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दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण ट्रकों के प्रवेश पर रोक

News Date 22 Nov 2021

दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण ट्रकों के प्रवेश पर रोक

वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली सरकार ने 26 नवंबर तक बढ़ाए प्रतिबंध

लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली सरकार ने प्रतिबंधों की सीमा और बढ़ा दी है। स्वास्थ्य प्रभावों के मद्देनजर सरकार ने दिल्ली में गैर जरूरी सामान का ट्रांसपोर्ट करने वाले ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है वहीं अपने कर्मचारियों के लिए घर से काम करने के प्रतिबंधों को 26 नवंबर तक बढ़ा दिया है। इसके साथ ही सरकारी आदेशानुसार वायु गुणवत्ता प्रबंधन  आयोग के निर्देश के अनुुसार अगले आदेश तक स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। यहां जानते हैं आखिर दिल्ली सरकार को ये प्रतिबंध आगे क्यों बढ़ाने पड़े।

वायु की गुणवत्ता को बताया ज्यादा खराब 

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी दिल्ली की बिगड़ती आबोहवा हो लेकर चिंता जताई थी। इससे दिल्ली सरकार को शहर में गैर जरूरी वस्तुओं का परिवहन करने वाले ट्रकों के प्रवेश पर रोक और कर्मचारियों पर प्रतिबंध की सीमा बढ़ानी पड़ी। इस संबंध में केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि बहुत खराब वायु गुणवत्ता के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए वाहनों के प्रदूषण से व्यापक वायु प्रदूषण होगा और हानिकारक वायु प्रदूषकों को छोड़ेगा। खासकर जब वायु की गुणवत्ता बहुत खराब है तब यह महसूस किया जाता है कि वाहनों पर प्रतिबंधों के और विस्तार की आवश्यकता है। 

आपातकालीन सेवाओं के अलावा अन्य विभाग रहेंगे बंद

दिल्ली में हाल ही लगाए गए प्रतिबंधों के तहत दिल्ली सरकार के आदेशानुसार जीएनसीटी, स्वायत्त निकाय और सभी निगम कार्यालय 26 नवंबर तक बंद रहेंगे ( GNCT, Autonomous Bodies and all corporation offices will remain closed till 26 November as per the order of Delhi Government )  इनके अलावा आपातकालीन सेवा से संबंधित कार्यालयों मेंं ही कर्मचारियों के आने की छूट रहेगी। शेष कार्यालयों के कर्मचारी और अधिकारी वर्क फ्रोम होम का पालन करेंगे। 

पहले के आदेशों में यह कहा गया था

यहां बता दें कि सीक्यूएम आदेशों के बाद दिल्ली सरकार ने 10 निर्देश जारी किए थे। इनमें शहर में गैर जरूरी वस्तुओं को ले जाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध और अगले आदेशों तक स्कूल एवं कॉलेजों को बंद करना शामिल था। इसने शहर में विध्वंस गतिविधियों पर भी रोक लगा दी थी वहीं कर्मचारियों को 21 नवंबर तक घर से काम करने की हिदायत दी गई थी। इसके बाद हाल ही  निर्माण एवं विध्वंस गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। वहीं इस क्षेत्र में वायु प्रदूषण पर सर्वोच्च न्यायालय की सुनवाई से पहले आयोग ने मंगलवार को दिल्ली और एनसीआर राज्यों हरियाणा, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक की थी। 

दिल्ली में आगामी 5 दिनों के लिए मौसम विज्ञान की चेतावनी 

दिल्ली में आगामी पांच दिनों के लिए मौसम विज्ञान संस्थान की ओर से चेतावनी दी गई है। इसके अनुसार इस दौरान हवा की गुणवत्ता खराब से मध्यम श्रेणी की रहने की संभावना है। अगले पांच दिनों के लिए हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी के निचले सिरे में रहने की संभावना है। 

दिल्ली में 24 घंटो में  वायु की बहुत खराब गुणवत्ता रही 

दिल्ली शहर में फैल रहे वायु प्रदूषण को लेकर जो वायु गुणवत्ता सूचकांक सरकार ने जारी किया है उसके अनुसार दिल्ली में यह 20 नवंबर  को 374 से नीचे था। वहीं फरीदाबाद में 377, गाजियाबाद में 319, नोएडा में 322 वायु गुणवत्ता सूचकांक रहा। ये आंकड़े खराब श्रेणी में आते हैं। इसके अलावा शून्य और 50 के बीच एक्यूआई अच्छा माना जाता है। 51 और 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम एवं 200 से 300 के बीच खराब वायु गुणवत्ता मानी जाती है। इसके अतिरिक्त 301 से 400 के बीच बहुत खराब वायु गुणवत्ता होती है वहीं 401 से 500 तक गंभीर स्थिति का सूचकांक होता है। 

कैसे फैलता है वायु प्रदूषण? 

यहां जानते हैं वायु प्रदूषण कैसे फैलता है। बता दें कि सडक़ों पर दौड़ते वाहनों से भारी मात्रा में  धुआं और धूल उड़ती है। इससे सडक़ों पर पैदल एवं दुपहिया वाहनों पर चलने वालों के सांस में धूल के कण और रासायनिक तत्व चले जाते हैं।  इसके अलावा अनेक कल कारखानों की चिमनियों से निकलने वाले कार्बन मोनो आक्साइड और अन्य रासायनिक कणों के वायु में घुलने से प्रदूषण फैलता है। 

सर्दी के मौसम में वायु प्रदूषण होता है ज्यादा खतरा 

बता दें कि वायु प्रदूषण का खतरा सर्दी के मौसम में ज्यादा बढ़ जाता है। इन दिनों देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब चल रही है। इससे आम जनजीवन पर बुरा असर पड़ रहा है। लोगों को सांस संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदषित वातावरण में रहने से दिल और फेफड़ों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचता है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो वायु प्रदूषण से कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इनमें दिल की बीमारियां जैसे स्ट्रोक, फेफड़ों का कैंसर, क्रानिक ऑब्सरट्रक्टिव पल्मोनरी  डिजीज और तेज श्वसन संक्रमण मुख्य हैं। 

वायु प्रदूषण से फैलती हैं ये बीमारियां 

वायु प्रदूषण से कई गंभीर बीमारियां फैलती हैं। इन बीमारियों के नाम और इनके लक्षण यहां बताए जा रहे हैं-: 

1. अस्थमा : वायु प्रदूषण के कारण सांस संबंधी तकलीफ होती है। बार-बार खांसी होती है लेकिन सीने पर दबाव बढ़ता ही जाता है। जब व्यक्ति की श्वसन नलियों में अवरोध पैदा होने लगता है तो कफ अटक जाता है। ये रुकावट एलर्जी और कफ से आती है। कई रोगियों को श्वसन मार्ग में सूजन तक आ जाती है। 

2. लंग्स कैंसर : वायु प्रदूषण के चलते अनेक लोग फेंफड़ों  के कैंसर से ग्रस्त हो जाते हैं। इसका पता तब चलता है जब शरीर के विभिन्न हिस्सों में यह रोग फैल चुका होता है। इसके साथ ही नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर तीन प्रकार के होते हैं, इनमें एडिनोकार्सिनोमा, स्क्वेमस सेल कार्सिनोमा और लार्ज सेल कार्सिनोमा। 

3.  दिल का दौरा : हृदय संबंधी बीमारियों के विशेषज्ञों का मानना है कि वायु प्रदूषण से दिल का दौरा पडऩे का खतरा बढ़ जाता है। जहरीली हवा के महीन कण पीएम 2.5 खून में प्रवेश कर जाते हैं। इससे धमनियों में सूजन आने लगती है और दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है। 

4. तीव्र श्वसन संक्रमण : श्वसन तंऋत्र का तीव्र संक्रमण रोग से बच्चे को सांस लेने में कठिनाई होती है। इससे सांस लेने में सहायक अंग नाक, गला और फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं। इस बीमारी के बच्चे अधिक शिकार होते हैं। इस बीमारी से 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु सबसे अधिक होती है। 

5.क्रानिक ऑब्सट्क्टिव पल्मोनरी डिजीज : यहां बता दें कि क्रानिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी जिसे संक्षिप्त में सीओपीडी भी कहा जाता है। नामक बीमारी भी वायु प्रदूषण से ही होती है। इसमें सांस लेने में तकलीफ होती है। यह बेहद खतरनाक बीमारी है। डब्ल्यूएचओं के अनुसार सीओपीडी से सबसे अधिक लोग मरते हैं। 

इन बीमारियों से बचने के आसान उपाय

वायु प्रदूषण से फैलने वाली बीमारियों से बचने के कई ऐसे सरल उपाय है जो हर कोई कर सकता है। ये उपाय इस प्रकार से हैं- : 

  • मास्क पहन कर ही घर से बाहर निकलें 
  • सांस संबंधी समस्या आने पर भाप लें। 
  • प्राणायाम करें
  • काढ़े का सेवन समय-समय पर करते रहें। 

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