फेम 3 सब्सिडी को लेकर इंतजार हुआ खत्म, जल्द मिलेगी मंजूरी
सरकार जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में एक बड़ी घोषणा करने जा रही है। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार अगले 1 से 2 माह के अंदर फेम (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल) योजना के तीसरे चरण फेम-3 को मंजूरी देगी। फेम स्कीम का यह नया वर्जन इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों और खरीददारों के लिए ढेर सारा तोहफा लेकर आएगा।
क्या है फेम-3 योजना?
फेम-3 योजना का उद्देश्य इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को तेजी से अपनाने और इनका उत्पादन बढ़ाने पर फोकस्ड है। पहले सरकार ने जहां फेम-1 और फेम-2 योजना लागू की थी, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी प्रदान की गई थी। वहीं इसके बाद सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए अब फेम-3 योजना में न केवल मांग बढ़ाने पर, बल्कि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने पर भी जोर दिया है।
फेम-1 और फेम-2 की की कमियों को किया जाएगा दूर
एच डी कुमारस्वामी ने बताया कि फेम-1 और फेम-2 में जो भी खामियां थीं, उन्हें दूर करने के लिए फेम-3 योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा, "फेम-3 पर कई सुझाव आ रहे हैं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए हम योजना को फाइनल रूप दे सकते हैं।"
एसोचैम द्वारा आयोजित एक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सम्मेलन में उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए अंतर-मंत्रालयी समूह काम कर रहा है और सुझावों पर गहन विचार-विमर्श किया जा रहा है।
जल्द मिलेगी मंजूरी
जब उनसे योजना की समय सीमा के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि एक या दो महीने में फेम-3 योजना को मंजूरी मिल सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सभी सुझावों पर विचार करके सबसे सकारात्मक और उपयोगी निर्णय लेगी।
EMPS 2024 की जगह लेगी फेम-3
फेम-3 योजना, EMPS (इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम) 2024 की जगह लेगी, जिसे इस साल अप्रैल में लॉन्च किया गया था और जो सितंबर के अंत तक समाप्त हो जाएगी। फेम-3 योजना इसी को आगे बढ़ाएगी और इसे और बेहतर बनाने पर फोकस करेगी।
नीति आयोग का दृष्टिकोण
नीति आयोग के सलाहकार सुधेंदु सिन्हा ने बताया कि फेम-3 योजना, फेम-2 के अनुभवों और सीखों पर आधारित है। उन्होंने कहा, "फेम-1 एक तरह से प्रयोग था, जबकि फेम-2 एक सुनियोजित प्लानिंग थी। अब, फेम-3 को पिछले एक्सपीरियंस को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है, ताकि ये और भी सफल हो सके।"
सिन्हा ने यह भी बताया कि फेम-3 योजना का मुख्य फोकस चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना है, ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ाया जा सके। इसके अलावा, फेम-3 में "नए वाहन सेगमेंट" में भी सरकार सब्सिडी का लाभ दे सकती है।
भारत को इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण का हब बनाने पर जोर
सुधेंदु सिन्हा ने आगे कहा कि भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग हब में अग्रणी बनाने के लिए हमें प्रोडक्ट की क्वालिटी, आपूर्ति श्रृंखला, प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण और बेहतर मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस जैसे मानकों पर ध्यान देना होगा। इससे न केवल घरेलू बाजार को लाभ होगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारतीय इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ेगी।
निष्कर्ष
फेम-3 योजना भारत में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को नया आयाम देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इस योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा सकेगा। साथ ही चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ-साथ नए वाहन सेगमेंट्स को भी सब्सिडी का फायदा मिलेगा। यह योजना देश को प्रदूषण मुक्त भविष्य की ओर बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है।
अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि अगले 1-2 महीनों में जब यह योजना मंजूर होगी, तब किस तरह के बदलाव और लाभ हमें देखने को मिलेंगे।
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