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सीईएसएल ने 1 लाख इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने के लिए छह कंपनियों का किया चयन

Posted On : 29 November, 2021

ईवी टेंडर के लिए महिंद्रा, टीवीएस सहित 6 कंपनियां चुनीं

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग और प्रदूषण नियंत्रण के सरकार के आदेशों के चलते ईवी निर्माता कंपनियां इस कारोबार में पूरी तरह से सक्रिय हो गई हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) ने 100,000 इलेक्ट्रिक वाहन बेचने के लिए छह कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया है। इसके तहत इन वाहनों के टेंडर किए गए हैं। जिन छह कंपनियों के नाम ये बोली छोड़ी गई है उनमें महिंद्रा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, टीवीएस मोटर कंपनी, काइनेटिक ग्रीन एनर्जी एंड पावर सॉल्यूशंस, एट्रियो, माली और केटो मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। यहां जानते हैं कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड के इलेक्ट्रिक वाहनों की क्या उपयोगिता रहेगी और इससे क्या फायदे होंगे।  

एल-1 की कीमत तिपहिया वाहनों की कीमत से 20 प्रतिशत कम 

बता दें कि सीईएसएल कंपनी की ओर से जिन इलेक्ट्रिक वाहनों को बेचने के लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई गई उनमें कम कीमत बोली मूल्य 306,691 रुपये प्रति तिपहिया यात्री वाहन छह कंपनियों में से प्रत्येक द्वारा मिलान किया गया था। एल-1 की कीमत तिपहिया वाहनों की मौजूदा कीमत से 20 प्रतिशत कम है। माल ढोने वाले वाहनों के लिए एल-1 की कीमत 320, 322 रुपये निर्र्धारित की गई थी, जो समान श्रेणी के वाहनों के लिए बाजार दर से 15 प्रतिशत कम थी। 

इसके अलावा आठ एमएसएमई समेत कुल 21 कंपनियों ने टेंडर के लिए आवेदन किया था। कंसोर्टियम में कई बोलियां जमा की गईं और सीईएसएल उनके तकनीकी पहलुओं के आधार पर प्रस्तावों पर विचार कर रहा था। यहां बता दें कि 21 बोलियों में से केवल 12 ही योग्य थीं। सीईएसएल कंपनी की योजना 50,000 व्हीकल्स को पट्टे पर देने और अन्य 50,000 को अपने ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से बेचने की है। वहीं कंपनी ने इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर्स कचरा निस्तारण वाले वाहन, माल वाहक, खाद्य एवं वैक्सीन लाने- ले जाने सहित यात्री वाहनों के उत्पादन के लिए बोलियां मांगी थी। 

सीईएसएल भारत में 2 लाख ईवी करेगी पेश 

यहां बता दें कि सीईएसएल जल्द ही 2 लाख इलेक्ट्रिक वाहन भारतीय ऑटो बाजार में पेश करेगी। भारत में कई नामी एजेंसियां इलेक्ट्रिक मोबिलिटी बनाने में मदद कर रही हैं। कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक से अधिक संख्या में बाजार में उतारने के लिए कई वाहन निर्माता कंपनियों से व्यापारिक संबंध स्थापित कर रही है। सीईएसएल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी महुआ आचार्य ने एक साक्षात्कार में कहा कि सार्वजनिक और निजी एजेंसियों, इन दोनों में ही इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग उत्साहजनक रही है। जानकारी के लिए बता दें कि सीईएसएल एनर्जी एफिशिएंशी सर्विसेज लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है जो भारत में जल्द ही  300,000 ईडब्ल्यू और दो लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन पेश करने की प्रस्तावित योजना है। कंपनी ने भारत के नौ शहरों में ई बसों की तैनाती के लिए ग्रेंड चेलेंज की भी घोषणा की थी। 

टाटा समूह ने की थी ईवी के लिए 7,500 करोड़ निवेश की पहल 

यहां यह उल्लेखनीय है कि टाटा समूह की ओर से कुछ दिन पहले ही नए इलेक्ट्रिक वाहन और इनके इंफ्रास्ट्रैक्चर के लिए 7,500 रुपये के निवेश की घोषणा की गई है। इसके बाद तो कई कंपनियों में जैसे होड़ मच गई है। कई कंपनियां अपने सालाना विकास और कारोबार वृद्धि के लिए इलेक्ट्रिक वाहन बेचने के लिए धन जुटा रही हैं। इधर महिंद्रा समूह ने कहा हैकि वे एक नई ईवी कंपनी स्थापित करने के लिए तैयार हैं। भविष्य में इसके लिए नया ब्रांड भी स्थापित किया जा सकता है। अभी निवेशकों से बात चल रही है। महिंद्रा समूह ने कहा है कि 2027 तक 13 नई एसयूवी लाई जा सकती हैं इनमें 8 इलेक्ट्रिक होंगी। 

टीवीएस मोटर भी लगी फंडिंग में जुटी 

इलेक्ट्रिक वाहनों की सेल एवं उत्पादन की होड़ में टीवीएस मोटर कंपनी भी पीछे नहीं है। बता दें कि  कि उसने हाल ही इलेक्ट्रिक वाहन सहायक कंपनी की स्थापना भी की है।  कंपनी बाहर से फंडिंग के लिए इंवेस्टर्स से बात कर रही है। अभी वार्ता अंतिम दौर में नहीं पहुंची है। 

बजाज का इन हाउस ईवी प्रोग्राम 

इलेक्ट्रिक वाहनों के कारोबार में बजाज ऑटो निवेश के लिए सही समय का इंतजार कर रही है। बजाज ऑटो ने कहा है कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि  जो भी निवेश किया जाए वह बजाज ऑटो पोर्टफोलियो का निर्माण करे। बजाज का इलेक्ट्रिक वाहन लाने की योजना के लिए इन हाउस ईवी प्रोग्राम भी चल रहा है। कंपनी को उम्मीद कि 2022 में हर हाल में उसके पास इलेक्ट्रिक वाहन ग्राहकों के लिए उपलब्ध रहेंगे।  

मारुति सुजुकी पहले से ईवी के लिए ही तैयार   

सीईएसएल कंपनी की ओर से 1 लाख इलेक्ट्रिक वाहन तैयार कराने के लिए हाल ही छह कंपनियों के नाम छोड़े गए टेंडर के बाद कई कंपनियों ने भी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण में खासी दिलचस्पी जताई है। मारुति सुुजुकी ने तो यहां तक ऐलान कर दिया है कि उसे इसमें नये निवेश की जरूरत नहीं है। वह 2025 के आसपास इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में पेश कर देगी।  

मार्च 2022 में हीरो मोटोकार्प करेगी ईवी लांच 

यहां बता दें कि हीरो मोटोकार्प ने कहा कि मार्र्च 2022 में उसका इन हाउस ईवी कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। उनकी गोगोरो के साथ साझेदारी और एथर में निवेश भी है। उसे बाहर से फंडिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी। उसके पास पर्याप्त नकद भंडार है। 

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी दौड़ में भारत तेज धावक 

भारत सहित कई देशों में ईंधन विकल्प के तौर पर इस समय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर दौड़ चल रही है। भारत के संदर्भ मेंं बात की जाए तो यहां प्रमुख वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनियों में टाटा मोटर्स ने हाल ही में पांच वर्षों में अपने ईवी कारोबार में 15,000 करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धता की घोषणा की है। इसी तरह पिछले कुछ महीनों में सी-फोर-5, महिंद्रा एंड महिंद्रा और हुंडई द्वारा की गई संचयी निवेश प्रतिबद्धताओं की कुल राशि 10,000 करोड़ रुपये से अधिक है। 

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक प्रयास जारी 

यहां यह बता दें कि पिछले कई सालों से केंद्र और सभी राज्य सरकारों की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिए जाने संबंधी प्रोत्साहन वाली योजनाएं संचालित हो रही हैं वहीं कई ईवी इंफ्रास्ट्रैक्चर कंपनियां और आम नागरिकों को भी इसमें सहयोग नजर आ रहा है। इन प्रयासों में घरेलू बैटरी उत्पादन, चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना, केंद्र सरकार की नई वाहन स्क्रेपिंग पॉलिसी के प्रावधान, वित्तीय एजेंसियों की ओर से आसान ऋण सुविधाएं प्रदान करना इत्यादि ऐसे ही उपाय हैं जिनके कारण इलेक्ट्रिक वाहनों तक लोगों की पहुंच सरल हो गई है। 

सियाम ने दिया 2030 तक भारत सरकार को यह सुझाव 

ग्रीन मोबिलिटी के अंतर्गत इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में सियाम का सुझाव है कि भारत 2030 तक 40 प्रतिशत नए यात्री वाहनों की बिक्री और 100 प्रतिशत सार्वजनिक क्षेत्र यानि वाणिज्यिक परिवहन वाले वाहनों के संचालन का लक्ष्य रख सकता है। 

इसी तरह से नीति आयोग ने अपने पूर्वानुमानों में उल्लेख किया था कि भारत सभी वाणिज्यिक कारों के 70 प्रतिशत का विद्युतीकरण हासिल कर सकता है। इस आंकलन के आधार पर सरकार और नागरिकों को संयुक्त रूप से लक्ष्यों की पूर्ति में सहयोग देना होगा। यहां यह उल्लेखनीय है कि इलेक्ट्रिक वाहनों में तिपहिया वाणिज्यिक वाहनों के अधिक से अधिक बढ़ावे से उत्सर्जन शून्य की ओर  जाने में काफी हद तक मदद मिलेगी।

 

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