आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब बैटरी को बनाएगा सुपर एफिशिएंट, होंगे कई फायदे
रिसर्च और डेवलपमेंट के जरिए लगातार नई EV बैटरी तकनीक का आना इलेक्ट्रिक वाहनों के सुनहरे भविष्य को दर्शाता है। हाल ही में AI पावर्ड बैटरी तकनीक की खोज हुई है और इस पर कुछ कंपनियां तेजी से काम कर रही है। इस तकनीक से EV बैटरी की क्षमता काफी बढ़ जाएगी। यह तकनीक बैटरी को तेजी से चार्ज होने में मदद करती है और एनर्जी लागत को भी कम करती है। साथ ही इसके कई सुरक्षात्मक फायदे भी है। बता दें कि दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों की सेल में अच्छी खासी तेजी देखने को मिल रही है। वहीं भारत में भी इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री तेजी से बढ़ रही है। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को लगातार प्रोत्साहन दिया जा रहा है। वहीं आरएंडडी से आ रही नई बैटरी तकनीक और फीचर्स EV ग्राहकों के लिए काफी सकारात्मक है। इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में कंपनियां लगातार काम कर रही है।
चलिए इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी की इस नई तकनीक के बारे में विस्तार से समझते हैं।
क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बैटरी तकनीक?
AI बैटरी तकनीक भविष्य की बैटरी तकनीक है, जो बैटरी बनाने और उसके परीक्षण की कॉस्ट को तो कम करता ही है, साथ ही इसकी उपयोगिता लागत को भी कम करता है। बता दें कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अगला लक्ष्य इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी ही है। हाल ही में अमेरिकी EV बैटरी डेवलपर केमिक्स ने 20 मिलियन डॉलर की फंडिंग रेज़ की है। यह तीन वर्षीय स्टार्टअप कंपनी एआई तकनीक से बैटरी की डिजाइनिंग और निर्माण करती है।
एआई तकनीक के माध्यम से बैटरी का निर्माण पहले के मुकाबले आसान हो जाता है। गौरतलब है कि बैटरी का विकास धीमी और बहुत मुश्किल प्रक्रिया है, और बैटरी को कई बार टेस्टिंग से गुजरना पड़ता है। इसकी क्वालिटी मापना, क्षमता मापना आदि कार्य परीक्षण के तौर किए जाते हैं। इसमें लंबा समय लगता है क्योंकि इस प्रक्रिया में बैटरी को हजारों बार चार्ज और डिस्चार्ज किया जाता है। एआई की मदद से कंपनी इस काम को बहुत ही कम समय में कर सकती है।
बैटरी में लाइफ साइकल को भी बढ़ाती है एआई तकनीक
हाल ही में एक क्लाइंट के लिए कंपनी ने एआई की मदद से बैटरी में इलेक्ट्रोलाइट विकसित किया। इस प्रक्रिया में बैटरी के कैथोड और एनोड के बीच आयनों का स्थानांतरण किया जाता है। यह प्रक्रिया 2 महीने के समय अवधि में बैटरी के जीवन चक्र यानी लाइफसाइकल को 400% तक बढ़ाता है। कंपनी के को फाउंडर और सीईओ कैक्सियांग लिन ने बताया कि बिना एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस प्रक्रिया में दो गुना समय लगता है। यानी एआइ की मदद से 4 महीने का काम सिर्फ 2 महीने में पूरा किया जा सकता है।
और क्या क्या फायदे होंगे?
इस एआई प्रक्रिया से बैटरी का जहां लाइफसाइकल बढ़ता है, वहीं इससे तेज चार्जिंग, कम चार्जिंग लागत जैसे फायदे भी होते हैं। एक अमेरिकी स्टार्टअप कंपनी सेपियन टेक्नोलॉजीज ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बैटरी के लिए नॉन फ्लेमेबल यानी गैर ज्वलनशील इलेक्ट्रोलाइट विकसित किया है। यह इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की रिस्क और गंभीरता को कम करता है और EV यूजर के लिए ज्यादा सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
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