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ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट : इन बातों का रखेंगे ध्यान तो ड्राइविंग टेस्ट में नहीं होंगे फेल

News Date 25 Aug 2021

ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट : इन बातों का रखेंगे ध्यान तो ड्राइविंग टेस्ट में नहीं होंगे फेल

ड्राइविंग टेस्ट के समय बरतें खास सावधानियां, एक गलती से 31 प्रतिशत लोग हो जाते हैं फेल 


क्या आपको मालूम है कि ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया के तहत एक ऐसा टेस्ट है जिसमें अक्सर 31 प्रतिशत लोग गलती कर बैठते हैं और इनका ड्राइविंग लाइसेंस बनने से रह जाता है। अगर आप भी ट्रक, पिकअप, थ्री व्हीलर या ऑटो रिक्शा, ट्रैक्टर आदि का ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने जा रहे हैं तो ऐसी गलती नहीं दोहराएं। केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। यहां बता दें कि आरटीओ के सभी मानदंडों के अनुरूप ड्राइविंग टेस्ट पास करने के बाद लाइसेंस जारी किया जाता है लेकिन जब ड्राइविंग टेस्ट होता है तो अक्सर लोग वाहन को रिवर्स करने में गलती करते हैं। 


ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने की मुख्य वजह 

वाहन लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया के दौरान होने वाले ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने का अनुपात क्यों ज्यादा आता है।  इस संबंध में जारी की गई केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के आधार पर सामने आया है कि वाहन रिवर्स करने में गलती सबसे ज्यादा होती है। आपको बता दें कि आरटीओ के नियम और शर्तो के मुताबिक वाहन चलाकर दिखाना होता है। इसमें लोग सावधानियां भी बरतते हैं लेकिन 31 प्रतिशत लोगों से वाहन रिवर्स में करने की गलती हो जाती है। जैसे कार या ट्रक को रिवर्स करना है तो अधिकांश लोग सामने और दाएं-बाएं तो वाहन को मोड़ लेते हैं लेकिन जब रिवर्स करने की बारी आती है तो सही तरीके से रिवर्स नहीं कर पाते। ऐसे में टेस्ट देने वाले ये लोग असफल हो  जाते हैं और  इनका लाइसेेंस नहीं बन पाता है। 


लाइसेंस हासिल करने के लिए चाहिए 69 प्रतिशत अंक 

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया में आवेदक को कम से कम 69 प्रतिशत अंक लाना आवश्यक है। इसके बाद ही वह आगे के टेस्ट के लिए  क्वालिफाई होगा। आवेदक को गाडी चलाने के साथ उसे दाएं-बाएं करना, लेन पर चलना, सही समय पर ब्रेक लगाना, मुडने के लिए इंडिकेटर देना, रिवर्स करना आदि बुनियादी ड्राइविंग के तौर तरीकों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। 


ड्राइवर लाइसेंस बनवाने की प्रकिया हुई सरल 

केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने जुलाई 2021 से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रकिया में कई सुधार किए हैं। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन प्रस्तुत करने से लेकर टेस्ट की प्रक्रिया को आसान कर दिया गया है। वहीं वाहन से संबंधित दस्तावेजों में त्रुटि सुधार, बदलाव और नवीनीकरण की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है। इससे अब आवेदक घर बैठे ही सभी सेवाओं का लाभ उठा सकता है। मंत्रालय ने आवेदक के  पते में बदलाव, रोड टेक्स भुगतान, रिन्युअल, डुप्लीकेट लाइसेंस, आरसी आदि 33 सेवाएं दिल्ली सरकार ने ऑनलाइन कर दी हैं। अब लोगों को केवल ड्राइविंग टेस्ट और फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए ही आरटीओ जाना पड़ेगा। 


लर्निंग लाइसेंस भी ऑनलाइन 

दिल्ली एनसीआर में परिवहन विभाग ने लर्निंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया भी ऑनलाइन कर दी है। आप घर बैठे ही लर्निंग लाइसेंस बनवा सकते हैं। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करने के साथ ही घर से ही टेस्ट दिया जा सकता है जो भी ऑनलाइन होगा। टेस्ट में पास होने के बाद लर्निंग लाइसेंस आपके घर पहुंच जाएगा। लर्निंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन टेस्ट में 15 सवालों के जवाब देने होंगे। नौ सवालों के जवाब सही होन पर टेस्ट पास माना जाएगा। लर्निंग लाइसेंस बनने के एक महीने बाद स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेंगे। 


40 वर्ष से कम उम्र वालों को नहीं देना होगा मेडिकल सर्टिफिकेट 

दिल्ली सरकार ने यह भी व्यवस्था की है कि लर्निंग लाइसेंस के लिए मेडिकल प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया के तहत चालीस वर्ष से कम आयुवर्ग के लोगों को अब मेडिकल सर्टिफिकेट देने की आवश्कता नहीं होगी। इससे यह पारदर्शिता रहेगी कि फर्जी सर्टिफिकेट बनवाने वालों पर स्वत: ही रोक लग जाएगी। उधर यूपी में योगी सरकार ने तो ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मेडिकल प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू भी कर दी है। यहां आवेदक को मेडिकल प्रमाणपत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। चिकित्सा अधिकारी प्रत्येके मेडिकल प्रमाण पत्र जारी करने के लिए दस रूपये का शुल्क लिया जाएगा। इसके लिए सारथी पोर्टल पर मेडिकल अधिकारियों की ऑनलाइन लॉगिन आईडी बनाई जा रही है। इनके द्वारा जारी प्रमाण पत्रों के आधार पर ही लाइसेंस बनाए जाएंगे।  

 

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