केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी संसद में पेश करेंगे बिल
देश में जितने भी एक्सप्रेस वे बने हैं उन पर वाहनों की गति सीमा तय करने के लिए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने बिल तैयार कर लिया है। इस बिल के अंतर्गत केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक्सप्रेस वे पर वाहनों की गति सीमा 140 किलोमीटर प्रति घंटा (KMPH) तय किया है। यह बिल पारित होने के बाद देश के सभी एक्सप्रेस वे पर ट्रक, पिकअप, लॉरी, मिनी ट्रक सहित कार और बसें आदि वाहन तेजी से दौड़ेंगे। इससे समय और ईंधन की बचत होगी।
गडकरी ने कहा है कि हम गति को बढ़ाने के पक्ष में हैं लेकिन उच्चतम न्यायालय और हाईकोर्ट की कुछ बाधाएं हैं जिसके चलते हम चाह कर भी स्पीड लिमिट नहीं बढ़ा पाते। वहीं गडकरी ने यह भी कहा है कि अब सरकार संसद में बिल पेश कर गति सीमा बढाएगी। उन्होंने कहा कि भारत में वाहनों की गति सीमा का पैरामीटर बड़ी चुनौतियों में से एक है। अक्सर ये माना जाता है कि अगर वाहनों की गति सीमा बढ़ाई गई तो ज्यादा संख्या में सड़क दुर्घटनाएं होंगी। हमें इस मानसिकता से बाहर निकलना है जिसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय का कहना है कि वे व्यक्तिगत तौर पर मानते हैं कि एक्सप्रैसवे पर स्पीड लिमिट 140 किलोमीटर प्रति घंटा होनी चाहिए। यहां आपको बता दें कि एक्सप्रेस वे पर गति सीमा बढ़ाने का सरकार के निर्णय के पीछे कौन-कौन से प्रमुख कारण हैं-
गति सीमा बढ़ाने के ये हैं कारण
बता दें कि एक्सप्रेस वे पर गति सीमा बढ़ाने के कुछ खास कारण हैं। इन कारणों पर फोकस करते हुए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर चार लेन वाली सड़कों पर गति सीमा कम से कम 100 किमी प्रति घंटा होनी चाहिए। इसके अलावा दो लेन वाली सड़कों औरशहर की सड़कों के लिए गति सीमा 80 किमी प्रति घंटा और 75 किमी प्रति घंटा तक की जा सकती है।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आगे कहा कि आज हाइवे और एक्सप्रेस वे के दोनो तरफ बेरिकेडिंग की गई है। एक भी जानवर अंदर नहीं आ सकता। गडकरी ने कहा कि उन्होंने विभिन्न श्रेणियों की सड़कों के लिए वाहनों की अधिकतम गति सीमा को संशोधित करने के लिए एक फाइल तैयार की है। गडकरी ने न्यायालयों पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि लोकतंत्र में सरकार को कानून बनाने का अधिकार है और न्यायाधीशों को कानून की व्याख्या करने का अधिकार है। भारतीय सड़कों पर वाहनों की स्पीड लिमिट को संशोधित करने के लिए जल्द ही एक विधेयक संसद में पेश किया जाएगा।
प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में सरकार कर रही फोकस
केंंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि वर्तमान में देश, प्रदूषण और अर्थव्यवस्था की वजह से कई तरह की परेशानियों से गुजर रहा है। भारत सरकार का इंपोर्ट बिल ( IMPORT BILL ) फिलहाल 8 करोड़ रुपये सालाना है जो पांच साल के भीतर बढ़ कर 25 करोड़ रुपये हो जाएगा। हम पेट्रोल और डीजल वाहनों के इस्तेमाल से प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं। इससे बचने की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि हमें जल्द से जल्द ईंधन के स्वच्छ स्त्रौत का इस्तेमाल बढ़ाना होगा। देश में लिथियम की कमी नहीं है और भारत अपनी जरूरत का लिथियम खुद निर्माण कर सकता है। लिथियम के उत्पादन में भारत आने वाले समय में आत्मनिर्भर बनने वाला है।
भारत करेगा लिथियम आयन बैटरियों का एक्सपोर्ट
यहां बता दें कि जहां एक ओर केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एक्सप्रेस वे पर गति सीमा बढ़ाने के पक्ष में हैं वहीं भारत को प्रदूषण रहित देश बनाने के लिए भी सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है। इसके तहत देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। आने वाले समय में किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन को कहीं भी चार्ज करने में कोई समस्या नहीं आएगी। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में इंजीनियर्स ऐसी बैटरी बना रहे हैं जो एक बार चार्ज करने पर इलेक्ट्रिक कार को 800 किलोमीटर तक चला सकती है।
ये होगा देश का सबसे लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे
यहां बता दें कि देश के सबसे लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे है। इसकी लंबाई 1350 किलोमीटर है। 1 लाख करोड़ की लागत से निर्मित होने जा रहे इस एक्सप्रेस वे पर 400 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक काम हो कम्पलीट हो चुका है। अभी इसके 8 लेन बनाए गए हैं। इनके अलावा 4 लेन और बनाए जाएंगे। इनमें दो जाने के और 2 आने के होंगे। ये चारों लेन सिर्फ इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए रिजर्व होंगे। देश का पहला एक्सप्रेस होगा जिस पर इलेक्ट्रिक व्हीकल फोरलेन होंगी।
92 स्थानों पर इंटरवल स्पॉट विकसित होंगे
ग्रीनफील्ड एक्सपे्रस वे के बन कर तैयार हो जाने से केवल समय की ही बचत नहीं होगी बल्कि प्रदषण भी कम होगा। एक्सप्रेस वे के किनारे नई औद्योगिक टाउनशिप और स्मार्ट सिटी बनाने का भी प्रस्ताव है। इसका सर्वे जारी है।
ये हैं ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे की प्रमुख खासियतें
- एक्सप्रेस वे से हर साल 32 करोड़ लीटर ईंधन बचेगा।
- सुरक्षा के लिए सड़क के दोनो ओर 1.5 मीटर ऊंची दीवार बनेगी।
- टोल प्लाजा हाइवे के बजाय स्लिप लेन में बनाए जाएंगे ताकि जिस शहर में जाएंगे, उतना ही टोल लगे।
- हर 2.5 किलोमीटर के बाद पशुओं के लिए ओवरपास बनाए जाएंगे।
- एक्सप्रेस वे पर हर 500 मीटर पर एक अंडर पास होगा।
- दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के आसपास 15 लाख पेड लगाए जाएंगे।
- हर 50 किलोमीटर पर दोनो ओर फेसिलिटी सेंटर होंगे। वहां रेस्तरां, फूड कोर्ट, सुविधा स्टोर, ईंधन स्टेशन, ईवी चार्जिंग प्वाइंट और शौचालय आदि सुविधाएं होंगी।
ये हैं देश के टॉप 10 एक्सप्रेस वे
यहां आपको बता दें कि देश में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे अलावा टॉप 10 शानदार एक्सप्रेस वे हैं। इन सभी एक्सप्रेस वे पर जरूरी सुविधाओं के साथ ईवी चार्जिंग स्टेशन भी खोले जा रहे हैं। इनके नाम इस प्रकार हैं-
1. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
2. गंगा एक्सप्रेसवे
3. यमुना एक्सप्रेस वे
4. मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे
5. जयपुर-किशनगढ एक्सप्रेस वे
6. अहमदाबाद-बड़ोदरा एक्सप्रेस वे
7. दिल्ली गुडगांव एक्सप्रेस वे
8. वेस्टर्न एक्सप्रेस वे
9. ईस्टर्न एक्सप्रेसवे
10. इलाहाबाद बाईपास एक्सप्रेस वे
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