दिल्ली सरकार जल्द लागू करेगी नई ईवी पॉलिसी, कम खर्च में फास्ट चार्जिंग की सुविधा मिलेगी
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की रफ्तार जिस गति से बढ़नी चाहिए, वह अब तक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण धीमी रही है। खासतौर पर सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। यदि इन चार्जिंग स्टेशनों का तेजी से विस्तार किया जाए, तो अधिक से अधिक लोग ईवी अपनाने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। सरकार भी इस चुनौती को भली-भांति समझती है और अब इस दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं। नई पहल के तहत सरकार हर 5 किलोमीटर की दूरी पर एक नया इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है, जिससे देश में ईवी अपनाने की प्रक्रिया को नई गति मिल सकेगी। आइए, इस खबर को विस्तार से जानते हैं।
दिल्ली सरकार जुलाई 2025 तक लागू करेगी नई ईवी नीति
दिल्ली सरकार जल्द ही अपनी नई इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति लागू करने जा रही है। इस नीति का उद्देश्य न केवल हरित परिवहन को बढ़ावा देना है, बल्कि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना और बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन भी है। यह नई नीति जुलाई मध्य तक मौजूदा नीति की जगह ले सकती है। परिवहन अधिकारियों के अनुसार, आगामी ईवी नीति में हर पांच किलोमीटर पर कम लागत वाले और तेज ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया है।
नई नीति में बैटरी स्वैपिंग सुविधाओं को मिलेगा बढ़ावा
नई ईवी नीति में बैटरी स्वैपिंग सुविधाओं को बढ़ावा देना, ईवी किट को दोबारा फिट करने और पुराने वाहनों को हटाने के लिए आकर्षक प्रोत्साहन शामिल होंगे। इसके अलावा, सरकार शहर में एक समर्पित ईवी कॉरिडोर विकसित करने पर विचार कर रही है, जो संभवतः आउटर रिंग रोड के साथ तैयार किया जाएगा। यह कॉरिडोर दिल्ली के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक है, जो कई प्रमुख गंतव्यों और आवासीय क्षेत्रों को जोड़ता है।
यूजर्स की आसान पहुंच में होंगे चार्जिंग स्टेशन
दिल्ली में चार्जिंग स्टेशनों को उन जगहों पर स्थापित किया जाएगा जहां ईवी का हर यूजर्स आसानी से पहुंच सके। चार्जिंग स्टेशनों को फ्लाईओवरों के नीचे और खाली पड़ी जमीनों पर स्थापित किया जाएगा, ताकि यातायात में बाधा न आए। इस बात पर खास ध्यान दिया जाएगा कि चार्जिंग प्वाइंट्स के प्रवेश और निकास आसान हों, जिससे ईवी उपयोगकर्ताओं को कोई असुविधा न हो। अधिकारियों के अनुसार, इस रूट को एक "ईवी-फ्रेंडली कॉरिडोर" के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि चार्जिंग की चिंता करने वाले नए ईवी खरीदारों का भरोसा बढ़े।
रोजगार के 20 हजार नए अवसर पैदा होंगे
दिल्ली सरकार की नई नीति का एक प्रमुख लक्ष्य रोजगार सृजन भी है। सरकार का इरादा कम से कम 20,000 नए रोजगार पैदा करने का है, जिसमें चार्जिंग नेटवर्क और बैटरी स्वैपिंग इकोसिस्टम की भूमिका अहम होगी।
मौजूदा नीति में मिलती है आकर्षक सब्सिडी
दिल्ली की ईवी नीति 2020 में लागू की गई थी और इसे अब तक कई बार बढ़ाया गया है। मौजूदा नीति में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए ₹5,000 प्रति kWh (अधिकतम ₹30,000), ई-रिक्शा और ई-कार्ट के लिए ₹30,000 और ई-साइकिल के लिए ₹5,500 तक की सब्सिडी दी जा रही है। हाल ही में इसे 15 अप्रैल 2025 के बाद तीन महीने के लिए विस्तारित किया गया था।
अब नई नीति से उम्मीद की जा रही है कि यह दिल्ली को देश का सबसे सशक्त ईवी-फ्रेंडली शहर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।
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