Posted On : 10 April, 2024
लोग पेट्रोल पंप पर जब फ्यूल डलवाते हैं, तो कई बार उनके साथ धोखा हो जाता है। कई बार ऐसी शिकायत आई है कि लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। पेट्रोल पंप के मालिक या पंप के अटेंडेंट द्वारा फ्यूल की चोरी देखने को मिलती है। इससे ग्राहकों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है। अतः यह आवश्यक है कि आप पेट्रोल लेते समय कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें और इस धोखाधड़ी से बचें। इस पोस्ट में बताए गए 3 टिप्स को अगर आप फॉलो करते हैं तो फ्यूल डलवाते समय होने वाले स्कैम या फ्रॉड से आप बच सकते हैं।
फ्यूल डलवाते समय फ्यूल मीटर पर जरूर ध्यान रखें। कई बार लोग इसे जरूरी नहीं समझते हैं, जिससे वह फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं। फ्यूल मीटर पर पेट्रोल या डीजल की रीडिंग जीरो होनी चाहिए। अगर रीडिंग जीरो नहीं है तो पंप अटेंडेंट को रीडिंग जीरो करने के लिए कहें, उसके बाद ही फ्यूल डलवाएं। साथ ही फ्यूल लेते समय यह भी ध्यान रखें कि रीडिंग बढ़ रही है या नहीं, अगर रीडिंग न बढ़े तो इसकी तुरंत पेट्रोल पंप मैनेजर से शिकायत करें।
अक्सर लोग फ्यूल डलवाते समय राउंड फिगर यानी 100,200,500 रुपए का पेट्रोल डालने के लिए कहते हैं। ऐसी स्थिति में भी स्कैम संभव है, क्योंकि पेट्रोल पंप वाले अक्सर डिस्पेंसर मशीन में इन राउंड फीगर नंबर पर कम फ्यूल देने की सेटिंग कर लेते हैं और आपकी गाड़ी में कम तेल जाता है। अतः रकम बदलते हुए फ्यूल डलवाएं जैसे 110, 135, 150 आदि।
पेट्रोल पंप पर रिमोट कंट्रोल या विशेष प्रकार की चिप होने की स्थिति में आपके साथ फ्रॉड हो सकता है। इन चिप या रिमोट की मदद से कम फ्यूल देने की सेटिंग की जाती है, जिससे ग्राहकों को आर्थिक नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा अगर आप पेट्रोल पंप अटेंडेंट को बार-बार फ्यूल का नोजल खोलते और बंद करते हुए नोटिस करते हैं तो हो सकता है आप स्कैम का शिकार हो रहे हों। नोजल खोलने और बंद करने से फ्यूल का बहाव कम होता है लेकिन मीटर की गति वही रहती है। ऐसा होता है तो इसकी शिकायत पेट्रोल पंप मैनेजर से करें।
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