Posted On : 10 February, 2022
देश में इस समय ग्रीन एनर्जी का दौर चल रहा है। एक तरफ ग्रीन मोबिलिटी के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल और इनके निर्माण में तेजी लाने का प्रयास सरकारें कर रही हैं तो दूसरी ओर पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से सीएनजी वाहनों के निर्माण में भी तेजी आ रही है। बता दें कि हिन्दूजा समूह की प्रमुख वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनी अशोक लेलैंड ने सीएनजी (CNG) वाणिज्यिक वाहन निर्माण का बड़ा ऐलान किया है। कंपनी ने निर्णय लिया है कि वह सीएनजी कमर्शियल व्हीकल्स के निर्माण में सबसे आगे होगी। अपने वैकल्पिक ईंधन पोर्टफोलियो के लिए अशोक लेलैंड का यह कदम उसके बुनियादी ढांचे को और अधिक मजबूत बनाने को प्रेरित करेगा। अभी तक अशाोक लेलैंड का सीएनजी ट्रक बाजार का केवल 10 प्रतिशत हिस्सा ही है। आइए, जानते हैं सीएनजी पर अशोक लेलैंड की ओर से ज्यादा फोकस किए जाने के लिए कंपनी को क्या-क्या नये कदम उठाने पडेंगे और इससे कैसे प्रदूषण नियंत्रण करने में मिलेगी मदद?
अशोक लेलैंड की ओर से सीएनजी ट्रक बाजार को बढ़ाने के लिए जो निर्णय लिया गया है उसके पहले से ही अशोक लेलैंड कंपनी के सीएनजी और डीजल डेल्टा में वृद्धि हो रही है। यह करीब दो साल से जारी है। इसी के चलते कंपनी ने सीएनजी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने और हरित गतिशीलता के तहत यह निर्णय लिया है। कंपनी का मानना है कि सीएनजी की तेजी से आवाजाही हो रही है। छोटे रूटों के लिए सीएनजी लोकप्रिय होगी। वहीं सीएनजी ईंधन स्टेशनों आदि के बुनियादी ढांचे के निर्माण में तेजी लाई जाएगी। अशोक लेलैंड के एमएचसीवी के प्रमुख संजीव कुमार ने कहा है कि कंपनी ने अपनी हरित गतिशीलता पहले के हिस्से के तौर पर कम कार्बन का उपयोग करने वाली वैकल्पिक ईंधन प्रोद्योगिकी पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करने के लिए एक मजबूत टीम का गठन कर लिया है।
बता दें कि अशोक लेलैंड कंपनी ने ई कॉमेट स्टा आईसीवी (ICV) सीएनजी ट्रक रेंज के साथ सीएनजी सीवी माल वाहक के क्षेत्र में प्रवेश किया है। कंपनी की ओर से हाल ही लांच किए गए सीएनजी ट्रक के दो ग्रॉस व्हीकल वेट विकल्पों में उपलब्ध है। यह 16.1 टन और 14.25 टन एवं तीन सीएनजी सिलेंडर विकल्प वाला है। अशोक लेलैंड के एमएचसीवी के प्रमुख संजीव कुमार का कहना है कि ट्रकों जैसे भारी टन भार वाले वाहनों के लिए ईंधन के रूप में इलेक्ट्रिक में संक्रमण में कुछ समय लगेगा वहीं सीएनजी को तेजी से अपनाया जाएगा। हालांकि बसों में इलेक्ट्रिक सेगमेंट पर ध्यान दिया जा रहा है। अधिक भार वहन करने वाले वाहनों को स्थानांतरित करने में थोड़ा समय लग सकता है।
बता दें कि अशोक लेलैंड कंपनी की ओर से सीएनजी गैस वितरण कंपनियों के लिए कई निविदाएं भी खोली गई हैं। सीएनजी इंफ्रा अब कई राज्यों में काम कर रही है। वहीं इलेक्ट्रिक में बदलाव की तैयारी की जा रही है। निजी कंपनियों और राज्य परिवहन इकाइयों की मांगे भी वैकल्पिक ईंधन की ओर रुख कर रही हैं। हाल ही अशोक लेलैंड कंपनी ने नई दिल्ली हवाई अड्डे पर संचालन के लिए भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन को 10 बीएस -6 बसों की डिलीवरी की है। इसके अलावा कंपनी एक साथ इलेक्ट्रिक, एलएनजी, मेथनॉल जैसे सीएनजी के अलावा कई अन्य विकल्पों पर काम कर रही है।
बता दें कि हिन्दुजा समूह ने हाल ही में अशोक लेलैंड और पूर्व ऑप्टारे कंपनी के इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक वाहन संचालन को मिलाकर एक नई इलेक्ट्रिक वाहन फर्म, स्विच मोबिलिटी लांच की है। यह समूह शुद्ध शून्य कार्बन वाले हल्के वाणिज्यिक वाहनों के निर्माण में देश की अग्रिम पंक्ति में आना चाहता है।
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