहन स्क्रेप कराने के लिए https://www.siam.in लिंक पर जाकर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।


साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे आदेश

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली परिवहन विभाग को 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सडक़ों पर दिखने वाले ऐसे वाहनों को तुरन्त जब्त कर लिया जाए। दिल्ली-एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल वाहनों के नंबर को वेबसाइट पर डाल दिया जाए। नंबर डालने के बाद सडक़ पर सूचीबद्ध वाहन अगर चलते दिखाई दे तो उन्हें तुरंत सीज करा जाए। हालांकि, तब से अब तक पूरी तरह से यह लागू नहीं हो सका है।


अधिसूचना से वाहन मालिक होंगे प्रोत्साहित

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी पुराने वाहनों की स्क्रेपिंग ज्यादा संख्या में नहीं हो पा रही है। वहीं दिल्ली सरकार उम्मीद कर रही है कि यह बार-बार अधिसूचना मालिकों को अपने वाहनों को स्क्रेप कराने के लिए प्रोत्साहित करेगी। बता दें कि कुछ समय पहले ही दिल्ली सरकार ने सडक़ों पर चलने वाले वाहनों के लिए स्पीड लिमिट में संशोधन किया था। इस बदलाव के तहत कार के लिए 60-70 किमी, दो पहिया वाहनों के लिए अधिकतम स्पीड लिमिट 50-60 किमी और बस, टेम्पो और तीन पहिया वाहनों के लिए 40 किमी प्रतिघंटा की अधिकतम स्पीड लिमिट है।
 

राहत की बात : फिलहाल कोई अभियान नहीं चलेगा

हालांकि दिल्ली के परिवहन विभाग ने पुराने वाहनों के खिलाफ फिलहाल कोई भी अभियान शुरू करने की बात से इंकार किया है। लेकिन फिर भी विभाग प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए पुराने वाहनों पर सख्त कार्रवाई जारी रखी जाएगी। नए व्हीकल एक्ट में पुराने वाहनों पर 10000 रुपए के जुर्माने और वाहन को जब्त कर उसे स्कैप करवाने का प्रावधान है।

 

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